पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच लंबे समय सीमा विवाद बड़ा मुद्दा रहा है, जो अब हाल के दिनों में और भी गहरा होता जा रहा है. पाकिस्तान ने हाल ही में अफगानिस्तान के भीतर आतंकवादी ठिकानों पर हवाई हमले किए, जिसमें कई तालिबान लड़ाके मारे गए.

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इसके बाद अफगानिस्तान ने जवाबी कार्रवाई का दावा किया.

प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने तालिबान को लेकर सख्त बयान दिया. उन्होंने कहा कि तालिबान को कुचले बिना पाकिस्तान आगे नहीं बढ़ सकता. इस बीच पाकिस्तान में अफगानिस्तान के एक हिस्से वखान पर कब्जा करने की बात चल रही है, जिस पर तालिबान भड़का हुआ है.

युद्ध को लेकर पाकिस्तान का इतिहास काफी खराब

तालिबान के उप विदेश मंत्री शेर मोहम्मद अब्बास ने भारत की जिक्र कर पाकिस्तान पर जमकर निशाना साधा. एक्स पर पोस्ट कर उन्होंने कहा, “इस समय पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और आंतरिक अस्थिरता इतनी खराब है कि वह वखान कॉरिडोर पर कब्जा करने या एक और युद्ध करने की स्थिति में नहीं है. इतिहास पाकिस्तान की सेना के नाम युद्ध में खराब रिकॉर्ड दर्ज है. भारत के साथ 1971 के युद्ध में पाकिस्तान को बड़ी हार का सामना करना पड़ा और पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) हार गया. 93,000 से अधिक सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया जो आधुनिक इतिहास में सबसे बड़ा आत्मसमर्पण है.”

पाकिस्तान को याद दिलाई पुरानी हार

तालिबान के उप विदेश मंत्री ने कहा, “1973 और 1989 में जलालाबाद की लड़ाई और अफगानिस्तान के अंदर कुनार नदी की लड़ाई दोनों में पाकिस्तान को हार मिली थी. बाहरी युद्ध में पाकिस्तान की सेना को लगातार हार का सामना करना पड़ा. अपनी सीमाओं के बाहर पाकिस्तान कोई बड़ी जंग नहीं जीत पाया है. पाकिस्तान जैसे अपने देश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार करती है…. बलूच और पश्तूनों लोगों के खिलाफ अत्याचार करती है, उस पर उसे काम करना चाहिए. वाखान कॉरिडोर पर पाकिस्तान का कब्जा करने का ख्याल मूर्खता से भरा है.”

घुसपैठ करने को लेकर पाकिस्तान को दी चेतावनी

इस तरह से तालिबान ने पाकिस्तान को बड़ी चेतावनी दे डाली है कि अगर वह अफगानिस्तान में घुसपैठ या किसी हिस्से को तोड़ने की कोशिश करेगा तो वह उसकी बड़ी गलती होगी. इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने देश के राजनीतिक और सैन्य स्टेक होल्डर से एकजुट होने की अपील की और देश में बढ़ते सुरक्षा संकट से निपटने की आवश्यकता पर जोर दिया था.

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