
ये दशा शुभ फल भी देती है। लेकिन आपके लिए साढ़ेसाती अच्छी होगी या बुरी ये आपकी कुंडली पर निर्भर करता है। शनि साढ़े साती के तीन चरण होते हैं। चलिए जानते हैं इन तीनों चरणों के बारे में विस्तार से यहां। साथ ही जानेंगे किस पर चल रहा है इसका सबसे कष्टदायी चरण।


शनि साढ़े साती का पहला चरण: उदय चरण
शनि साढ़े साती के सबसे पहले चरण को उदय चरण के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इस चरण में शनि की इस दशा का उदय हो रहा होता है। इस चरण में आमतौर पर आर्थिक हानि, विवाद और निर्धनता की आशंका रहती है। इस चरण में न गुप्त शत्रु काफी परेशान करते हैं। सहकर्मियों से संबंध खराब होने का खतरा बना रहता है।पारिवारिक मामलों में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। यात्राएं फलदायी नहीं होती। इस चरण में जितना हो सके आप कड़ी मेहनत करें और कुछ न कुछ नया सीखने की कोशिश करें। 2025 में मेष राशि वालों पर साढ़ेसाती का पहला चरण चल रहा है।
शनि साढ़े साती का दूसरा चरण: शिखर चरण
ये शनि साढ़े साती का दूसरा चरण है जो सबसे ज्यादा कष्टदायी माना जाता है। इस चरण में साढ़े साती अपने चरम पर होती है। इस दौरान स्वास्थ्य समस्याएं, सम्मान खोने का डर, रिश्तों में दरार आने की संभावना, मानसिक अशान्ति, आर्थिक नुकसान, प्रेमी से झगड़ा और बेवजह के दुख बने रहते हैं। इस चरण में किसी भी काम में सफलता आसानी से नहीं मिलती। व्यक्ति को काफी संघर्ष करना पड़ता है और मेहनत का परिणाम नहीं मिल पाता। इस दौरान मीन राशि वालों पर यही चरण चल रहा है।
शनि साढ़े साती का तीसरा चरण: अस्त चरण
संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)
शनि साढ़े साती का अंतिम चरण बाकी दो चरणों से कम कष्टदायी होता है। इस दौरान वित्तीय मोर्चे पर कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। खर्च में अचानक से वृद्धि होने लगती है। लेकिन अगर सावधानी से रहें तो इस चरण में उतनी दिक्कत नहीं होती। क्योंकि शनि इस चरण में कोई न कोई शुभ फल देकर जाते हैं। इस दौरान कुंभ वालों पर साढ़े साती का आखिरी चरण ही चल रहा है।
