खस्ताहाल स्वास्थ्य व्यवस्था,अमित नैनीताल के यंग फेमस फोटोग्राफर बीडी पांडे जिला अस्पताल! जहाँ आज सुबह तड़के नैनीताल के फेमस जाने माने फोटोग्राफर अमित साह को मृत घोषित कर दिया।
कल तक अमित अच्छा खासा था,सुबह एक अवार्ड मिला,फिर खतड़वा पर ब्लॉग बनाया,शाम को हंसते हुए दोस्तो के साथ घर का रास्ता तय किया। रात 2 बजे लेफ्ट हैंड और चेस्ट में दर्द हुआ,तो परिजन बीडी पांडे अस्पताल ले गए,,ईसीजी करवाई तो हार्ट में दिक्कत सामने आई,,
बीडी पांडे में हार्ट के बहुत अच्छे डॉ वर्तमान में तैनात है !इमरजेंसी में जब अमित को ले जाया गया और हार्ट को खतरा बताया गया तब भी हार्ट के डॉ को बुलाना किसी ने मुनासिब नही समझा,,ये हाल तब है जब अमित नैनीताल के यंग फेमस फोटोग्राफर में नम्बर 1 पर थे। उनको परिजन घर ले गए क्योंकि इमरजेंसी में कहा गया कि आप उन्हें अभी बाहर ले जाओ या सुबह ले जाना।
ओपीडी सुबह 10 बजे खुलती है,और खून यूरिन की जांच के लिए सैम्पल सुबह 8 बजे से केवल 11 बजे तक यानी सिर्फ 3 घँटे तक ही लिए जाते है जबकि स्वास्थ्य विभाग ने पूर्व में ही राज्य के पैथ को 24 घँटे खोलने के आदेश दिए हैं। 10 बजे ओपीडी खुलने तक कई मरीज लाइन में लग चुके होते है,किसी मरीज को अगर डॉ किसी जांच को लिख दे तो तब तक पैथोलॉजी ही बंद हो चुकी होती है। दो मिनट में भी अगर देर हो जाये सैम्पल लाने में तो वहां बैठी लेडी इतनी बदतमीजी से आपको झाड़ देती है कि आप फिर प्राइवेट पैथोलॉजी जाने की ही सोचते हैं।
यही हाल अल्ट्रासाउंड विभाग का है,जहां दूर दराज से मरीज अल्ट्रासाउंड करवाने आते है पानी पी पीकर लाइन में लगे रहते है,और अंदर से कह दिया जाता है अब कल आना मरीजो क्योंकि संख्या पूरी हो गयी। इस तरह किडनी तो लाइन में खड़े खड़े पानी पी पीकर ही खराब हो जाये जैसे हालात होते है। लाइन में लगे मरीजों ने बताया कि 30 अल्ट्रासाउंड एक दिन में किये जायेंगे कह कर हमको टाल देते है। बीच मे प्रेगनेंसी के केस आशा कार्यकर्ता ले आती है तो उनके अल्ट्रासाउंड के कारण बाकी मरीज रह जाते है। बीडी पांडे में महिला विभाग में अलग से अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था नही है इसीलिए सब भेड़ बकरियों की तरह नीचे इकलौते अल्ट्रासाउंड रूम में ही अल्ट्रासाउंड करवाने को मजबूर हैं।
बहरहाल लापरवाही के चलते आज एक और टैलेंट हमारे बीच से चला गया।