पीएम नरेंद्र मोदी ने U-WIN ऐप लॉन्च किया है। U-WIN का मतलब है यूनिवर्सल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम। आसान शब्दों में कहें तो यह वैक्सीनेशन प्रोग्राम को ट्रैक करने वाला पोर्टल है।

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CoWIN ऐप की तरह ही कोविड-19 वैक्सीनेशन को ट्रैक किया गया। इसी तरह U-WIN ऐप की मदद से सेंट्रलाइज्ड डिजिटल रिकॉर्ड बनाया जाएगा, जिसमें बच्चों और गर्भवती महिलाओं के वैक्सीनेशन का रिकॉर्ड रखा जाएगा।

हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट

क्या है U-WIN पोर्टल
यह एक यूनिवर्सल इम्यूनाइजेशन वेब-इनेबल्ड नेटवर्क है, जिसे भारत में वैक्सीनेशन को बेहतर बनाने के लिए बनाया गया है। दरअसल, पहले तक वैक्सीनेशन का डेटा सेंट्रलाइज्ड नहीं था। इसे मैन्युअली दर्ज किया जाता था। इसके बाद डेटा को राज्यों के पास कलेक्ट किया जाता था। वही प्राइवेट डेटा अलग-अलग होता था। ऐसे में डेटा में अंतर होता था, लेकिन U-WIN ऐप पर सारा डेटा सेंट्रलाइज्ड होगा। इस पोर्टल की मदद से सरकार व्यक्तिगत वैक्सीनेशन रिकॉर्ड बनाएगी, ताकि ऐसे लोगों की पहचान की जा सके, जो वैक्सीन के दायरे से बाहर रह गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, इस पोर्टल को 64 जिलों में लागू किया गया। इससे वैक्सीनेशन में सुधार हुआ है।

यू-विन पोर्टल कैसे काम करता है?
छह साल तक के बच्चे और गर्भवती माताएँ आधार जैसी सरकारी आईडी और अपने मोबाइल नंबर का उपयोग करके यू-विन पर पंजीकरण कर सकती हैं। एक बार पंजीकृत होने के बाद, प्लेटफ़ॉर्म बच्चों के लिए आवश्यक सभी 25 टीकों और गर्भवती माताओं के लिए दो टीकों का ट्रैक रखता है, जिससे एक वर्चुअल टीकाकरण रिकॉर्ड बनता है।

क्यूआर-आधारित डिजिटल प्रमाणपत्र
इस पोर्टल पर एक क्यूआर-आधारित डिजिटल प्रमाणपत्र उपलब्ध होगा, जो पंजीकृत मोबाइल नंबर को आसानी से लिंक करता है। यह व्यक्ति की प्रत्येक टीकाकरण खुराक को रंग-कोडित करता है। इसके अलावा, यू-विन माता-पिता को स्व-पंजीकरण करने और अपनी सुविधा के अनुसार देश भर में किसी भी उपलब्ध केंद्र पर अपने बच्चों को टीका लगवाने की अनुमति देगा। यह प्लेटफ़ॉर्म 11 क्षेत्रीय भाषाओं में काम करेगा।

कौन सी बीमारियाँ कवर की जाएँगी?
यू-विन पोर्टल का उद्देश्य सभी गर्भवती महिलाओं और बच्चों को 12 रोकथाम योग्य बीमारियों के खिलाफ़ मुफ़्त टीकाकरण प्रदान करना है। इनमें डिप्थीरिया, पर्टुसिस (काली खांसी), टेटनस, पोलियो, खसरा, रूबेला, गंभीर बाल्यावस्था तपेदिक, रोटावायरस डायरिया, हेपेटाइटिस बी, मेनिन्जाइटिस, तथा हेमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी और न्यूमोकोकल निमोनिया के कारण होने वाला निमोनिया शामिल हैं।


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