
संघ प्रमुख ने सतना में एक कार्यक्रम में ये बातें कहीं।

समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, मोहन भागवत ने कहा, “बहुत सारे सिंधी भाई यहां पर बैठे हैं। मुझे बड़ा आनंद है कि वो पाकिस्तान नहीं गए, वो अविभाजित भारत गए। यह आदत नई पीढ़ी तक जानी चाहिए क्योंकि हमारा एक घर है और परिस्थिति ने हमको उस घर से यहां पर भेजा है। वो घर और ये घर अलग नहीं है। पूरा भारतवर्ष एक घर है। लेकिन हमारे घर का एक कमरा जिसमें मेरी टेबल, कुर्सी, कपड़ा और सामान रहता था। वो किसी ने हथिया लिया है। कल मुझे उसे वापस लेकर फिर से डेरा डालना है और इसलिए याद रखना है अविभाजित भारत।” संघ प्रमुख की बात पर वहां बैठे दर्शकों ने तालियां बजाईं।
हम सब एक हैं- संघ प्रमुख
उन्होंने कहा, “किसी की भाषा या संप्रदाय चाहे जो भी हो, हम सब एक हैं, हम सब हिंदू हैं।” उन्होंने पहले भी हिंदू को सिर्फ एक धर्म नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक पहचान बताया है। उन्होंने कहा, “आज हम टूटे हुए दर्पण को देखते हैं और खुद को अलग समझते हैं। हमें एकता की आवश्यकता है। विवाद क्यों? हम चाहे किसी भी भाषा या संप्रदाय से खुद को जोड़ते हों, सच्चाई यह है कि हम सब एक हैं। हम सभी हिंदू हैं।”


