प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता डॉ गणेश उपाध्याय ने गन्ना किसानों की बदहाली पर भाजपा सरकार के गन्ना मंत्री पर प्रदेश की जनता के साथ भेदभाव का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि विगत वर्ष की अपेक्षा इस बार उत्तराखंड में गन्ना की पैदावार 1 लाख 70 हजार क्विंटल कम हुई है। सरकार की उदासीनता, गन्ना मूल्य उचित नहीं देना, समय से भुगतान नहीं होना,

Spread the love

गन्ना पेराई में समस्याओं की वजह से गन्ना किसानों ने गन्ना उत्पादन से दूरी बना ली है। पूरे प्रदेश में वर्तमान में लगभग 200 करोड़ रुपये गन्ने का किसानों का भुगतान बकाया है।भाजपा की कथनी और करनी में भारी अंतर है। गन्ना मंत्री सौरभ बहुगुणा पर क्षेत्रवाद की राजनीति का आरोप लगाते हुए कहा कि सितारगंज में गन्ना किसानों का प्राईवेट चीनी मिल द्वारा भुगतान करवा दिया है, जबकि प्रदेश की सभी सरकारी चीनी मिलो में किसानों के भुगतान लटके पड़े है। विगत वर्षो का काशीपुर और इकबालपुर स्थित चीनी मिलों पर किसानों का लगभग 132 करोड़ रुपये का भुगतान अटका पड़ा है। विगत 7 वर्षों से भाजपा किसानों के दम पर सत्ता सुख भोगकर किसानों की ही कमर तोड़ रही है।यदि गन्ना किसानों की बदहाली इसी प्रकार जारी रही तो आने वाले समय में चीनी मिलें खंडहर में बदल जायेगी। जाति और धर्म के नाम पर समाज को बांटने का काम करने वाली भारतीय जनता पार्टी सरकार में विकास का पहिया जाम हो गया तो गन्ना किसानों का जूस निकल गया है। किसान विरोधी नीतियों से परेशान गन्ना किसान आंदोलन पर उतारू है, सरकार उनके आंदोलन को कुचल रही है और गन्ना किसान दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर है। आज पूरे देश में चन्द उद्योगपतियों को 15 लाख करोड़ रुपया एनपीए के माध्यम से माफ कर दिया गया जबकि किसानों की फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य लागू करने में मात्र 10 लाख करोड़ रुपए का खर्च आ रहा है। किसानों की बदौलत भाजपा सत्ता सुख भोग रही है। आगामी लोकसभा चुनाव में किसान, मजदूर, सरकारी कर्मचारी, बेरोजगार , युवा समझ चुका है कि राजनीति के ढ़ोंग पर भाजपा सरकार राजा की नीति से देश पर शासन कर रही है। ऐसी भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकना के लिए आम जनता ने मन बना लिया है।


Spread the love