प्रधानमंत्री मोदी की ऐतिहासिक घाना यात्रा और अफ्रीकी धरती पर हिंदू धर्म का विस्तार

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2 जुलाई 2025 का दिन भारत-घाना संबंधों के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हो गया। लगभग 30 साल के लंबे अंतराल के बाद यह पहला अवसर था जब किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने घाना की धरती पर कदम रखा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे ही एक्रा (Accra) के कोटोक अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर पहुंचे, घाना के राष्ट्रपति जॉन महामा ने स्वयं उनकी अगवानी की। एयरपोर्ट पर उमड़े जनसैलाब और परंपरागत घानी नृत्य-मंडलियों ने यह स्पष्ट संकेत दिया कि दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक रिश्ते कितने गहरे होते जा रहे हैं।

संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट

प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा न केवल राजनीतिक और आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रही, बल्कि सांस्कृतिक कूटनीति के लिहाज से भी अत्यंत ऐतिहासिक रही। उन्होंने घाना में बसे भारतीय समुदाय से मुलाकात की, जिसमें बड़ी संख्या में हिंदू मूल के लोग शामिल थे। प्रधानमंत्री ने कहा –

“घाना सहित अफ्रीका के देशों में बसे भारतीय न केवल व्यापार को बढ़ा रहे हैं, बल्कि भारतीय संस्कृति, धर्म, भाषा और जीवन मूल्यों को भी जीवंत बनाए हुए हैं। यह हमारी साझी विरासत का प्रमाण है।”

घाना – देश का परिचय

घाना पश्चिम अफ्रीका में स्थित एक महत्वपूर्ण देश है। इसे पहले “गोल्ड कोस्ट” के नाम से जाना जाता था। वर्ष 1957 में घाना ने ब्रिटेन से स्वतंत्रता प्राप्त की और आज यह अफ्रीका के सबसे स्थिर लोकतांत्रिक देशों में गिना जाता है।

  • राजधानी: एक्रा (Accra)
  • कुल जनसंख्या: लगभग 3.5 करोड़ (2025 अनुमान)
  • आधिकारिक भाषा: अंग्रेज़ी
  • मुद्रा: घानी सेदी (Ghanaian Cedi)
  • प्रमुख निर्यात: कोको, सोना, तेल, बौक्साइट, मैंगनीज
  • साक्षरता दर: लगभग 80%
  • राजनीतिक व्यवस्था: लोकतांत्रिक गणराज्य

घाना की अर्थव्यवस्था हाल के वर्षों में तेजी से विकसित हो रही है। घाना, अफ्रीका के उन चुनिंदा देशों में है जो राजनीतिक स्थिरता और मजबूत आर्थिक नीतियों के लिए पहचाना जाता है।

घाना में धर्मों की स्थिति

घाना धार्मिक विविधता वाला देश है। यहाँ विभिन्न धर्म सह-अस्तित्व में रहते हैं। घाना की धार्मिक जनसंख्या का अनुमानित विवरण इस प्रकार है (2025 अनुमान) :

  • ईसाई – लगभग 71%
  • इस्लाम – लगभग 18%
  • पारंपरिक अफ्रीकी धर्म – लगभग 6%
  • हिंदू – लगभग 0.1% (लगभग 30,000 लोग)
  • अन्य/निर्धारित नहीं – लगभग 4.9%

घाना में हिंदू धर्म की स्थिति और मान्यता

घाना में हिंदू धर्म एक छोटा लेकिन अत्यंत संगठित और जीवंत समुदाय बन चुका है। वर्तमान में लगभग 30,000 हिंदू घाना में रहते हैं, जिनमें भारतीय मूल के व्यापारी और व्यवसायी प्रमुख हैं। ये लोग मुख्यतः 19वीं और 20वीं सदी के दौरान ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन में भारत (विशेषकर गुजरात और सिंध) से व्यापार के उद्देश्य से यहाँ पहुँचे।

