नजूल बस्तियों में निवासरत लोगों के साथ हुआ छलावा किसी को नहीं मिला मालिकाना हक, और ना ही मिलने की उम्मीद

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नजूल बस्तियों में निवासरत लोगों के साथ हुआ छलावा

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प्रिंट मीडिया,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर

किसी को नहीं मिला मालिकाना हक, और ना ही मिलने की उम्मीद
रुद्रपुर। नजूल पर निवासरत लगभग 30000 परिवारों के साथ पिछले 3 दशकों से सिर्फ छलावा हो रहा है किसी भी नजूल पर बैठे बस्ती के गरीब व्यक्ति को ना मालिकाना हक मिला है और न मिलने की कोई उम्मीद है। सरकार के मुख्यमंत्री द्वारा नजूल पर निवासरत लोगों को दिए गए पट्टे भी सिर्फ एक झुनझुना है
उल्लेखनीय है कि रुद्रपुर शहर में लगभग 1800 एकड़ नजूल की भूमि है जिस पर लगभग 30000 परिवार निवासरत है विगत 2016 में कांग्रेस सरकार द्वारा बनाई गई नजूल नीति को भाजपा सरकार ने निरस्त कर दिया था और नई नजूल नीति बनाने की बात कही गई थी वही जनहित याचिका संख्या 169/ 2018 दाखिल होने के बाद माननीय उच्च न्यायालय ने भी नजूल नीति पर रोक लगा दी थी इसके बाद नजूल पर निवासरत लोगों को उजाड़ने का भय सताने लगा था।तत्कालीन भाजपा सरकार द्वारा चुनाव को देखते हुए उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ माननीय सर्वोच्च न्यायालय में एसएलपी संख्या 27862/2018 दाखिल की थी जिस पर माननीय उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी गई थी। उसके बाद भाजपा सरकार द्वारा 2021 में नई नजूल नीति 1 वर्ष के लिए लाई गई थी जो बाद में 1 वर्ष के लिए और बढ़ा दी गई थी अब वह नजूल नीति भी समाप्त हो चुकी है। जिसे बाद मे दिसंबर 2024 तक बढ़ाया गया है वह भी अब समाप्त हो चुका है। 21 फरवरी 2024 को जनहित याचिका संख्या 169/2018 पर ही 2024 में माननीय उच्च न्यायालय ने सभी नजूल नीतियों को समाप्त करते हुए सरकार से स्टेटस मांगा था और यह कहा था कि नजूल पर निवासरत लोगों को मालिकाना हक नहीं दिया जा सकता तथा नजूल की सभी कार्रवाई को तत्काल प्रभाव से रोकने के आदेश दिए गए थे और कहा गया था कि जब तक माननीय सर्वोच्च न्यायालय में 27862 / 2018 एसएलपी का अंतिम निर्णय नहीं आ जाता तब तक नजूल पर किसी तरह का कोई हक नहीं दिया जाएगा जिस पर सरकार द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में अपना कोई स्टेटस दाखिल नहीं किया जबकि सरकार के पास फरवरी 2024 से लेकर अब तक का समय था
इसके विपरीत 6 मार्च 2024 को रुद्रपुर के गांधी पार्क में भाजपा सरकार व माननीय मुख्यमंत्री द्वारा 2600 लोगों को नजूल पर मालिकाना हक के पट्टे दिए गए जो माननीय उच्च न्यायालय के 21 फरवरी 2024 के आदेश का उल्लंघन है जब माननीय उच्च न्यायालय ने स्पष्टरुप से यह कह दिया गया है कि नजूल पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं हो सकती तो सरकार द्वारा नजूल पर निवासरत लोगों को गुमराह क्यों किया गया है और सरकार सरकार द्वारा विगत दिनों जोu बिजली के कनेक्शन पर रोक लगाई गई थी वह भी इसी आदेश को लेकर की गई कार्रवाई है अब रुद्रपुर के नजूल बासियो को सोचना है


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