- चैटबॉट लॉन्च करते हुए पीएम ने कहा कि आज के समय में हर एक के मोबाइल पर यूजर फ्रेंडली एप हैं। पहली बार महाकुंभ में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) चैटबॉट का प्रयोग होगा। महाकुंभ में अधिकतर श्रद्धालु दक्षिणी, पूर्वी और पश्चिमी राज्यों के होते हैं। यह श्रद्धालु अक्सर अपनी स्थानीय भाषा में बात करते हैं
- खबर)
प्रिंट मीडिया,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर - कई ऐसे होते हैं, जिन्हें हिंदी नहीं आती और महाकुंभ मेले में तैनात पुलिसकर्मियों समेत अन्य अधिकारियों को उनकी भाषा नहीं आती। इस एप के माध्यम से श्रद्धालुओं के बीच आपसी तालमेल बेहतर होगा
- एप से अखाड़ों, घाटों का पता लगा सकेंगे। इस एप में हिंदी, अंग्रेजी, तमिल, मराठी, कन्नड़, बंगाली, तेलुगु, मलयालम, गुजराती, उर्दू और पंजाबी भाषाएं शामिल हैं
संस्कृति मंत्रालय के कलाग्राम में दिखेगी भारत की विरासत
केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय महाकुंभ के दौरान देश की समृद्ध, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए प्रयागराज में एक सांस्कृतिक गांव ‘कलाग्राम’ स्थापित करेगा। गौरतलब है कि प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक महाकुंभ का आयोजन होगा।


केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि संस्कृति मंत्रालय को ‘कलाग्राम’ के लिए नाग वासुकी में 10.24 एकड़ क्षेत्र आवंटित किया गया है। इसे लेकर मेला प्राधिकरण 10,000 लोगों की क्षमता वाला एक गंगा पंडाल स्थापित करेगा, जहां सेलिब्रिटी प्रदर्शन होंगे। झूंसी, नाग वासुकी और अरैल में 4,000 दर्शकों की क्षमता वाले तीन मंच पंडाल, कलाग्राम में 1,000 क्षमता वाला एम्फीथिएटर स्थापित किए जाएंगे।
यहां संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार विजेता कलाकार, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय और क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्रों के कलाकारों की ओर से प्रदर्शन किया जाएगा। इसके अलावा, पूरे शहर में 20 मंच बनाए जाएंगे, जिन्हें उत्तर प्रदेश सरकार के संस्कृति विभाग और संस्कृति मंत्रालय के बीच समान रूप से वितरित किया जाएगा।

