बांग्लादेश में गिरफ्तार किए गए हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास के वकील रबींद्र घोष इलाज के लिए कोलकाता आए हैं। उनके बेटे ने बताया कि पिता रबींद्र घोष को हम कोलकाता के पास बैरकपुर लाए हैं।

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घोष अपनी पत्नी के साथ रविवार को भारत पहुंचे। वे अपने बेटे राहुल घोष के यहां बैरकपुर में रुके हुए हैं। बेटे ने उनकी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है।

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प्रिंट मीडिया,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर

रबींद्र घोष बांग्लादेश में राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किए गए हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास के बचाव में केस लड़ रहे हैं। वकील रवींद्र घोष के बेटे राहुल घोष ने कहा कि मेरे पिता मां के साथ रविवार शाम को यहां आए हैं। वे यहां हमारे साथ रहेंगे। तीन साल पहले एक हादसे में वे घायल हो गए थे। वे समय-समय पर भारत में इलाज के लिए आते रहते हैं। राहुल ने पिता की सुरक्षा पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि हमने पिता से कुछ समय भारत में रहने के लिए कहा है।

राहुल ने कहा कि मैंने पिता ने वापस बांग्लादेश न जाने के लिए कहा है। साथ ही उनसे कुछ समय यहां रहने के लिए कहा है। मगर वे वापस जाने पर अड़े हुए हैं और चिन्मय दास प्रभु का केस लड़ने के लिए तैयार हैं। हमें उनकी सुरक्षा की चिंता सता रही है। राहुल पिछले काफी समय से अपनी पत्नी-बच्चों के साथ बैरकपुर में रहते हैं। बांग्लादेश में हिंदू संत के बचाव में केस लड़ रहे वकील रवींद्र घोष ने भी अपनी जान का खतरा बताया है। उन्होंने कहा कि जब से मैं चिन्मय दास प्रभु का केस लड़ रहा हूं, तब से मुझे अपनी जान का खतरा है। मेरे खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज कराए सकते हैं।

25 नवंबर को गिरफ्तार किए गए थे चिन्मय कृष्ण दास
चिन्मय कृष्ण दास पहले इस्कॉन से जुड़े रहे हैं। उन्हें 25 नवंबर को ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया था। अगले दिन चटगांव की अदालत ने उन्हें जेल भेज दिया था और उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी, क्योंकि उन पर बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने का आरोप था। दास की गिरफ्तारी के बाद उनके अनुयायियों ने ढाका और अन्य स्थानों पर विरोध प्रदर्शन किए, जिसमें चटगांव में प्रदर्शन हिंसक हो गया, जहां एक वकील की मौत हुई। इस वकील की मौत के बाद इस्कॉन पर बांग्लादेश में प्रतिबंध लगाने की मांग की गई।


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