
ताकि सनद रहे,पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल मेयर पद का लड़ेंगे चुनाव, हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स को दिए अपने बयान में उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है मैं रुद्रपुर मेयर पद का दावेदार हूं ,कांग्रेस व भारतीय जनता पार्टी के द्वारा अभी तक उनकी जॉइनिंग नहीं हो पाई है। इस स्थिति में राजकुमार ठुकराल निर्दलीय ताल ठोकने का मन बना चुके हैं। वहीं दूसरी और उत्तराखंड का कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व नगर निगम चुनाव में पूर्व विधायकों पर दांव खेलने का बयान पहले ही जारी कर चुका है। हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स के संपादक ने कैबिनेट मंत्री कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप, सोनिया गांधी सलाहकार समिति के सदस्य अजय वर्मा , करीब आधा दर्जन शीर्ष नेतृत्व से दूरभाष पर जब वार्ता की तो उनका स्पष्ट कहना है, राजकुमार ठुकराल पर कांग्रेस पार्टी का मंथन चल रहा है। कुछ आपसी विवाद अगर निपट जाए तो राजकुमार ठुकरार होंगे रुद्रपुर से मेयर के प्रबल दावेदार। राजकुमार ठुकराल। पूर्व विधायक के ताल ठोकने से राष्ट्रीय पार्टियों में खलबली है ।वहीं दूसरी ओर सूत्रों से मालूम चला है रुद्रपुर नगर निगम सीट पर भारतीय जनता पार्टी रुद्रपुर के एक पूंजीपति को टिकट देने के संदर्भ में सेटिंग गेटिंग की चर्चाएं भी जोरों पर है। फिलहाल रुद्रपुर नगर निगम की सीट सामान्य होने से दावेदारों की एक लंबी सूची है। राजकुमार ठुकराल ने ताल ठोक ली है। हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स के सर्वे ने राजकुमार ठुकराल के संदर्भ में अगर कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़ते हैं एक तरफा जीत की ओर रहेंगे साथ-साथ कम से कम 25 से 30 वार्डो पर भी एक तरफा माहौल बनाने में कामयाब रहेंगे। आपको अवगत करा दें पूर्व नगर पालिका परिषद रुद्रपुर अध्यक्ष मीना शर्मा जो की वरिष्ठ कांग्रेसी नेता है। उनके संदर्भ में पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल के द्वारा अश्वनीय शब्दों का इस्तेमाल किया गया था। जिसका ऑडियो वायरल होने से रुद्रपुर कांग्रेसियों में नाराजगी है। अंतिम समय में कांग्रेस पार्टी राजकुमार ठुकराल पर ही दांव खेल सकती है।
प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)


ऐसे में राष्ट्रीय दलों के प्रत्याशी समेत अन्य के पास जनता तक पहुंचने के लिए सिर्फ 27 दिन रहेंगे। इन 27 दिनों में ही नेताजी को 40 वार्ड नापने होंगे और जनता के बीच जाकर अपने पक्ष में मतदान की अपील करनी होगी। हालांकि जनता का उन्हें आशीर्वाद मिला या नहीं यह 25 जनवरी को मतगणना के बाद ही साफ होगा।
प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)
रुद्रपुर और काशीपुर दोनों नगर निगम में इस बार मेयर की सीट सामान्य है। ऐसे में दोनों ही नगर निगमों में दिलचस्प चुनावी मुकाबला देखने को मिलेगा। यहां दोनों ही प्रमुख पार्टियों भाजपा और कांग्रेस से दावेदारों की बड़ी संख्या है।
चुनावी कार्यक्रम घोषित होने के साथ ही जल्द दोनों पार्टियों के प्रत्याशी घोषित होने की सभी को उम्मीद है। रुद्रपुर और काशीपुर दोनों नगर निगमों में 40-40 वार्ड हैं। रुद्रपुर नगर निगम की बात करें तो यहां 40 वार्डों में कुल 1,46,082 मतदाता हैं। इसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 75,909 और महिला मतदाताओं की संख्या 70,105 है। जबकि 68 थर्ड जेंडर हैं।
40 वार्डों का कुल क्षेत्रफल 55.22 वर्ग किमी. है। वर्ष 2013 में रुद्रपुर नगर पालिका को नगर निगम का दर्जा दिया गया। इससे पहले रुद्रपुर नगर पालिका की कुल जनसंख्या 1,40,857 थी। वर्ष 2011 में हुई जनगणना के बाद नगर निगम की कुल जनसंख्या 2,34,798 हो गई।
निकाय चुनाव को जारी कार्यक्रम के मुताबिक नामांकन पत्रों को प्राप्त करने की तिथि 27 से 30 दिसम्बर तक तय की गई है। जबकि नामांकन पत्रों की जांच की तिथि 31 दिसम्बर और 1 जनवरी 2025 तय की गई है।
वहीं नाम वापसी की तिथि 2 जनवरी 2025 और निर्वाचन प्रतीक आवंटन की तिथि 3 जनवरी तय की गई है। 23 जनवरी को मतदान और 25 जनवरी को मतगणना की तिथि तय की गई है। ऐसे में नामांकन के बाद 22 जनवरी तक प्रत्याशियों के पास जनता के बीच जाकर चुनाव प्रचार करने का मौका होगा।
मेयर प्रत्याशी को एक दिन में 5700 से करना होगा संपर्क
इस बार मेयर प्रत्याशी को 40 वार्डों के 40 किमी क्षेत्रफल में प्रचार करने के लिए 27 दिन का समय मिल रहा है। इस हिसाब से प्रत्याशी को एक दिन में करीब 5700 मतदाताओं से मुलाकात करना होगा। नामांकन करने की तिथि 27 से 30 दिसंबर रखी गई है।
मतदान 23 जनवरी को होगा। इस हिसाब से मेयर प्रत्याशी को 27 दिन में 40 वार्डों में 39.6 वर्ग किलोमीटर दूरी नापनी होगी। 40 वार्डों में वोटरों की संख्या 1,53,236 है। इस हिसाब से प्रत्याशी को एक दिन में करीब 5700 मतदाताओं से मुलाकात करनी होगी। इतने कम समय में सभी मतदाताओं से मुलाकात करना प्रत्याशियों के लिये चुनौती होगा।2018 में हुए निगम चुनाव में प्रत्याशियों को 40 वार्डों में चुनाव को करीब एक महीने का समय मिला था।
