पर्यवेक्षकों की संख्या जिस प्रकार दो से बढ़ाकर चार की गई है, उसे देखते हुए यह भी लगभग तय माना जा रहा है कि पार्टी हाईकमान भी जिताऊ प्रत्याशी पर ही दांव लगा सकता है। ऐसे में पर्यवेक्षक दल एकतरफा निर्णय लेने के स्थान पर सर्वसम्मति से प्रत्याशी के चयन की संस्तुति पर दांव खेल सकता है।
हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह
बेहतरीन अवसर के रूप में देख रही कांग्रेस
केदारनाथ उपचुनाव यदि भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का विषय है तो कांग्रेस इसे बेहतरीन अवसर के रूप में देख रही है। भाजपा विधायक शैलारानी के निधन से रिक्त हुई इस विधानसभा सीट पर कांग्रेस अपनी संभावनाएं बेहतर आंक रही है।
गत जुलाई माह में बदरीनाथ और मंगलौर की विधानसभा सीटों के लिए हुए उपचुनाव में जीत कांग्रेस के हाथ लगी थी। बदरीनाथ सीट पर मिली सफलता ने कांग्रेस का मनोबल बढ़ा दिया है। ऐसे में बदरीनाथ सीट की निकटस्थ केदारनाथ सीट पर भी पार्टी अपनी अच्छी संभावनाएं आंक रही है।
यद्यपि, पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनौती गुटीय खींचतान पर काबू पाने की है। केदारनाथ उपचुनाव में प्रत्याशी चयन पर इस खींचतान का प्रभाव न पड़े, इसे देखते हुए हाईकमान भी सावधानी बरत रहा है। यही कारण है कि गत 11 अप्रैल को केदारनाथ उपचुनाव के लिए घोषित दो सदस्यीय पर्यवेक्षक दल में दो दिन बाद ही संशोधन कर दिया गया। पर्यवेक्षक दल की संख्या दो से बढ़ाकर चार की गई, साथ ही इसमें गढ़वाल संसदीय सीट से पार्टी प्रत्याशी रहे गणेश गोदियाल को बतौर वरिष्ठ पर्यवेक्षक सम्मिलित किया गया।
गणेश गोदियाल ने की थी काफी मेहनत
गोदियाल ने बदरीनाथ सीट पर पार्टी को जीत दिलाने में काफी मेहनत की थी। पर्यवेक्षक दल में बदरीनाथ के नवनिर्वाचित विधायक लखपत सिंह बुटोला को भी लिया गया है। अन्य दो सदस्यों में उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी और झबरेड़ा विधायक वीरेंद्र जाति हैं। हाईकमान ने चार सदस्यीय पर्यवेक्षक दल गठित कर अपनी मंशा स्पष्ट कर दी है कि प्रत्याशी का चयन उसकी जीतने की क्षमता, विधानसभा क्षेत्र में उसकी छवि और पार्टी के प्रति निष्ठा को ध्यान में रखकर किया जाएगा।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र में सर्वे करा चुकी है। अब पर्यवेक्षक दल की रिपोर्ट मिलने के बाद टिकट के दावेदारों के नामों का पैनल पार्टी हाईकमान को भेजा जाएगा। फिलहाल वर्ष 2022 में इस सीट पर पार्टी प्रत्याशी रहे पूर्व विधायक मनोज रावत, जिला कांग्रेस अध्यक्ष कुंवर सिंह सजवाण और पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत को टिकट के दावेदारों में सम्मिलित बताया जा रहा है।
इनमें से टिकट किस की झोली में गिरेगा, पर्यवेक्षक दल की ओर से दी जाने वाली रिपोर्ट की भूमिका महत्वपूर्ण रहने वाली है। पर्यवेक्षक दल के सदस्य जमीनी स्तर पर फीडबैक को हाईकमान तक पहुंचा सकते हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि पार्टी सर्वसम्मति से जिताऊ प्रत्याशी का शीघ्र चयन करेगी।