अष्टमी तिथि में रवि योग बना है. दुर्गा अष्टमी पर महागौरी पूजा करने से व्यक्ति को सुख, समृद्धि और दीर्घायु की प्राप्ति होती है, लोगों के कष्ट मिटते हैं. हजारों वर्षों की कठोर तपस्या से माता पार्वती का शरीर काला पड़ गया था. शिव जी के आशीर्वाद से उनको गौर वर्ण प्राप्त हुआ, इसलिए उनके इस स्वरूप को महागौरी कहते हैं. मां महागौरी सफेद वस्त्र धारण करती हैं, उनका वाहन वृषभ यानि बैल है. उनका अस्त्र त्रिशूल है. महागौरी को नारियल या उसकी मिठाई का भोग लगाना चाहिए. इसके अलावा आप खीर, पूड़ी, हलवा, काले चने का भी भोग लगा सकते हैं.


फिर कन्या पूजा करने का विधान है. कम से कम 2 कन्या और एक बालक को कन्या पूजा में शामिल करें. उनका सच्चे मन से स्वागत, आदर-सत्कार करें. उनकी पूजा अक्षत्, फूल, माला, चंदन, रोली आदि से करें. फिर भोजन कराएं. उपहार और दक्षिणा देकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करें. दुर्गा अष्टमी के दिन शनिवार व्रत भी है. इसमें कर्मफलदाता शनि महाराज की पूजा करते हैं. उनको काला तिल, सरसों के तेल, नीले फूल, नीले और काले वस्त्र, गुलाब जामुन आदि अर्पित करते हैं. शनिवार को सरसों के तेल, कंबल, काला छाता, जूते, चप्पल आदि का दान करने से शनि दोष मिटता है. साढ़ेसाती और ढैय्या से राहत मिलती है. आज के पंचांग से जानते हैं दुर्गा अष्टमी के मुहूर्त, सूर्योदय, चंद्रोदय, सुकर्मा योग, भद्रा, राहुकाल, दिशाशूल आदि.
आज का पंचांग, 5 अप्रैल 2025
आज की तिथि- अष्टमी – 07:26 पी एम तक, फिर नवमी
आज का नक्षत्र- पुनर्वसु – 05:32 ए एम, अप्रैल 06 तक, उसके बाद पुष्य
आज का करण- विष्टि – 07:44 ए एम तक, बव – 07:26 पी एम तक, बालव
आज का योग- अतिगण्ड – 08:03 पी एम तक, फिर सुकर्मा
आज का पक्ष- शुक्ल
आज का दिन- शनिवार
चंद्र राशि- मिथुन – 11:25 पी एम तक, उसके बाद कर्क
सूर्योदय-सूर्यास्त और चंद्रोदय-चंद्रास्त का समय
सूर्योदय- 06:07 ए एम
सूर्यास्त- 06:41 पी एम
चन्द्रोदय- 11:41 ए एम
चन्द्रास्त- 02:19 ए एम, अप्रैल 06
चैत्र नवरात्रि दुर्गा अष्टमी के शुभ मुहूर्त और योग
ब्रह्म मुहूर्त: 04:35 ए एम से 05:21 ए एम
अभिजीत मुहूर्त: 11:59 ए एम से 12:49 पी एम
विजय मुहूर्त: 02:30 पी एम से 03:20 पी एम
अमृत काल: कल, 03:07 ए एम से 04:43 ए एम
रवि योग: कल 05:32 ए एम से 06:05 ए एम
दिन का शुभ चौघड़िया मुहूर्त
शुभ-उत्तम: 07:41 ए एम से 09:15 ए एम
चर-सामान्य: 12:24 पी एम से 01:58 पी एम
लाभ-उन्नति: 01:58 पी एम से 03:33 पी एम
अमृत-सर्वोत्तम: 03:33 पी एम से 05:07 पी एम
रात का शुभ चौघड़िया मुहूर्त
लाभ-उन्नति: 06:41 पी एम से 08:07 पी एम
शुभ-उत्तम: 09:32 पी एम से 10:58 पी एम
अमृत-सर्वोत्तम: 10:58 पी एम से कल 12:23 ए एम
चर-सामान्य: 12:23 ए एम से 01:49 ए एम, अप्रैल 06
लाभ-उन्नति: 04:40 ए एम से 06:05 ए एम, अप्रैल 06
अशुभ समय
राहुकाल- 09:15 ए एम से 10:50 ए एम
गुलिक काल- 06:07 ए एम से 07:41 ए एम
यमगण्ड- 01:58 पी एम से 03:33 पी एम
दुर्मुहूर्त- 06:07 ए एम से 06:57 ए एम, 06:57 ए एम से 07:47 ए एम
भद्रा- 06:07 ए एम से 07:44 ए एम
भद्रा का वास- स्वर्ग
दिशाशूल- पूर्व
शिववास
श्मशान में – 07:26 पी एम तक, उसके बाद देवी गौरी के साथ.

