
रुद्रपुर शहर में नगर निगम द्वारा आवास विकास दशमेश नगर क्षेत्र से हटाया गया अतिक्रमण न केवल प्रशासन की सख्ती का प्रतीक है, बल्कि यह शहर के आम नागरिकों के लिए बड़ी राहत भी है। महापौर विकास शर्मा के निर्देश पर सहायक नगर आयुक्त राजू नबियाल के नेतृत्व में चलाए गए इस अभियान ने यह संदेश स्पष्ट कर दिया है कि शहर की सड़कों पर कब्जा कर जनता की सुविधाओं में बाधा डालने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।


✍️ अवतार सिंह बिष्ट | हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स, रुद्रपुर ( उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी
लंबे समय से दशमेश नगर में दुकानदारों द्वारा सड़क किनारे टेबल, बोर्ड, स्टैंड और अन्य सामान रखे जाने से आवागमन बाधित हो रहा था। पैदल चलना तक मुश्किल हो गया था। ऐसे हालात केवल नागरिकों की परेशानी नहीं बढ़ाते, बल्कि दुर्घटनाओं की आशंका को भी जन्म देते हैं। जब स्थानीय पार्षद और वार्डवासी महापौर से मिले, तो निगम ने तत्परता दिखाते हुए शिकायत पर कार्रवाई की। यह सक्रियता सराहनीय है।
अभियान के दौरान अवैध सामान को जब्त करने के साथ ही भविष्य के लिए चेतावनी भी दी गई। यह आवश्यक कदम है, क्योंकि केवल अतिक्रमण हटाना ही पर्याप्त नहीं, बल्कि लोगों को यह समझाना भी जरूरी है कि सार्वजनिक स्थान पर कब्जा करना अपराध है और जनहित के खिलाफ है।
स्थानीय नागरिकों का निगम की इस कार्रवाई को समर्थन देना इस बात का प्रमाण है कि जनता शहर को अतिक्रमण मुक्त देखना चाहती है। यह पहल रुद्रपुर को व्यवस्थित, सुरक्षित और सुचारू यातायात वाला शहर बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती है।
आज जरूरत इस बात की है कि यह अभियान केवल दशमेश नगर तक सीमित न रहे, बल्कि पूरे शहर में निरंतर चलाया जाए। क्योंकि सच यह है कि रुद्रपुर के हर प्रमुख चौराहे, दुकानों के सामने, यहां तक कि सरकारी कार्यालयों व कलेक्ट्रेट परिसर तक अतिक्रमण की चपेट में हैं। यदि नगर निगम इस पर नियमित और कठोर रुख अपनाए, तो रुद्रपुर को अतिक्रमण मुक्त बनाकर उत्तराखंड राज्य की परिकल्पना को वास्तव में सार्थक किया जा सकता है।
👉 यह समय है जब जनता और प्रशासन मिलकर शहर की खूबसूरती और सुव्यवस्था को बनाए रखें। अतिक्रमण हटाओ अभियान महज प्रशासनिक कार्रवाई नहीं, बल्कि जनहित की वह बुनियाद है जिस पर एक स्वच्छ, सुरक्षित और सुगम रुद्रपुर का निर्माण संभव है।

