उत्तराखंड में कांग्रेस विधायकों का टूटना जारी है. लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस को झटका देते हुए बद्रीनाथ के मौजूदा विधायक राजेंद्र सिंह भंडारी रविवार को भाजपा में शामिल हो गए.गढ़वाल कांग्रेस मुक्त, टिहरी सीट पर कोशिश तेज…अब एक और विधायक पर भाजपा की निगाह।

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गढ़वाल सीट में 14 विधानसभा सीटों में बदरीनाथ ही अकेली कांग्रेस के पास थी।

तीन बार के विधायक भंडारी चमोली जिले की राजनीति में प्रभाव रखते हैं। जिला पंचायत सीट पर उनके परिवार का राज रहा है। अध्यक्ष पद पर उनकी पत्नी रजनी भंडारी काबिज हैं। हालांकि टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी को लेकर भंडारी और सत्तारूढ़ भाजपा में काफी कड़वाहट रही है। अब भाजपा में उनके आने के बाद मिठास घुलनी तय है।

भंडारी ने तब भी कांग्रेस नहीं छोड़ी थी, जब सतपाल महाराज भाजपा में गए थे और उनका बेहद करीबी होने के नाते सियासी हलकों में भंडारी के भी कांग्रेस को अलविदा कहने की चर्चाएं गर्म थीं। 2022 का चुनाव कांग्रेस से लड़े। भंडारी को कांग्रेस से तोड़ लेने और भाजपा में जोड़ लेने अभियान में जुटे।

Hindustan Global Times/ प्रिंट मीडिया;शैल ग्लोबल टाइम्स/ अवतार सिंह बिष्ट, रुद्रपुर उत्तराखंड

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट कहते हैं, भंडारी से लंबी मंत्रणा हुई और वह भाजपा की विचारधारा से जुड़ने को तैयार हुए। बता दें कि भट्ट को बदरीनाथ सीट से भंडारी ने ही हराया था। भट्ट राज्यसभा में पहुंच चुके हैं। इसलिए बदरीनाथ सीट पर भंडारी ही पार्टी के अगले उम्मीदवार होंगे।प्रदेश अध्यक्ष ने मुताबिक जो भी विधायक अपनी पार्टी छोड़ कर भाजपा में आएगा उसे पार्टी उपचुनाव में उम्मीदवार बनाएगी। लिहाजा बदरीनाथ उपचुनाव में भंडारी का भाजपा के टिकट पर उपचुनाव लड़ना तय है।

गढ़वाल के साथ-साथ भाजपा ने टिहरी लोस सीट पर भी ऐसा अभियान छेड़ दिया है। गंगोत्री में कांग्रेस के पूर्व विधायक विजयपाल सिंह सजवाण व पुरोला के पूर्व विधायक मालचंद भाजपा की सदस्यता ले चुके हैं। टिहरी जिले के एक और कांग्रेस विधायक को पार्टी में शामिल कराने की चर्चाएं काफी समय से गर्म है।

तो ये थी सीएम के दिल्ली दौरे की वजह
सीएम पुष्कर सिंह धामी शनिवार को अचानक दिल्ली पहुंचे। उनके दिल्ली दौरे का राज कांग्रेस विधायक राजेंद्र भंडारी के कांग्रेस में शामिल होने के बाद खुला। नई दिल्ली में पार्टी प्रभारी दुष्यंत गौतम व अन्य केंद्रीय नेताओं से सीएम ने चुनाव प्रचार के लिए मार्गदर्शन लिया। सोमवार को उनकी वापसी होगी।

12000 से ज्यादा लोग भाजपा में शामिल, अभियान तेज होगा
भाजपा ने ज्वाइनिंग अभियान के तहत दूसरे दलों के अभी तक 12000 से अधिक लोगों को पार्टी में शामिल कराया है। सभी लोकसभा क्षेत्रों से लोग भाजपा में शामिल हुए। पार्टी अध्यक्ष भट्ट के मुताबिक कई बड़े नाम आने वाले दिनों में भाजपा में शामिल होंगे।

अनुकृति और लक्ष्मी राणा की भी चर्चा
पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत की करीबी लक्ष्मी राणा और हरक की पुत्रवधू अनुकृति गुसाईं भी कांग्रेस छोड़ चुकी हैं। इन दोनों के भी भाजपा में शामिल होने की चर्चाएं हैं। हालांकि पार्टी में एक वर्ग इसके पक्ष में नहीं है।

