पिथौरागढ़,जब सिर्फ जीतना ही लक्ष्य हो तो सफलता अवश्य मिलती है यह कर दिखाया है उत्तराखंड के दो मुक्केबाज पवन बर्थवाल और बबीता बिष्ट ने। दोनों ने अपने पंचों की आंधी से विपक्षी मुक्केबाजों को धराशायी कर पहले ही तीन मिनट में मुकाबला जीतकर पदक की उम्मीद बढ़ा दी है।

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राष्ट्रीय खेलों के तहत स्पोर्ट्स कॉलेज में बॉक्सिंग के आगाज पर दोनों ने नाकआउट मुकाबले में उड़ीसा के मुक्केबाजों हराकर बाहर का रास्ता दिखाया है।

प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)

राष्ट्रीय खेलों के तहत स्पोर्ट्स कॉलेज पिथौरागढ़ में बॉक्सिंग प्रतियोगिता का शुभारंभ हुआ जो इसकी मेजबानी कर रहे उत्तराखंड के लिए बेहतरीन रहा। पुरुष वर्ग के 57 किलो भार वर्ग के तीसरे मुकाबले में उत्तराखंड के उभरते मुक्केबाज पवन और ओपन नेशनल के सब जूनियर वर्ग में स्वर्ण पदक जीतने वाले उड़ीसा के अक्षय रिंग में उतरे तो दर्शकों की निगाह इस मुकाबले पर टिकी रहीं।
दोनों के बीच मुकाबला कड़ा होने की उम्मीद थी। मुकाबला रोचक हुआ और पवन ने रिंग में उतरते ही विपक्षी पर पंच जमाने शुरू किए। उनके पंचों की आंधी ऐसी चली कि विपक्षी मुक्केबाज इनका जवाब ही नहीं दे सका। पहले ही तीन मिनट में अपने जोरदार पंचों की बदौलत पवन ने मैदान मार लिया।
वहीं महिला वर्ग के 75 किलो भार वर्ग के आठवें मुकाबले में उत्तराखंड की बबीता बिष्ट और उड़ीसा की सुनीता जीना रिंग में उतरीं। बबीता ने रिंग में उतरते ही विपक्षी पर पंच जमाने शुरू कर दिए। नतीजतन पहले ही तीन मिनट में विपक्षी सुनीता उनके प्रहार को नहीं झेल सकीं और धराशायी हो गईं।
बबीता ने नाकआउट मुकाबला जीतकर अगले राउंड में प्रवेश किया। दोनों मुक्केबाजों ने बेहतरीन खेल दिखाते हुए प्रदेश को पदक दिलाने की उम्मीद बढ़ा दी है।

आरती की विपक्षी से नजरें हटीं तो टूट गई पदक लाने की उम्मीद
पिथौरागढ़। पिथौरागढ़ निवासी उत्तराखंड की मुक्केबाज आरती धरियाल 57 किलो भार वर्ग में प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर पदक पाने के लिए रिंग में उतरीं। पहले ही राउंड से विपक्षी यूथ बॉक्सिंग की तीन बार की वर्ल्ड चैंपियन सर्विसेज की साक्षी उन पर भारी पड़ने लगीं। आरती की नजरें विपक्षी से हटतीं रहीं और उसके पंच उस पर भारी पड़ते रहे। मुख्य कोच और कोच हर बार उन्हें विपक्षी पर नजरें टिकाने की बात करते रहे लेकिन वह ऐसा नहीं कर सकीं। नतीजतन वह विपक्षी के सामने पस्त हो गईं और 5-0 से मुकाबला हारकर वह प्रतियोगिता से बाहर हो गईं। ऐसे में उनका प्रदेश को पदक दिलाने का सपना टूट गया।

कोट –
यह जीत मेरे और पूरे प्रदेश के लिए बढ़ी है। अपने प्रदेश को पदक दिलाने के लिए मैं पूरी तरह तैयार हूं। प्रदेश के हर व्यक्ति की शुभकामना मेरे साथ हैं। इसके लिए कड़ी मेहनत करुंगा। निश्चित तौर पर राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड का गौरव बढ़ेगा। – पवन बर्थवाल, मुक्केबाज, उत्तराखंड।

कोट
– राष्ट्रीय खेलों में पहली जीत से हौसला मिला है। पूरे प्रदेशवासियों का आशीर्वाद मेरे साथ है। प्रदेश को पदक दिलाने के लिए कड़ी मेहनत की है। उम्मीद है इसमें सफलता मिलेगी। – बबीता बिष्ट, मुक्केबाज, उत्तराखंड।

कोट –
उत्तराखंड के मुक्केबाजों ने बेहतरीन खेल दिखाया है। दो मुक्केबाजों ने नाकआउट मुकाबले जीतकर अगले चक्र में प्रवेश किया। प्रदेश को सभी मुक्केबाजों को बेहतरीन प्रशिक्षण दिया गया है। निश्चित तौर पर मुक्केबाज प्रदेश को पदक दिलाएंगे इसकी शुरुआत बेहद अच्छी रही है। – भाष्कर भट्ट, मुख्य कोच, उत्तराखंड महिला बॉक्सिंग।


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