घाना में हिंदू धर्म के प्रति बढ़ती स्वीकृति का एक महत्वपूर्ण कारण हिंदू मठ ऑफ अफ्रीका (Hindu Monastery of Africa) है, जिसकी स्थापना स्वामी घोषानंद सरस्वती ने की थी। इस मठ ने न केवल भारतीय मूल के लोगों को एक धार्मिक मंच दिया बल्कि घाना के स्थानीय अफ्रीकी लोगों को भी हिंदू धर्म के दर्शन, योग, ध्यान और वैदिक जीवनशैली से जोड़ने का कार्य किया।

आज घाना में हिंदू धर्म को शांति, नैतिकता और आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग माना जाता है। विशेषकर स्थानीय अफ्रीकी समुदाय के बीच हिंदू धर्म को उसके अनुशासन, शाकाहारी आहार, पारिवारिक मूल्यों और कर्म सिद्धांत के लिए सराहा जा रहा है।

हिंदू धर्म घाना में कैसे फैला?

ब्रिटिश औपनिवेशिक काल में भारतीय व्यापारी, विशेषकर गुजराती और सिंधी समुदाय, व्यापार के लिए अफ्रीका पहुँचे। वे अपने साथ मंदिरों, देवी-देवताओं की मूर्तियों, धार्मिक ग्रंथों, और त्योहारों को भी लाए। इन व्यापारियों ने अपनी संस्कृति को सहेजते हुए यहाँ के स्थानीय समाज में धीरे-धीरे एक धार्मिक-सांस्कृतिक पहचान स्थापित की।

हालाँकि प्रारंभ में हिंदू धर्म केवल प्रवासी भारतीयों तक ही सीमित था, लेकिन भारतीय समुदाय के स्थानीय अफ्रीकियों के साथ सामाजिक और आर्थिक संपर्क ने हिंदू धर्म के प्रति उत्सुकता और आस्था जगाई। खासकर हिंदू मठ ऑफ अफ्रीका के धार्मिक प्रवचनों और समाजसेवी गतिविधियों ने घाना के कई स्थानीय लोगों को हिंदू दर्शन और जीवनशैली की ओर आकर्षित किया।

प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों की सराहना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह यात्रा भारत-घाना संबंधों में एक नया अध्याय लिख गई। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत अफ्रीका को केवल एक आर्थिक साझेदार के तौर पर नहीं, बल्कि एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक मित्र के रूप में देखता है।

  • घाना में बसे भारतीयों के लिए वीजा और व्यापारिक सहूलियतों का वादा
  • सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रमों को बढ़ावा देने की घोषणा
  • हिंदू मठ ऑफ अफ्रीका जैसे संगठनों को भारत सरकार की ओर से सहयोग का आश्वासन
  • शिक्षा, स्वास्थ्य और कौशल विकास के क्षेत्रों में भारत-घाना सहयोग को गहरा करने का संकल्प

मोदी ने कहा –

“घाना और भारत का रिश्ता केवल व्यापार का नहीं है, यह दिलों का रिश्ता है। हमारे पूर्वजों ने जो बीज यहाँ बोए थे, वही आज सांस्कृतिक रिश्तों के वटवृक्ष में बदल चुके हैं।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घाना यात्रा ने यह सिद्घ कर दिया कि भारतीय कूटनीति का फोकस न केवल बड़े देशों पर है, बल्कि उन देशों पर भी है जहाँ भारतीय संस्कृति और भारतीय मूल के लोग नई पहचान बना रहे हैं। घाना में हिंदू धर्म का विस्तार इस बात का प्रमाण है कि भारत की “वसुधैव कुटुम्बकम्” की सोच आज वैश्विक मंच पर साकार होती नजर आ रही है।यह यात्रा घाना में बसे लाखों भारतीय मूल के लोगों को यह भरोसा दिलाने में सफल रही कि भारत सरकार हर मंच पर उनके हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही यह दौरा भारत-घाना संबंधों को आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक दृष्टि से नई ऊँचाइयाँ प्रदान करेगा।



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