सामिया बिल्डर पुलिस के निशाने पर है। अब तक करीब दर्जन पर मुकदमे इस बिल्डर के कर्मचारी और मालिक पर दर्ज हो चुके हैं। कर्मचारी जेल के भीतर हैं और इस मामले की जांच एसआईटी कर रही है। कंपनी के मालिक अभी फरार चल रहे हैं। इस बीच आज कंपनी के नए जीएम मरगूब त्यागी ने प्रेस वार्ता कर बड़े-बड़े दावे किए। उन्होंने कहा कि मिस मैनेजमेंट के कारण सामिया बिल्डर का नाम बदनाम हुआ। Hindustan Global Times, Avtar Singh Bisht, journalist from Uttarakhand
बड़ा सवाल, धुंधली छवि को कैसे सुधरेगा सामिया बिल्डर्स, प्रेस कॉन्फ्रेंस में बड़े-बड़े दावे
इसी को लेकर पुराने मैनेजमेंट को हटाकर नए मैनेजमेंट को जिम्मेदारी सौंपी गई है। उनका कहना है कि अभी प्लॉट या फ्लैट की सेल परचेस नहीं होगी। पहले पुरानी चीजों को दुरुस्त किया जाएगा। जो फ्लैट अधूरे पड़े हैं, उनको बनवाया जाएगा। इसके अलावा कॉलोनी में रह रहे लोगों से बातचीत कर उनकी समस्याएं दूर की जाएगी और इसे एक सुविधाजनक टाउनशिप बनाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि जिस रेट पर फ्लैट की बुकिंग हुई थी, उसी रेट पर इन्हें उपलब्ध कराया जाएगा। इसके साथ ही जो लोग फ्लैट या प्लाट नहीं लेना चाहते हैं, उनकी रकम को वापस किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि पुरानी चीजों को भूलकर नई चीजों के साथ आगे बढ़ने का काम करेंगे। कॉलोनी को व्यवस्थित कर यहां रहने वाले लोगों की समस्याओं को दूर किया जाएगा। अब नए मैनेजमेंट के दावे कितने धरातल पर उतरते हैं, यह तो वक्त ही बताएगा।
लाखों लोगों के साथ धोखाधड़ी के परिणाम स्वरूप फिर से सामिया बिल्डर अपनी उपस्थिति दर्ज कर रहा है। जिला प्रशासन व उत्तराखंड सरकार को भी चाहिए उत्तराखंड वासियों के खून पसीने की कमाई का हिसाब एक एक पैसे का हिसाब जो सबिया बिल्डर ने लिए हैं ।लोगों को दिलाया जाए। उत्तराखंड राज्य की मूल अवधारणा यह थी कि सभी के साथ न्याय हो। लेकिन सामिया बिल्डर के द्वारा उत्तराखंड के लोगों को ही चूना लगा दिया गया। आज प्रेस वार्ता कर अपनी बिगड़ी हुई इमेज को सुधारने का मीडिया के माध्यम से कार्य कर रहे हैं। प्रेस वार्ता के बाद क्या गुल खिलते हैं, जिला प्रशासन व उत्तराखंड सरकार को नजर रखनी होगी ।अन्यथा की स्थिति में ठगे गए लोगों के द्वारा सरकार को भी निशाना बनाया जा सकता है। जिससे उत्तराखंड सरकार की छवि भी घूमिल होने का अंदेशा है।