ताकि सनद रहे ,अगला नंबर उधम सिंह नगर का,भू माफिया सरकारी भूमि पर बैठे हैं कुंडली मारकर,, १३ जनपदों में चल रहा है सरकारी जमीन मुक्त करने का अभियान,सरकारी जमीनों में कब्जा करके बैठे हुए भू माफियाओं पर हो सकती है कार्रवाई/हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स ,

Spread the love

ताकि सनद रहे,शत्रु संपत्तियों पर सीएम धामी ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। उन्होंने देहरादून डीएम सोनिका को जिले की सभी शत्रु संपत्तियों को कब्जा मुक्त कराकर उन्हें सरकारी जमीन घोषित करने के निर्देश दिए हैं। देहरादून में मौजूद शत्रु संपत्तियों पर सीएम धामी ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। उन्होंने डीएम सोनिका को जिले की सभी शत्रु संपत्तियों को कब्जा मुक्त कराकर उन्हें सरकारी जमीन घोषित करने के निर्देश दिए हैं। सीएम ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। उन्होंने डीएम सोनिका को जिले की सभी शत्रु संपत्तियों को कब्जा मुक्त कराकर उन्हें सरकारी जमीन घोषित करने के निर्देश दिए हैं।

प्रशासन खंगाल रहा रिश्तेदार असली या नकली
जिले में फर्जी दस्तावेजों और नकली स्टांप पेपरों से जमीनों पर हुए कब्जे के मामले सामने आने के बाद प्रशासन अब हर मामले को संदिग्ध नजर से देख रहा है। ऐसे में काबुल के जमींदारों की जमीनों पर जो दावे किए जा रहे हैं, प्रशासन उनकी पड़ताल कर रहा है, ताकि पता चल सके कि दावा असली है नकली।

गृह मंत्रालय कर रहा निगरानी
देहरादून में शत्रु संपत्ति को लेकर केंद्र सरकार भी गंभीर है। गृह मंत्रालय ने भी शत्रु संपत्तियों पर कब्जा लेने के आदेश दे रखे हैं और मंत्रालय लगातार इसकी निगारानी भी कर रहा है। अब सीएम पुष्कर सिंह धामी ने शत्रु संपत्ति मामले में सख्त रुख अपनाकर डीएम सोनिका को इन संपत्तियों को अपने कब्जे में लेकर उनकी चारदीवारी कराने के निर्देश दिए हैं। सीएम ने इन जगहों पर बोर्ड लगाकर इनका जनहित में प्रयोग करने के लिए कहा है।

दून में इन जगहों पर है शत्रु संपत्ति
दरअसल देहरादून में अरबों रुपये कीमत की शत्रु संपत्ति है। यह संपत्ति दिलाराम, सर्वे चौक, कमिश्नरी कार्यालय, ईसी रोड, आईएसबीटी के पास, राजपुर रोड, मसूरी, माजरा, चकराता में हैं। सरकार सालों की कोशिश के बाद भी इस पर कब्जा नहीं ले सकी है। इन जमीनों पर लोगों ने अवैध कब्जे किए हुए हैं। फर्जी रजिस्ट्री और स्टांप घोटालों की जांच में जुटे प्रशासन को ऐसी जमीनों को हेराफेरी कर सरकारी दस्तावेजों में चढ़ाने की जानकारी मिली है। ऐसे में इसकी जांच की जा रही है। इससे पहले भी एक तहसीलदार की भूमिका संदिग्ध मिलने पर कमिश्नर के आदेश पर शत्रु संपत्तियों को नगर निगम के दस्तावेजों में चढ़ने से रोक लिया गया था।

क्या होती है शत्रु संपत्ति
देश का बंटवारा होने के बाद पाकिस्तान गए लोगों की भारत में रह गई संपत्ति को शत्रु संपत्ति कहते हैं। गृह मंत्रालय इस संपत्ति की देखरेख कराता है। वर्ष 2016 से मोदी सरकार ने इन संपत्तियों पर कब्जे लेने शुरू कराए।

शत्रु संपत्तियों को लेकर जिला प्रशासन लगातार काम कर रहा है, चिह्नित जमीनों पर कब्जे लिए जा रहे हैं, कई मामले एडीएम प्रशासन के कोर्ट में लंबित हैं, उन पर सुनवाई चल रही है, जल्द फैसला आते ही ऐसी जमीनों पर कब्जा लिया जाएगा, शेष जमीनों पर कब्जे की प्रक्रिया चल रही है।
-सोनिका, डीएम देहरादून


Spread the love