नगला क्षेत्र में रहते हैं द्वितीय विश्व युद्ध के जांबाज , 1962, 1965, 1971, कारगिल युद्ध में दिखा चुके हैं अपना जौहर। 1कर्नल, 1एनडीए क्वालिफाइड कैप्टन, 1जल सेना में कैप्टन, एक दर्जन के करीब पूर्व फौजी, आधा दर्जन राज्य आंदोलनकारी जिन्होंने उत्तराखंड राज्य आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आज सरकार के द्वारा भेदखली की कार्रवाई से आहत है। उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी परिषद अध्यक्ष अवतार सिंह बिष्ट एवं प्रदेश के समस्त राज्य आंदोलनकारी का आह्वान किया है। नगला क्षेत्र को बचाने के लिए नगला क्षेत्र को बसाने के लिए सभी से सहयोग की अपील की है।

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उत्तराखण्डः पंतनगर के नगला में अतिक्रमण हटाने का मामला! तो क्या प्रशासन ने लिया एकतरफा निर्णय, पुराने दस्तावेज बयां करते हैं बहुत कुछ!

पंतनगर के नगला से जुड़ा एक बड़ा मामला सामने आया है। यहां करीब 700 परिवारों पर बेदखली की तलवार लटकी हुई है और हाईकोर्ट के निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा लोगों को बेदखली का नोटिस दिया जा चुका है। जिला उधम सिंह नगर की किच्छा तहसील के अंतर्गत आने वाले राजस्व ग्राम नगला के निवासी लगातार अपने घर और रोजी रोटी को बचाने के लिए कभी सीएम धामी के दरबार में फरियाद लगा रहे है तो कभी न्यायालय की शरण में पहुँच रहे है, लेकिन फिलहाल उन्हें कहीं से कोई आस नजर नहीं आ रही है। जिला उधम सिंह नगर की किच्छा तहसील के अंतर्गत आने वाले राजस्व ग्राम नगला को उजाड़ने के लिए जिला प्रशासन कमर कस चुका है नगला निवासी लगातार अपने घर और रोजी रोटी को बचाने के लिए कभी सीएम धामी के दरबार में फरियाद लगा रहे है तो कभी न्यायालय की शरण में पहुँच रहे है लेकिन सुनवाई कहीं नहीं हो पा रही है ।

जहां वो रहते है और छोटा मोटा कारोबार चलाते है कई परिवारों में तो केवल बुजुर्ग ही बचे है जिन्हें आए दिन वन विभाग वाले अभद्रता करते हुए घर तोड़ने की धमकी दे जाते है । अलग अलग धर्मों और समुदाय के लोग आपसी सौहार्द से कई वर्षों से रहते हुए आए है जिनमें छोटे मझोले व्यवसायी से लेकर मजदूर वर्ग के सैकड़ों लोग है जो कभी आपदा के कारण ज़मीनों से वंचित हो गए थे और तत्कालीन सरकार की कृपा दृष्टि से आजतक बने हुए है लेकिन आज एक जनहित याचिका ने 700 परिवारों पर बेदखली की तलवार लटका दी है जो केवल बेदखली नहीं करेगी वरन कई ज़िंदगियों को लील जाएगी , सैकड़ों दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर हो जाएंगे । और ये सब एक जनहित याचिका पर होगा और उस जमीन के कब्जे को लेकर जिससे सरकार या अन्य किसी और का कोई फायदा नहीं होने वाला बल्कि 700 परिवारों का विनाश होगा ।बहरहाल मामला न्यायालय में चल रहा है और नगला वासियों की कोई सुनवाई नहीं हो रही । जिला प्रशासन पूरी ताकत के साथ नगला को अतिक्रमणमुक्त करवाना चाहता है वही दूसरी तरफ नगला निवासी अपने घरों को बचाने के लिए लगातार सरकार और न्यायालय से गुहार लगा रहे है और न्याय न मिलने पर जल्द ही समूहिक आंदोलन की तैयारी में है ।


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