कांग्रेसियों पर भी चढ़ने लगा मोदी -धामी का रंग
उत्तराखंड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार के कामकाज के तौर तरीकों का रंग कांग्रेसियों पर भी चढ़ने लगा है। यही वजह है कि लगातार कांग्रेस के नेताओं की भाजपा में एंट्री हो रही है।

लोस चुनाव का एलान होने से पहले सीएम धामी सभी 13 जिलों में प्रवास कर चुके हैं। इन जनसंपर्क यात्राओं के दौरान उनकी सभाओं में उमड़ी भीड़ ने विरोधियों को जमीनी सच्चाई से अवगत करा असहज कर दिया है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि चमोली और उत्तरकाशी में सीएम के दौरे दौरान कांग्रेस में सेंध लगाने की जो व्यूह रचना तैयार हुई थी, वह कांग्रेस के एक वर्तमान विधायक व दो पूर्व विधायकों के भाजपा में शामिल होने के रूप में चरितार्थ हुई। अभी और कांग्रेस नेताओं के पार्टी में शामिल होने की संभावना जताई जा रही हैं।

अभी भी जारी है हरक सिंह के भाजपा में जाने की चर्चा
सीबीआई जांच में फंसे पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के भी भाजपा में शामिल होने की चर्चाएं फिर से शुरू हो गई हैं। पार्टी सूत्रों का दावा है कि केंद्रीय नेतृत्व से हरी झंडी मिलते ही हरक भाजपा में होंगे हालांकि पार्टी में एक बड़ा वर्ग नहीं चाहता कि हरक की भाजपा में वापसी हो।

राजेंद्र सिंह भंडारी के पार्टी छोड़ने के बाद उत्तराखंड कांग्रेस प्रमुख करण माहरा ने विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी को पत्र लिखकर दल-बदल विरोधी कानून के तहत उनकी विधायकी रद्द करने की मांग की है.

माहरा ने पत्र में लिखा है राजेंद्र भंडारी ने कांग्रेस से इस्तीफा दिया और भाजपा जॉइन कर ली. दल-बदल विरोधी कानून के तहत जिस पार्टी से चुनाव लड़ें, उसे ही छोड़ दें तो विधानसभा की सदस्यता अवैध हो जाती है. अत: राजेंद्र भंडारी की सदस्यता भी रद्द होनी चाहिए. बता दें कि दिल्ली में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, मुख्यमंत्री पुष्कर धामी, पौड़ी लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी प्रत्याशी अनिल बलूनी की मौजूदगी में कांग्रेस के बद्रीनाथ विधायक राजेंद्र भंडारी भाजपा में शामिल हो गए.

राजेंद्र भंडारी ने बद्रीनाथ से भाजपा के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट को 2022 के उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में 2000 से ज्यादा वोटों से हराया था. जहां एक तरफ पौड़ी लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी गणेश गोदियाल के समर्थक भाजपा प्रत्याशी अनिल बलूनी को ‘दिल्लीवाला’ बोलकर उनपर निशाना साध रहे थे. वहीं अनिल बलूनी ने राजेंद्र भंडारी को भजपा जॉइन करवा कर कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है.

पीएम मोदी के नेतृत्व से प्रेरित हूं: राजेंद्र भंडारी

दिल्ली में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में भाजपा में शामिल होने के बाद राजेंद्र सिंह भंडारी ने कहा, ‘मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सक्षम नेतृत्व में अपना विश्वास दिखाया है. वह देश को आगे ले जा रहे हैं. मैं उनके नक्शेकदम पर चलूंगा और भाजपा उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करूंगा. मैं भाजपा में शामिल हो रहा हूं क्योंकि मैं पीएम मोदी के नेतृत्व से प्रेरित हूं’. इस महीने की शुरुआत में, भाजपा के दिग्गज नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बीसी खंडूरी के बेटे मनीष खंडूरी भी कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए.

दिलचस्प बात यह है कि बद्रीनाथ विधानसभा क्षेत्र गढ़वाल लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले 14 विधानसभाओं में से कांग्रेस के कब्जे वाली एकमात्र सीट थी, जहां से भाजपा ने आगामी चुनावों के लिए अपने मुख्य प्रवक्ता अनिल बलूनी को उम्मीदवार बनाया है. पूर्व राज्य मंत्री राजेंद्र भंडारी इस क्षेत्र से तीन बार के कांग्रेस विधायक रहे हैं. साल 2012 में उन्होंने भाजपा के प्रेम बल्लभ पंत को यहां से हराया था. वहीं 2007 में परिसीमन से पहले, राजेंद्र भंडारी ने महेंद्र भट्ट को नंदप्रयाग सीट से मामूली अंतर से हराया था.

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