
रुद्रपुर,शैल परिषद होली के तीन प्रारूप हैं; बैठकी होली, खड़ी होली और महिला होली।


महिलाओं की होली दोपहर, 8 मार्च 2025
पुरुषों की बैठकी होली सायं , 8 मार्च 2025,
पुरुषों की खड़ी होली 9 मार्च 2025 प्रातः 10:00 बजे से,
प्रेषित,शैल समिति के सभी सम्मानित सदस्यों को सूचित किया जाता है कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी पारंपरिक होली उत्सव का आयोजन दिनांक 8 मार्च 2025, दिन शनिवार दोपहर 1:30 बजे से महिलाओं की होली एवं शाम 7:00 बजे से पुरूषों की बैठकी होली का आयोजन होना है। एवं दिनांक 9 मार्च 2025 को 11:00 बजे शैल भवन, गंगापुर रोड, रुद्रपुर में पारंपरिक खड़ी होली का आयोजन भी होगा। अतः आप सभी सदस्यों से निवेदन है आप सभी सपरिवार पहुंच कर होली उत्सव की शोभायमान बढ़ाए। प्रेषक, शैल परिषद
शैल परिषद सांस्कृतिक समिति की वार्षिक आम सभा 2 मार्च 2025, 10 बजे से शैल परिषद भवन में आयोजित की गई। जिसमें परिषद के कोषाध्यक्ष डी के दनाई द्वारा वर्ष 2022 से 2025 का वार्षिक लेखा जोखा प्रस्तुत किया गया। वर्षभर की समिति के कार्य विधि पर चर्चा की गई। समिति के उपाध्यक्ष सतीश ध्यानी ने भी समिति की उपलब्धियों पर व राजेंद्र बोहरा ने भी चर्चा में भाग लेकर परिषद के उत्कृष्ट कार्यों पर प्रकाश डाला।
परिषद की मीटिंग में उपस्थित सभी पदाधिकारी व सदस्य गणों ने होली के प्रोग्राम के बाद नई कार्यकारिणी के गठन पर चर्चा की गई। नई कार्यकारिणी के गठन से पूर्व आम सभा बुलाई जाएगी सहमति व्यक्ति की। आपको अवगत करा दे परिषद के अध्यक्ष गोपाल सिंह पटवाल होली के प्रोग्राम से पूर्व नई कार्यकारिणी के गठन के पक्ष में खड़े थे। संपूर्ण वार्ता के तदोपरांत अध्यक्ष एवं उपस्थित सभी सदस्यों पदाधिकारीयो ने एक स्वर में होली के बाद नई कार्यकारिणी बनने पर सहमति व्यक्ति की।
क्योंकि रुद्रपुर ही नहीं पूरे उत्तराखंड में शैल परिषद द्वारा आयोजित बैठकी होली की सभी को प्रतीक्षा रहती है। होली के संदर्भ में क्या कुछ कहा परिषद के लोगों ने ……………..
परिषद के महासचिव एडवोकेट दिवाकर पांडे बताते हैं, “बैठकी होली में गाए जाने वाले गीत राधा-कृष्ण की लीलाओं और भक्ति संगीत से जुड़े होते हैं. यह परंपरा लोगों को भगवान से जोड़ने के साथ-साथ कुमाऊं की सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने का काम करती है.” बैठकी होली का गायन पूरी तरह शास्त्रीय संगीत पर आधारित होता है. इसमें राग भैरवी और अन्य रागों का उपयोग किया जाता है. यह गायन शैल परिषद द्वारा आयोजित बैठकी होली मैं गाया जाता है।
शैल सांस्कृतिक समिति अध्यक्ष गोपाल सिंह पटवाल! यह परंपरा एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक हस्तांतरित हो रही है, जिससे हमारी संस्कृति जीवंत बनी रहती है.” बैठकी होली का एक उद्देश्य नई पीढ़ी को इस परंपरा से जोड़ना भी है.
शैल परिषद कोषाध्यक्ष दया किशन दनाई!यह क्षेत्र की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक है. यह परंपरा हमें यह सिखाती है कि कैसे हमारी सांस्कृतिक धरोहर को आने वाली पीढ़ियों तक हस्तांतरित किया जा सकता है.हम चाहते हैं कि युवा इस परंपरा में शामिल हों और इसे आगे बढ़ाएं.”
आज की मीटिंग में मुख्य रूप से अध्यक्ष गोपाल सिंह पटवाल ,महासचिव एडवोकेट दिवाकर पांडे, उपाध्यक्ष सतीश ध्यानी , कोषाध्यक्ष दया किशन दनाई, पीसी शर्मा,राजेंद्र बोहरा, दिनेश बम, भास्कर जोशी, जगदीश बिष्ट, दिनेश भट्ट, दान सिंह मेहरा, मुकुल उप्रेती, डॉक्टर एल एम उप्रेती, सतीश लोहनी , अवतार सिंह बिष्ट, आदि उपस्थित थे।
