मा0 कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय/कार्यपालक अध्यक्ष, उत्तराखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण नैनीताल मनोज कुमार तिवारी द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।
मा0 कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश/कार्यपालक अध्यक्ष, उत्तराखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण नैनीताल मनोज कुमार तिवारी ने अपने सम्बोधन में कहा कि आज अवकाश के दिन अपना अमूल्य समय देकर आयोजित इस बहुउद्देश्यीय शिविर को सफल बनाने के लिए कार्यक्रम से जुड़े सभी लोगों को का आभार व्यक्त करता हूँ।
हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट
उन्होंने कहा कि जनजाति समुदाय के साथ साथ इस क्षेत्र के दूर दराज के सभी लोगों को कानून की जानकारी के साथ साथ एक ही स्थान पर विभिन्न योजनाओं का लाभ दिया जा सके। उन्होंने कहा कि इस शिविर का उद्देश्य आपको कानूनी अधिकारों से अवगत कराना व उन अधिकारों की रक्षा के लिए उचित कदम उठा कर प्रोत्साहित करना है। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को न्याय पाने का अधिकार है, लेकिन यह सुनिश्चित करना कि यह अधिकार हर नागरिक तक पहुँचे यह हम सभी की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड विधिक सेवा प्राधिकरण नैनीताल का मुख्य उद्देश्य सभी के लिए न्याय की पहुँच सुनिश्चित करना है।जिससे हर व्यक्ति को विशेष कर समाज के बच्चों को और हाशिये पर रहने वाले वर्गों को न्याय मिल सके। उन्होंने कहा कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण और तालुका विधिक सेवा समितियां विभिन्न कानूनी सेवा प्रदान करती हैं और यह सुनिश्चित करती हैं कि प्रत्येक व्यक्ति चाहे वह किसी भी समाज, वर्ग या जाति से सम्बंधित हो न्याय प्राप्त कर सके। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि सुधार अधिनियम 1950 की धारा 157 अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति व्यक्तियों द्वारा अपनी जमीनों का विक्रय गैर अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजातियों के व्यक्तियों को करने पर प्रतिबंध लगाता है ताकि ऐसी जमीनों पर बाहरी लोगों द्वारा कब्जा करने से बचाने के लिए सुरक्षात्मक प्राविधान उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि यह प्राविधान जनजाति समूह की जमीनों और उनके प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करता है ताकि अन्य लोग उनकी जमीनों पर कब्जा न कर सके। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली द्वारा 2015 में जारी किए गए आदिवासी संरक्षण एवं प्रवर्तन योजना भी आदिवासी समुदाय की सुरक्षा के लिए बनाए गए हैं, इस योजना के तहत आदिवासी जनजाति के लोगों को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक किया जाता है और अगर यदि उनके जमीन या किसी अन्य प्राकृतिक संसाधनों पर कोई संकट आता है तो उन्हें निशुल्क कानूनी सहायता प्रदान की जाती है। उन्होंने कहा कि यह योजना यह सुनिश्चित करती है कि जनजाति समुदाय का कोई सदस्य अपने अधिकारों से वंचित न रह सके और यदि किसी ने उनके अधिकारों का उल्लंघन किया है तो वह कानूनी मदद प्राप्त कर सके इस योजना का मुख्य उद्देश्य जनजाति समुदाय को अपने अधिकारों के प्रति सजग बनाना है और पुनः उन्हें अपने अधिकारों की रक्षा के लिए सजग करना है। उन्होंने कहा कि हमारे समाज में शिक्षा व स्वास्थ्य का बड़ा महत्व है यदि हम जनजाति समुदाय की स्मृद्धि की बात करें तो हमे यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले और वे स्वास्थ्य सेवा आसानी से पहुँच सकें। उन्होंने कहा कि अच्छी शिक्षा जनजाति समुदाय के लोगों के लिए अवसर का दरवाजा खोलती हैं और उन्हें समाज की मुख्य धारा में जोड़ने में मदद करती है। उन्होंने कहा कि जनजाति समुदाय को अपने अधिकारों के प्रति सजग करना, उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना और पुनः शिक्षा, स्वास्थ्य व सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना सभी की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि इस कानूनी साक्षरता शिविर का मुख्य उद्देश्य आपको आपके अधिकारों से अवगत कराना और यह सुनिश्चित करना है कि आप अपने अधिकारों की स्वंय रक्षा कर सकें। उन्होंने कहा कि सशक्तिकरण की दिशा में यह पहला कदम है और तभी हम न्याय को वास्तविकता बना सकते हैं। उन्होंने शिविर में आये सभी लोगों से आग्रह किया कि आप सब अपने कानूनी अधिकारों के बारे में जाने और इसे अपने स्तर से फैलाएं इसके साहयता के लिए हमारा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण आपकी सहायता के लिए तैयार है बस आपको यहाँ तक पहुंचना है। उन्होंने कार्यक्रम में सांस्कृतिक प्रस्तुति देने वाले बच्चों व कलाकारों की सराहना की। उन्होंने विकास खण्ड कार्यालय में पौधरोपण किया।
