वृक्षारोपण आंदोलन: पर्यावरण संरक्षण और कर्मचारियों के अधिकारों की अनूठी पहल

Spread the love

वृक्षारोपण आंदोलन की ऐतिहासिक उपलब्धियों और कर्मचारियों की मांगों पर केंद्रित लेख

प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)

संयुक्त कर्मचारी महासंघ, कुमाऊं गढ़वाल मंडल विकास निगम के प्रांतीय आवाहन पर नियमितीकरण नियमावली कट-ऑफ डेट 2024 को शीघ्र जारी करने की मांग को लेकर राज्य में चल रहा ऐतिहासिक वृक्षारोपण आंदोलन आज 270वें दिन भी जारी रहा।

पर्यावरण और अधिकारों के लिए संघर्ष

महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गुरु रानी के नेतृत्व में कुमाऊं मंडल विकास निगम पर्यटक आवास गृह, पिथौरागढ़ के कर्मचारियों ने धूसाखान स्थित शिव मंदिर परिसर में पौधारोपण किया। यह आंदोलन 3 जुलाई 2024 से प्रारंभ हुआ था और अब तक पूरे कुमाऊं और गढ़वाल मंडल में हजारों पौधे लगाए जा चुके हैं।

वृक्षारोपण और ज्ञापन के माध्यम से मुख्यमंत्री तक संदेश

इस आंदोलन के अंतर्गत विभिन्न माध्यमों से मुख्यमंत्री को पौधे के साथ ज्ञापन भेजे गए। निगम प्रशासन और शासन स्तर पर वार्ताएँ भी हुईं, जिससे कई समस्याओं का समाधान हुआ। हालांकि, कर्मचारियों की मुख्य मांग – नियमितीकरण – पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।

आंदोलन का अनूठा संदेश

आंदोलन का प्रमुख स्लोगन – “देवभूमि में पर्यटक यात्री बनकर आइए, पौधारोपण एवं स्वच्छता आंदोलन से जुड़ते हुए पर्यावरण मित्र बनकर जाइए” – न केवल कर्मचारियों की मांगों को उजागर करता है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक सकारात्मक संदेश देता है।

इस अभियान के तहत पर्यटकों को भी इस मुहिम से जोड़ा गया, जिससे वे उत्तराखंड से प्रकृति संरक्षण का एक प्रेरणादायक संदेश लेकर गए। यह आंदोलन न केवल राज्य में बल्कि पूरे देश में एक मिसाल बन चुका है। अब तक 45,000 से अधिक पौधों का रोपण किया जा चुका है, जो एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।

सरकार से प्रमुख मांगें

  1. नियमितीकरण नियमावली कट-ऑफ डेट 2024 को शीघ्र जारी किया जाए।
  2. निगम प्रशासन द्वारा अनदेखी की गई अन्य मांगों पर तुरंत कार्रवाई की जाए।
  3. कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान हेतु एक उच्चस्तरीय समिति गठित की जाए।

सकारात्मक पहल और भविष्य की राह

वृक्षारोपण आंदोलन यह दर्शाता है कि कर्मचारी अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ते हुए भी पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। इस पहल से यह साबित हुआ कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए जागरूकता और सतत प्रयास आवश्यक हैं।

आज के पौधारोपण कार्यक्रम में हर सिंह, शेर सिंह, दीपक गोपाल बिष्ट, नरेंद्र सिंह और नरेंद्र थापा सहित कई कर्मचारी उपस्थित रहे। इस ऐतिहासिक आंदोलन ने राज्य और देश में एक नई जागरूकता को जन्म दिया है, जिससे न केवल कर्मचारियों की मांगों पर ध्यान केंद्रित किया गया है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण को भी एक नई दिशा मिली है।


Spread the love