
आपको बता दें कि साल 2025 की शुरुआत में सूर्य देव अपनी उच्च राशि मेष में प्रवेश करने जा रहे हैं। जिससे कुछ राशियों पर सूर्य देव की विशेष कृपा रहने वाली है। साथ ही इन राशियों को मान- सम्मान और प्रतिष्ठा की प्राप्ति हो सकती है। आइए जानते हैं ये लकी राशियां कौन सी हैं…


प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)
सिंह राशि (Leo Zodiac)
सूर्य ग्रह आप लोगों के लिएका सूर्य देव का गोचर लाभप्रद सिद्ध हो सकता है। क्योंकि सूर्य देव एक तो आपकी राशि के स्वामी हैं। साथ ही सूर्य देव आपकी गोचर कुंडली से भाग्य स्थान पर भ्रमण करेंगे। इसलिए इस दौरान आपकी किस्मत चमक सकती है। साथ ही आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और आपके धन में कई गुना वृद्धि होगी। वहीं आपको परिवार का साथ मिलेगा। साथ ही आप किसी धार्मिक या मांगलिक कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं। साथ ही आप देश- विदेश की यात्रा पर जा सकते हैं।
मेष राशि (Aries Zodiac)
आप लोगों के लिए सूर्य देव का राशि परिवर्तन अनुकूल सिद्ध हो सकता है। क्योंकि सूर्य देव आपकी राशि से लग्न भाव पर संचरण करने जा रहे हैं। इसलिए इस दौरान आपकी कार्य करने की शैली में निखार आएगा। साथ ही आपके आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। वहीं इस दौरान नौकरीपेशा लोगों को सीनियर्स का सहयोग मिलेगा। प्रमोशन के योग हैं। परिवार में खुशी का माहौल रहेगा। शादी या संतान से जुड़ी शुभ खबर मिल सकती है। साथ ही इस दौरान पार्टनरशिप के काम में सफलता मिल सकती है।
धनु राशि (Dhanu Zodiac)
आप लोगों के लिए सूर्य देव का गोचर शुभ फलदायी सिद्ध हो सकता है। क्योंकि सूर्य देव आपकी राशि से पंचम भाव पर संचऱण करने जा रहे हैं। इसलिए इस दौरान आपको संतान से जुड़ा कोई शुभ समाचार मिल सकता है। साथ ही कार्यक्षेत्र से आय के नए स्रोत बनेंगे। अटका हुआ धन वापस मिल सकता है। रिश्तों में मजबूती आएगी। लव लाइफ में रोमांच बढ़ेगा। वहीं इस समय छात्र किसी उच्च संस्थान में कोर्स करने का मन बना सकते हैं। वहीं इस दौरान ध्यान, योग, और आध्यात्मिक गतिविधियों में रुचि बढ़ेगी। यह मानसिक शांति और आंतरिक संतुलन लाएगा।
खगोलशास्त्री, खगोल फोटोग्राफर और अंतरिक्ष के शौकीन लोग लंबे समय से शनि और उसके प्रतिष्ठित छल्लों से मोहित हैं। हालाँकि, उनकी भव्यता की सराहना करने का अवसर कम होता जा रहा है।
शनि के छल्ले ‘गायब’ क्यों हो रहे हैं?
Earth.com के अनुसार, “शनि पृथ्वी के किनारे पर आ जाएगा, जिससे उसके शानदार छल्ले लगभग अदृश्य हो जाएँगे। यह ठीक वैसा ही है जैसे फ़ुटबॉल मैदान के दूर के छोर पर रखे कागज़ के पन्ने को किनारे से ढूँढ़ने की कोशिश करना।”
हालांकि ये छल्ले अविश्वसनीय रूप से चौड़े हैं, जिनकी ऊंचाई आमतौर पर 30 फीट होती है, लेकिन हर 15 साल में ये छल्ले लगभग अदृश्य हो जाते हैं, जिससे ऐसा लगता है कि ये गायब हो गए हैं। इस घटना को शनि विषुव कहा जाता है। पिछली बार यह खगोलीय घटना सितंबर 2009 में हुई थी। यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार, अगला विषुव 6 मई, 2025 को होने की उम्मीद है।
क्या शनि के छल्ले फिर कभी दिखाई देंगे?
हां, ये छल्ले फिर से दिखाई देंगे, लेकिन 2032 में। शनि अपने 29.5 साल के परिक्रमा नृत्य को जारी रखते हुए धीरे-धीरे झुकेगा, जिससे एक बार फिर विपरीत दिशा में इसके छल्ले दिखाई देंगे। यह प्रदर्शन 2032 में चरम पर होगा।
शनि के वलय के बारे में अधिक जानकारी
नासा के अनुसार शनि के वलय बहुत बड़ी और जटिल संरचनाएँ हैं। शनि के वलय में अधिकांश कण पानी की बर्फ से बने हैं और इनका आकार माइक्रोन से लेकर दसियों मीटर तक है। वलय सभी पैमानों पर उल्लेखनीय मात्रा में संरचना प्रदर्शित करते हैं। इस संरचना का एक बड़ा हिस्सा अभी भी अज्ञात है, लेकिन माना जाता है कि यह शनि के कई चंद्रमाओं के साथ गुरुत्वाकर्षण संबंधों से जुड़ा हुआ है।
