रूद्रपुर, 07 मई, 2024-जिलाधिकारी उदयराज सिंह ने बताया कि जनपद के अधिकांश कृषकों के द्वारा खेती से अतिरिक्त आय प्राप्त करने हेतु ग्रीष्मकालीन धान की खेती को अपनाया जा रहा है, जो पर्यावरण के दृष्टिकोण से अत्यन्त हानिकारक है साथ ही ग्रीष्मकालीन धान की खेती करने से भूमि-गत जल का ह्यस भी तेजी से हो रहा है। उन्होने बताया कि भूमि-गत जल का ह्यस होने से आगामी गर्मियों के महीनों में पेयजल की समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है।जिलाधिकारी ने उपरोक्त परिस्थितियों के दृष्टिगत रखते हुये जनपद के समस्त उप जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि अपनी-अपनी तहसील क्षेत्रान्तर्गत गर्मियों में धान की खेती को रोकने हेतु कृषकों के साथ समन्वय स्थापित कर व्यापक प्रचार-प्रसार करते हुये अपने कार्य क्षेत्र मंे भ्रमण करते हुये जनपद के समस्त कृषकों को ग्रीष्मकालीन धान की खेती न करने एवं विकल्प के रूप में मक्का, मूंग, उर्द व गन्ने की फसलों की खेती करने के लिये प्रेरित करें। जिससे आगामी वर्ष में ग्रीष्मकालीन धान की खेती को पूर्णतया प्रतिबन्धित करने की कार्यवाही की जा सकें।…………………

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