‘उत्तराखंड में रहने वाले शरणार्थियों को भी मिलेगी राहत’, महेंद्र भट्ट बोले- भाजपा ने एक और वादा पूरा किया/Uttarakhand Cabinet: सेवा क्षेत्र में निवेश करने वालों को 100 करोड़ तक सब्सिडी, उत्तराखंड सेवा क्षेत्र नीति को स्वीकृति / सेवा क्षेत्र में निवेश करने वालों को 100 करोड़ तक सब्सिडी, उत्तराखंड सेवा क्षेत्र नीति को स्वीकृति

Spread the love

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने नागरिकता संशोधन अधिनियम लागू होने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि इस कानून के लागू होने से उत्तराखंड में निवास कर रहे हजारों शरणार्थियों को भी राहत मिलने वाली है।

भट्ट ने कहा कि सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के सिद्धांत पर चलने वाली भाजपा सरकार ने जनता से किया एक और वादा भी आज पूरा किया है। धार्मिक रूप से प्रताड़ि‍त पड़ोसी देशों के व्यक्तियों को शरण देना संवैधानिक रूप से वैध और हमारी अतिथि देवो भव की परंपरा का हिस्सा है।

पूर्व सीएम ने पीएम मोदी और अमित शाह का आभार जताया

हरिद्वार सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने भी नागरिकता संशोधन अधिनियम लागू करने के लए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के प्रति आभार जताया। उन्होंने कहा कि वर्षों से धार्मिक प्रताड़ना का शिकार हो रहे शरणार्थियों को मौलिक अधिकार देने व उनका जीवन संवारने का काम मोदी सरकार ने किया है।

राज्यसभा सदस्य एवं भाजपा के राष्ट्रीय सह कोषाध्यक्ष नरेश बंसल ने देश में नागरिकता संशोधन अधिनियम लागू होने पर हर्ष जताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपानीत एनडीए सरकार ने जो कहा, वह किया है। उन्होंने कहा कि यह कानून लागू होना इस बात का प्रमाण है कि देश में केवल एक ही गारंटी चल रही है और वह है मोदी की गारंटी।

सेवा क्षेत्र में निवेश करने वालों को 100 करोड़ तक सब्सिडी, उत्तराखंड सेवा क्षेत्र नीति को स्वीकृति

मंत्रिमंडल ने सोमवार को इस संबंध में उत्तराखंड सेवा क्षेत्र नीति-2024 को स्वीकृति दी। इसके अंतर्गत प्रदेश में निवेशक करने वाले उद्यमों को कुल निवेश का 25 प्रतिशत अथवा 100 करोड़ रुपये तक सब्सिडी दी जाएगी।

धामी सरकार ने प्रदेश में सेवा क्षेत्र के माध्यम से 60 हजार करोड़ के निवेश और 20 लाख व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सोमवार को सचिवालय में मंत्रिमंडल की बैठक में सेवा क्षेत्र के लिए नीति को स्वीकृति समेत 10 बिंदुओं पर निर्णय लिए गए।

सचिव मुख्यमंत्री शैलेश बगोली ने मंत्रिमंडल के निर्णयों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सेवा क्षेत्र नीति में चिह्नित फोकस क्षेत्रों में अधिक से अधिक निवेश को आकर्षित किया जाएगा। नीति की वैधता 31 दिसंबर, 2030 तक रहेगी।

स्वास्थ्य, वेलनेस, पारंपरिक चिकित्सा, शिक्षा, फिल्म मीडिया व मनोरंजन, खेल, सूचना प्रौद्योगिकी, डेटा केंद्र, कौशल विकास सेवा क्षेत्र नीति के फोकस क्षेत्र होंगे। निवेश की न्यूनतम सीमा विभिन्न क्षेत्रों के लिए अलग-अलग है। न्यूनतम निवेश की सीमा मैदानी क्षेत्र में पांच वर्षों में 100 करोड़ से अधिक और पर्वतीय क्षेत्रों में 50 करोड़ से अधिक रखी गई है।

साथ में प्रतिबद्ध निवेश की समय सीमा पांच वर्ष निर्धारित की गई है। इस नीति से लाभान्वित होने वाली परियोजनाओं के लिए 25 वर्ष तक क्रियाशील रहना अनिवार्य होगा। इस नीति के अंतर्गत 10 लाख श्रमिकों का कौशल विकास करने का लक्ष्य भी रखा गया है। नीति का क्रियान्वयन नियोजन विभाग के अंतर्गत उत्तराखंड इन्वेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट बोर्ड (यूआईआईडीबी) करेगा।

प्रदेश में अब बीएड डिग्री धारक प्राथमिक शिक्षक नहीं बन सकेंगे। डिप्लोमा इन एलीमेंटरी एजुकेशन (डीएलएड) प्रशिक्षित ही प्राथमिक शिक्षक बनने के पात्र होंगे। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश एवं राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद की ओर से सभी राज्यों को चार सितंबर, 2023 को जारी निर्देशों के क्रम में यह निर्णय लिया गया है। मंत्रिमंडल ने इस संबंध में प्राथमिक शिक्षक पद के लिए निर्धारित अर्हता में से बीएड योग्यता को हटाते हुए उत्तराखंड राजकीय प्रारंभिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली को स्वीकृति दी।


Spread the love