जवाहर नगर ग्राम प्रधान चुनाव: विकास और पारदर्शिता पर तारा पाण्डेय का जोर, मुकाबला कांटे का

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रूद्रपुर, जुलाई 2025।उत्तराखंड के उधमसिंह नगर जनपद के जवाहर नगर ग्रामसभा में ग्राम प्रधान चुनाव की सरगर्मी चरम पर है। इस बार मुकाबला कांटे का माना जा रहा है। प्रमुख दावेदारों में तारा पाण्डेय अपनी तेजतर्रार छवि, उच्च शिक्षा और साफ-सुथरी राजनीति के वादों के साथ मैदान में हैं।

तारा पाण्डेय ने अपने प्रचार में जो नारे और स्लोगन गढ़े हैं, वह जनता के बीच खासे चर्चित हो गए हैं। उनका कहना है—गांव का हो सम्पूर्ण विकास, यही है मेरा नारा। साफ-सुथरा होगा मेरा गाँव, कूड़े की गाड़ी मैं लगवाऊंगी। झूठे वादे नहीं करूँगी, अपना घर भी नहीं भरूंगी। वादा है मेरा, गांव का जो पैसा होगा, गाँव के ही विकास में लगाऊंगी। विदेशों में घूमने के लिए गाँव के विकास का पैसा नहीं लगाऊंगी। सड़क घर-घर तक पहुँचाऊंगी, निविदा अपने पति को नहीं दिलाऊंगी। गाड़ी चलाना नहीं जानती, पर आपके हर सुख-दुख में जरूर समय पर आऊंगी।

पूर्व प्रधान दीपा कांडपाल पर इस बार भी मैदान में, जवाहर नगर से चुनावी रण सजने को तैयार,जवाहर नगर ग्राम पंचायत में चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं और इस बार भी पूर्व प्रधान दीपा कांडपाल मैदान में उतरी हैं। जनसंपर्क अभियान में जुटी दीपा कांडपाल का कहना है कि ग्राम विकास की अधूरी योजनाओं को पूरा करना ही उनका लक्ष्य है। बीते कार्यकाल में उन्होंने सड़क, नाली निर्माण, जलापूर्ति और महिलाओं के लिए स्वरोजगार योजनाओं में उल्लेखनीय काम किए, जिसका जिक्र वे अपने प्रचार में कर रही हैं। वहीं, विपक्ष उनके खिलाफ विकास कार्यों में पक्षपात और अपूर्ण योजनाओं का मुद्दा उठा रहा है। बावजूद इसके, दीपा कांडपाल का महिला वोट बैंक और युवा वर्ग पर पकड़ मजबूत मानी जा रही है। गांव में साफ-सफाई, रोजगार और पेयजल समस्याएं इस बार के चुनावी मुद्दे बने हुए हैं। दीपा का दावा है कि जनता का आशीर्वाद उन्हें फिर प्रधान पद पर पहुंचाएगा। चुनाव रोमांचक होने के आसार हैं।

पूर्व प्रधान पर तारा पाण्डेय ने अप्रत्यक्ष निशाना साधते हुए कहा कि कुछ नेताओं का सोशल मीडिया प्रोफाइल विदेश यात्राओं से भरा पड़ा है जबकि गाँव विकास की मूलभूत सुविधाओं को तरस रहा है। ग्रामीणों में भी यह बात चर्चा में है कि पूर्व प्रधानों के फेसबुक विदेशी दौरों की तस्वीरों से भरे पड़े हैं, जिससे जनता में असंतोष है।

गौरतलब है कि जवाहर नगर ग्रामसभा में अब तक जितने भी प्रधान बने हैं, तारा पाण्डेय उनमें सबसे अधिक शिक्षित बताई जा रही हैं। उनके पति मोहन पाण्डेय का भी गांव में जनसंपर्क अच्छा है। तारा पाण्डेय का मिलनसार स्वभाव, जन आंदोलनों में सक्रियता और लोगों के सुख-दुख में भागीदारी उनकी लोकप्रियता बढ़ा रही है।

तारा पाण्डेय ने अपने वक्तव्यों में कहा है कि यदि वे प्रधान चुनी जाती हैं, तो गाँव में आवारा गाय-बछड़ों की समस्या को हल करने के लिए जिला प्रशासन और मुख्यमंत्री तक बात पहुँचाने का प्रयास करेंगी। उनका कहना है कि आवारा पशुओं की वजह से सड़क दुर्घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है, जो एक गंभीर समस्या बन चुकी है।

वहीं, वर्तमान परिदृश्य में मुकाबला बराबरी का माना जा रहा है। विपक्षी खेमे के उम्मीदवार बीटीसी सदस्य और जिला पंचायत सदस्य प्रेम आर्य भी अपनी स्थिति मजबूत कर रहे हैं। हालांकि, तारा पाण्डेय की साफ-सुथरी छवि और भ्रष्टाचार विरोधी तेवर उन्हें जनता के एक वर्ग में विशेष समर्थन दिलाते दिख रहे हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि उत्तराखंड की राजनीति में अक्सर यह देखा गया है कि एक ही प्रधान दोबारा चुनकर कम ही आता है, विशेषकर जब भ्रष्टाचार के आरोप लगते हैं। इस बार भी यह परिपाटी जारी रहती है या नहीं, यह चुनाव परिणाम ही बताएगा।

फिलहाल, चुनावी फिजा में तारा पाण्डेय की सरलता, शिक्षा और विकास के वादे जनता को आकर्षित कर रहे हैं। लेकिन अंतिम फैसला तो जनता के वोटों की तिजोरी ही खोलेगी। हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स मतदान से ठीक एक दिन पहले ग्राउंड रिपोर्ट के साथ बताएगा कि कौन बन रहा है जवाहर नगर का नया ग्राम प्रधान।

(रिपोर्ट – हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स)



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