मुख्य निर्वाचन अधिकारी डाॅ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने कहा कि जो जिले अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय सीमाओं से लगे हैं, उनके चेकपोस्ट पर प्रभावी निगरानी की जाए।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने रविवार को सचिवालय में सभी जिलाधिकारियों एवं पुलिस अधीक्षकों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बैठक की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्रथम चरण में मतदान किया जाना है, इसलिए बूथ स्तर तक स्वीप गतिविधियों सहित जागरूकता कार्यक्रमों को और व्यापक स्तर पर चलाया जाए।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि इलेक्शन सीजर मैनेजमेंट सिस्टम में सभी एजेंसियां सीजर रिपोर्ट समेत अन्य रिपोर्ट जिम्मेदारी से भरें। उन्होंने कहा कि जिलों में स्टेटिक सर्विलांस टीमें विभिन्न माध्यमों से प्राप्त सूचनाओं को गंभीरता से लेते हुए उन पर त्वरित कार्यवाही करें।
पुलिस महानिदेशक एपी अशुंमान ने बताया कि प्रदेश के सभी जिलों में सुरक्षा बलों को तैनात करने की योजना तैयार कर ली गई है। प्रदेश में जो शेडो क्षेत्र हैं वहां संचार सुविधाएं सुचारू करने को एसएसपी और एसपी को निर्देशित किया गया है। उन्होंने बताया कि दुर्गम इलाकों में ड्रोन कैमरों से निगरानी की जा रही है।
बैठक में अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी डाॅ. विजय कुमार जोगदंडे, संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी नमामि बंसल, प्रताप शाह, सहायक मुख्य निर्वाचन अधिकारी मस्तु दास समेत सभी जिलों के जिलाधिकारी, एसएसपी व एसपी वर्चुअल माध्यम से उपस्थित थे।
आयोग की गाइडलाइन का अनुपालन करें राजनीतिक दल
मुख्य निर्वाचन अधिकारी डाॅ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने सचिवालय में प्रदेश के सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। उन्होंने सभी दलों से प्रदेश में सकुशल मतदान की अपील की।
उन्होंने कहा कि आदर्श आचार संहिता प्रभावी हो गई है, इसके दृष्टिगत सभी राजनीतिक दलों के खर्च की निगरानी भी शुरू की जा चुकी है। सभी दल निर्वाचन आयोग के दिशानिर्देशों के अनुसार ही नामांकन संबंधी प्रक्रिया, चुनावी रैली व अन्य गतिविधियों को संचालित करें।
चुनाव आचार संहिता लगने से पहले शासन की अनुमति न मिलने से 3253 पदों पर प्राथमिक के शिक्षकों की भर्ती लटक गई है। धामी कैबिनेट ने उत्तराखंड राजकीय प्रारंभिक शिक्षा सेवा नियमावली 2012 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।
जिससे अभ्यर्थियों में पिछले काफी समय से लटकी भर्ती जल्द शुरू होने की आस जगी थी।
प्रदेश में प्रारंभिक शिक्षा में बेसिक के शिक्षकों के पदों पर भर्ती पिछले तीन साल से भी अधिक समय से लटकी है। शिक्षा विभाग ने वर्ष 2020 व 2021 में सहायक अध्यापक के दो हजार से अधिक पदों के लिए आवेदन मांगे थे। इस बीच विभाग में कुछ अन्य पद भी खाली हो गए, लेकिन पहले एनआईओएस से डीएलएड और फिर बीएड की वजह से शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया लटकी रही।
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पहला मामला 15 जनवरी 2021 का है। जब शासन ने शिक्षकों की इस भर्ती में एनआईओएस से डीएलएड अभ्यर्थियों को भी शामिल करने का आदेश कर दिया था। इस पर बड़ी संख्या में एनआईओएस से डीएलएड अभ्यर्थियों ने शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन किया।
इन अभ्यर्थियों के आवेदन करने के बाद शासन ने 10 फरवरी 2021 को एक अन्य आदेश जारी कर 15 जनवरी 2021 के आदेश को रद्द कर दिया। इसके बाद एक अन्य मामले में पहले सुप्रीम कोर्ट ने फिर हाईकोर्ट ने 14 फरवरी 2023 को प्राथमिक शिक्षक भर्ती से बीएड अभ्यर्थियों को बाहर करने का आदेश कर दिया।
हालांकि अब सरकार बीएड अभ्यर्थियों को प्रारंभिक शिक्षा सेवा नियमावली से बाहर कर चुकी है, लेकिन चुनाव आचार संहिता की वजह से फिलहाल शिक्षकों की भर्ती नहीं हो पाएगी।