जिला जज स्किन्द कुमार त्यागी ने कहा कि और बड़े हर्ष का विषय माननीय न्यायमूर्ति कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जी की गरिमामयी उपस्थिति में इस कार्यक्रम का आयोजन हुआ है। उन्होंने मा0 न्यायमूर्ति श्री तिवारी का स्वागत व अभिनंदन किया। उन्होंने बताया कि न्यायिक आचरण के मुख्य सिद्धान्त में स्वतंत्रता, निष्पक्षता, अखण्डता, औचित्य, समानता और परिश्रम का उल्लेख है। उन्होंने कहा कि मा0 न्यायमूर्ति श्री तिवारी जी मे इन सभी का समावेश है। उन्होंने बताया कि एक वर्ष की अवधि में 3 राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया जिनमे कुल 7412 प्रकरणों का निस्तारण किया गया। उन्होंने बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में 974 प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किये गए जिनमे नियमानुसार विधिक साहयता पीड़ित पक्ष को उपलब्ध कराई गई। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा 2 बहुउद्देश्यीय शिविरों का आयोजन किया गया एवं 1155 विधिक जागरूकता शिविर आयोजित किये गए।
इस अवसर प्रधान न्यायधीश मनीष मिश्रा, सदस्य राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण प्रदीप मणि त्रिपाठी, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण योगेंद्र कुमार सागर ने भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में छोटे-छोटे बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गई जिसने सबका मन मोह लिया। कार्यक्रम में स्वास्थ्य, कृषि, सहकारिता, पेयजल, महिला एवं बाल विकास, समाज कल्याण, डेरी विकास, उद्यान, राजस्व, आयुर्वेद, होम्योपैथिक, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, शिक्षा, मत्स्य, पशुपालन, एनआरएलएम आदि समस्त विभागों द्वारा स्टॉल लगाए गए। विभिन्न विभागों द्वारा स्टॉल लगाकर क्षेत्रीय जनताओं को सरकार द्वारा संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी गई व योजनाओं से लाभान्वित किया गया।
इस अवसर पर मा0 न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी के द्वारा कस्तूरबा गाँधी आवासीय बालिका विद्यालय सितारगंज में आयोजित विज्ञान क्विज एवं गणित मॉडल प्रतियोगिता में प्रथम आने पर राधिका, गणित मॉडल प्रतियोगिता में प्रथम रागिनी, तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले हेमा जोशी, नीतू, भाषण प्रतियोगिता में प्रथम आने पर मनीषा दौड़ प्रतियोगिता में प्रथम आने पर नीलम चित्रकला प्रतियोगिता में प्रथम आने पर त्रिशा ओझा, तृतीय आने पर सुब्रत व्यापारी एवं दिव्या सरकार निबन्ध प्रतियोगिता में प्रथम आने पर गौरव देवनाथ, द्वितीय आने पर नितिन मण्डल एवं विशाल मजूमदार को सम्मानित किया।
समाज कल्याण विभाग द्वारा कि शिविर में 4 ट्राईसाइकिल, 4 व्हील चेयर, 2 कान की मशीन, 3 जोड़े बैसाखी एवं 2 छड़ी लाभार्थियों को वितरित किये गए। श्रम विभाग द्वारा 300 कामगारों को टूलकिट, महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा महिलाओं को मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट का वितरण किया गया। स्वास्थ्य विभाग द्वारा शिविर में लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण कर दवाई भी वितरित किये गए।
इस अवसर पर श्रीमती मंजू तिवारी, सदस्य राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण प्रदीप कुमार मणि, जिलाधिकारी उदय राज सिंह, प्रधान न्यायाधीश मनीष मिश्रा, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा, अध्यक्ष बार एसोसिएशन दयानन्द सिंह, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण योगेंद्र कुमार सागर, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 मनोज कुमार शर्मा सहित समस्त जिला स्तरीय अधिकारी, अधिवक्तागण, जनप्रतिनिधि आदि मौजूद थे।
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जिला सूचना अधिकारी, ऊधम सिंह नगर