
परिवादी द्वारा सी.डब्लू-1 के रूप में रूपचन्द्र व सी.डब्लू. 2 के रूप में नरेश कुमार को अंर्तगत धारा 202 दण्ड प्रक्रिया संहिता न्यायालय में परिक्षित कराया गया।


स
ी.डब्लू.-1 रूपचन्द्र व सी.डब्लू. 2 नरेश कुमार द्वारा अपने बयान अन्तर्गत धारा 202 दण्ड प्रक्रिया संहिता में परिवाद पत्र के कथनों का समर्थन करते हुए प्रार्थी के बयान अन्तर्गत धारा 200 सी०आर०पी० के कथनों को दौहराया गया है। इस प्रकार प्रार्थी के द्वारा अपने परिवाद पत्र में किये गये तथ्य सम्पुष्टिकारक है, जिसके दृष्टिगत अभियुक्त रामपाल के विरूद्ध अपराध अन्तर्गत धारा 389 व 506 भारतीय दण्ड संहिता के आवश्यक तत्व प्रथम दृष्टया इस स्तर पर आकृष्ट होते हैं एवं उन्हें उपरोक्त धाराओं के अपराध के विचारण हेतु प्रथम दृष्टया इस स्तर पर न्यायालय में तलब किये जाने का आधार पर्याप्त है।
आदेश
अभियुक्त रामपाल को अपराध अन्तर्गत धारा 389 व 506 भारतीय दण्ड संहिता में संज्ञान लिया जाकर विचारणार्थ आहूत किया जाता है।
परिवादी सूची गवाहान एक सप्ताह के भीतर दाखिल करें तथा सम्बन्धित कार्यालय लिपिक बाद धारा-204 दण्ड प्रक्रिया संहिता का अनुपालन सुनिश्चित हो जाने के आदेशिका जारी करें। परिवादी आवश्यक पैरवी अन्दर सप्ताह अमल में लावे।
