जिससे हाईकोर्ट को शिफ्ट करने की प्रक्रिया में तेजी से कदम बढ़ाने की ओर कदम माना जा रहा है।
नैनीताल शहर की भौगोलिक परिस्थितियां अनुकूल न होने और शहर पर बढ़ते दबाव के चलते सरकार ने हाईकोर्ट को हल्द्वानी गौलापार क्षेत्र में स्थापित करने का फैसला किया है। इसके लिए उसके आसपास की भूमि खरीदने और बेचने पर रोक रहेगी। नियोजित विकास के लिए धामी मंत्रिमंडल ने वहां फ्रीज जोन घोषित करने का निर्णय लिया। महायोजना बनने तक यह रोक रहेगी। महायोजना एक साल में बनकर तैयार हो जाएगी।
हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /प्रिंट न्यूज़ शैल ग्लोबल टाइम्स। अवतार सिंह बिष्ट, रूद्रपुर उत्तराखंड। (उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी)
मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने बताया कि हाईकोर्ट के लिए वन भूमि की मंजूरी की प्रक्रिया गतिमान है। चूंकि उस क्षेत्र में विकास गतिविधियों जोर पकड़ेंगी, इसलिए नियोजित ढंग से विकास के लिए महायोजना तैयार होगी। इसलिए कैबिनेट ने महायोजना बनने तक फ्रीज जोन घोषित करने का निर्णय लिया है।
गौलापार (हल्द्वानी) में हाईकोर्ट की स्थापना के लिए प्रस्तावित स्थल के आस-पास के क्षेत्र को फ्रीज जोन घोषित किये जाने के संबंध में निर्णय लेते हुए कैबिनेट में बताया गया कि नैनीताल शहर की विषम भौगोलिक परिस्थितियों एवं नैनीताल शहर पर बढते अतिरिक्त दबाव को दृष्टिगत रखते हुए हल्द्वानी के गौलापार क्षेत्र की 26.08 हेक्टेयर भूमि में हाईकोर्ट की स्थापना के लिए भूमि का चयन किया गया है।
चिन्हित क्षेत्र के आस-पास अनियमित एवं अनधिकृत निर्माण को रोकने हेतु गौलापार (हल्द्वानी), जनपद-नैनीताल में प्रस्तावित स्थल के क्षेत्र को, महायोजना बनने तक फ्रीज जोन घोषित किये जाने का कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय लिया गया है।
ये इलाके
– पूरब में ग्राम देवल मल्ला, ग्राम देवल तल्ला व कुंवरपुर की ओर जाने वाले मार्ग की सीमा तक
-पश्चिम में गौला नदी के तट तक
– उत्तर में गौला नदी से सटे ग्राम नवरखेड़ा, ग्राम किशन नगरी ओर जाने वाले हल्द्वानी बाईपास मार्ग के तिराहे तक
– दक्षिण में हल्द्वानी बाईपास मार्ग तक नदी तट से प्रारंभ होकर लंकेश्वर महादेव मंदिर की ओर जाने वाले मार्ग के तिराहे तक