रुद्रपुर। दुर्गम में सेवा करने के लिए पुलिसकर्मी कतराते हैं। कृपा दृष्टि से सुगम में रहकर नौकरी तो काट लेते हैं। मगर बड़ी उपलब्धि हासिल नहीं कर पाते। साइबर ठगी के मामलों में ही देख दीजिए।

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बागेश्वर को छोड़ दें, तो साइबर ठगी के बाद रिकवरी मामले में चंपावत व अल्मोड़ा की पुलिस ने सुविधा संपन्न नैनीताल व ऊधम सिंह नगर पुलिस को पीछे छोड़ दिया है। नैनीताल पुलिस का रिकवरी रेट 21.05 प्रतिशत व ऊधम सिंह नगर का रिकवरी रेट 42.58 प्रतिशत रहा है। दुर्गम क्षेत्र चंपावत व अल्मोड़ा की पुलिस ने 50 प्रतिशत रिकवरी कर नया रिकार्ड अपने नाम किया है।

हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट

पूरे कुमाऊं के इस वर्ष छह महीने के भीतर 18.91 करोड़ की साइबर ठगी हुई। पुलिस की तत्परता से 7.93 करोड़ की रिकवरी हो चुकी है। कुमाऊं साइबर ठगों का जाल तेजी से फैल रहा है। सायबर ठगी के अलग-अलग और नये-नये तरीकों को डिटेक्ट करने में पुलिस काफी पीछे है।

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यूं कहें तो इंटरनेट ने जितनी सुविधाएं और साहूलियत दी हैं, उतनी ही चुनौतियां भी बढ़ा दी हैं। बैंक के लेनदेन से लेकर घर का राशन तक आनलाइन मंगाया जाने लगा है। बिजली व पानी का बिल घर बैठे जमा किए जा रहे हैं। इन सब के बीच साइबर ठग हर तरफ नजरें गढ़ाए बैठे हुए हैं। एक गलती होते ही हजारों-लाखों रुपये की ठगी हो जाती है।

पुलिस जालसाजी के मामले को तेजी से निपटा रही है। जागरण


कुमाऊं में इस वर्ष सितंबर तक साइबर ठगी के 250 मामले रिकार्ड हुए हैं। रिकवरी के मामले में बागेश्वर व नैनीताल पुलिस फिसड्डी रहा। चंपावत व अल्मोड़ा पुलिस ने 50 प्रतिशत रिकवरी करने का रिकार्ड बनाया है। ऊधम सिंह नगर व पिथौरागढ़ पुलिस का प्रदर्शन भी संतोषजनक है।

चंपावत पुलिस ने की 58.71 प्रतिशत रिकवरी

साइबर अपराध के मामले में चंपावत पुलिस का काम अव्वल दर्जे का रहा है। इस जिले में एक करोड़ की साइबर ठगी हुई है। पुलिस 61.48 लाख की रिकवरी कर चुकी है। 58.71 प्रतिशत की रिकवरी हुई है। ऊधम सिंह नगर पुलिस ने 65 करोड़ रुपये बरामद कर 52 प्रतिशत रिकवरी के साथ रिकवरी मामले में दूसरा स्थान पाया है।

रिकवरी के लिए पुलिस के प्रयास

साइबर क्राइम पुलिस व साइबर सेल आनलाइन ठगी की शिकार लोगों के लिए 24 घंटे हेल्पलाइन सेवा चला रही है। थाना स्तर पर पुलिसकर्मियों को साइबर अपराधों की जांच के लिए तैयार कर उन्हें इस प्रकार के अपराधों से निपटने के लिए ट्रेनिंग दी जा चुकी है। नई तरह की धोखाधड़ी के मामले सामने आने के बाद एडवाइजरी जारी की जाती है। कुमाऊं के हर थाना स्तर पर सायबर अपराध की जांच की व्यवस्था की गई है। अपराध के मामले रुद्रपुर साइबर थाना व स्थानीय थानों में दर्ज हो रहे हैं।

कुमाऊं में जनवरी से सितंबर तक हुए साइबर ठगी व रिकवरी

जिला

कुल ठगी

बरामद रुपये

प्रतिशत
नैनीताल 11874808 2499900 21.05 प्रतिशत
ऊधम सिंह नगर 154805293 65911618 42.58 प्रतिशत
अल्मोड़ा 8506839 4423449 52 प्रतिशत
बागेश्वर 2695292 105639 3.92 प्रतिशत
पिथौरागढ़ 791598 306688 38.74 प्रतिशत
चंपावत 10473001 6148369 58.71 प्रतिशत

(नोट-आंकड़े पुलिस विभाग से लिए गए हैं)

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सायबर ठगी से बचाव के तरीके

  • आनलाइन एप से भुगतान करते समय सावधानी बरतें।
  • गोपनीय जानकारी जैसे आधार कार्ड का नंबर, जन्मतिथि, बैंक में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर, एटीम कार्ड नंबर, वैधता दिनांक आदि किसी भी अपरिचित से साझा न करें।
  • किसी व्यक्ति से ओटीपी साझा नहीं करें।
  • अपरिचित के कहने पर रिमोट एक्सेस एप जैसे क्विक स्पोर्ट, टीम विवार और एनीडेस्क के एप डाउनलोड बिल्कुल नहीं करें।
  • अनजान व्यक्ति द्वारा फोन पे, पेटीएम, आदि वालेट पैसे रिसीव करने के लिए लिंक या क्यूआर कोड आए तो लिंक को नहीं खोलना है। क्यूआर कोर्ड को स्कैन न करें।
  • साइबर ठगी होने पर तुरंत डायल 1930 डायल करें व नजदीकी पुलिस से शिकायत करें।

साइबर ठगी के मामलों में हर जिले की पुलिस काम कर रही है। इससे बचने के लिए लोगों को जागरूक होना होगा। ठगी के बाद रिकवरी बैंक की मदद से कराई जा रही है।

-डा. योगेंद्र रावत, डीआइजी।


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