भारत के जानेमाने उद्योगपति गौतम अडानी पर रिश्वत देने के लगे आरोपों से पूरी दुनिया में हड़कंप मचा हुआ है. अमेरिकी संस्था सेक्युरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन (सीईसी) ने अडानी पर रिश्वत देने और जालसाजी के आरोप लगाए हैं.

Spread the love

ये आरोप गौतम अडानी और सात अन्य लोगों के खिलाफ लगाए गए हैं. इन आरोपों से दुनिया भर में हड़कंप मचा हुआ है. दुनिया के तमाम देशों में अडानी समूह के कारोबार हैं. ऐसे में कई देशों ने उनके साथ कारोबारी रिश्तों और प्रोजेक्ट पर विचार करने या रद्द करने तक की बात कही है.

हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट

रिपोर्ट के मुताबिक सीईसी के प्रमुख गैरी गेंस्टर ने डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति पद संभालने के वक्त पद छोड़ने की घोषणा की है. डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद संभालेंगे. आधिकारिक तौर पर गेंस्टर का पांच का कार्यकाल 2026 में खत्म होगा. लेकिन बीते कुछ समय से व्हाइट हाउस में बदलाव के साथ ही इस संस्था के प्रमुख के भी बदल जाने का रिवाज है.

गेंस्टर के कार्यकाल में सीईसी ने बाजार में ज्यादा से ज्यादा पारदर्शिता लाने के लिए कई अहम कदम उठाए. उन्होंने कॉरपोरेट घरानों की ओर से डिस्क्लोजर पर जोर दिया. लेकिन, वह कई कानूनी पचड़े में उलझे रहे. उनके इस्तीफे के कुछ ही घंटे पहले सीईसी के एक नए नियम को खारिज कर दिया. अमेरिका का शेयर बाजार करीब 27 ट्रिलियन डॉलर का है. इस्तीफे को लेकर जारी बयान ने गेंस्टर कहा है कि सीईसी ने अपना लक्ष्य पूरा किया है. उसने बिना किसी डर या भय के अपने नियम लागू किए हैं.

क्या है आरोप
अडानी पर अमेरिकी एजेंसियों ने भारत में सौर बिजली का ठेका हासिल करने के लिए 26.5 करोड़ डॉलर (लगभग 2,200 करोड़ रुपये) की रिश्वत देने का आरोप लगाया है. देश के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति अडानी तथा उनके भतीजे सागर अडानी सहित सात अन्य लोगों पर ये आरोप लगाए गए हैं. इन पर आरोप है कि इन्होंने महंगी सौर ऊर्जा खरीदने के लिए आंध्र प्रदेश और ओडिशा के अधिकारियों को रिश्वत दिया. अमेरिकी एजेंसियों का कहना है कि अडानी समूह ने इस जानकारी को छिपाया जो निवेशकों के साथ एक धोखा है.


Spread the love