
भागवत रविवार को पश्चिम बंगाल के बर्धमान में आयोजित एक कार्यक्रम में मौजूद स्वयंसेवकों को संबोधित कर रहे थे।


संघ प्रमुख ने कहा कि भारत का एक स्वभाव है और जिन्हें ऐसा लगा कि वे इस स्वभाव के साथ नहीं रह सकते, उन्होंने अपना अलग देश बना लिया और जो लोग हमसे नहीं बिछड़े, यह स्वाभाविक है कि उन्हें भारत का स्वभाव चाहिए। संघ प्रमुख ने कहा कि विश्व की विविधताओं को स्वीकार करते हुए हिंदू चलता है और सभी की अपनी-अपनी विशेषताएं होती हैं।
मोहन भागवत ने कहा, ‘संघ क्या करना चाहता है, इस सवाल का एक लाइन में यही जवाब है कि संघ संपूर्ण हिंदू समाज को संगठित करना चाहता है। हिंदू समाज को ही संगठित क्यों करना है, क्योंकि इस देश का उत्तरदायी समाज हिंदू समाज है।’
सब की विशिष्टताओं का करें सम्मान: भागवत
मोहन भागवत ने कहा कि हम सभी अपनी-अपनी विशेषताओं पर श्रद्धापूर्वक चलें और सब की विशिष्टताओं का सम्मान करें। उन्होंने कहा की संघ को सिर्फ एक ही काम करना है- समाज को संगठित करना।
‘संघ में आएं और हमारे कामकाज को देखें’
मोहन भागवत ने कहा कि संघ के बारे में गलतफहमी और अज्ञान के कारण लोग कुछ भी कहते और बोलते हैं लेकिन वह चाहते हैं कि लोग संघ के अंदर आएं। उन्होंने कहा, ‘संघ के अंदर आने की कोई फीस नहीं है, औपचारिक सदस्यता नहीं है, मर्जी है तो आप आ सकते हैं, मर्जी उखड़ गई तो आप जा सकते हैं।’ उन्होंने कहा कि लोग संघ में आएं और उसके कामकाज को देखें। उन्होंने यह भी कहा कि संघ के काम में आपको कुछ नहीं मिलेगा और जो आपके पास है वह आपको देना ही पड़ेगा। भागवत ने कहा कि हम ऐसा काम नहीं करेंगे जिससे दूसरों को ठेस पहुंचे।
क्यों अहम है भागवत का बंगाल दौरा?
पश्चिम बंगाल में अगले साल अप्रैल-मई में विधानसभा के चुनाव होने हैं और उससे पहले मोहन भागवत का पश्चिम बंगाल के दौरे पर जाना काफी अहम है। बताना होगा कि मोहन भागवत की बर्धमान में हुई इस सभा के लिए संघ को कोलकाता हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा था। पिछले 10 सालों में बंगाल में आरएसएस ने अपनी शाखाओं का विस्तार किया है। अपने बंगाल दौरे के दौरान मोहन भागवत ने आरएसएस में युवाओं को शामिल करने पर जोर दिया।
2025 का साल संघ का शताब्दी वर्ष भी है। इसमें आरएसएस जाति व्यवस्था को खत्म करना, पारंपरिक हिंदू परिवार की स्थापना, लोगों में नागरिक भावना विकसित करना सहित 5 बिंदुओं पर काम कर रहा है।
बंगाल में सरकार बनाना चाहती है बीजेपी
पश्चिम बंगाल में सरकार बनाना राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्राथमिकताओं में शामिल है। बीजेपी 2016 और 2021 में बंगाल में सरकार बनाने के लिए पूरी ताकत लगा चुकी है लेकिन तब उसे कामयाबी नहीं मिली थी। लोकसभा चुनाव में उम्मीद के मुताबिक सीटें नहीं मिलने के बाद बीजेपी ने जबरदस्त कमबैक किया है। पार्टी ने हरियाणा, महाराष्ट्र के बाद दिल्ली के चुनाव में जीत दर्ज की है और अब पार्टी बंगाल में भगवा झंडा फहराना चाहती है।
