
इन्हीं कुख्यात डाकुओं में से एक थे, डकैत मलखान सिंह। मलखान सिंह का नाम चंबल घाटी के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है और उनका जीवन संघर्ष और विजय की कहानी से भरा हुआ है।


प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)
मलखान सिंह: एक साहसी और शारीरिक रूप से मजबूत डकैत
मलखान सिंह का नाम चंबल के सबसे प्रसिद्ध डाकुओं में लिया जाता है। उन्हें अपनी शारीरिक ताकत के लिए जाना जाता था, और कहा जाता है कि वह आल्हा उदल के चचेरे भाई थे। उनका शरीर अत्यधिक मजबूत था और वह लड़ाई के मामलों में बहुत कुशल थे। मलखान सिंह का डाकू गैंग इलाके में बहुत प्रभावी था और उनकी मौजूदगी से पूरे क्षेत्र में दहशत फैली रहती थी।
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रणकौशला देवी की पूजा और देवी से प्राप्त विजय का वरदान
मलखान सिंह की आस्था देवी रणकौशला में थी। कहा जाता है कि उन्होंने पाकिस्तान के हिंगलाज से देवी रणकौशला की प्रतिमा लाकर अपनी पूजा शुरू की थी। इस देवी की पूजा से मलखान सिंह को विजय का वरदान मिला था। मान्यता है कि देवी ने उन्हें एक तलवार भेंट दी थी, जिससे उन्हें अनगिनत युद्धों में सफलता मिली। इस कारण, वह हर लड़ाई में जीत हासिल करने में सक्षम थे।
मलखान सिंह का विश्वास और पूजा का तरीका इस क्षेत्र में प्रसिद्ध था। लोग मानते थे कि रणकौशला देवी, जिनका स्थानीय नाम रेहकोला देवी है, सिद्धदात्री स्वरूप में विराजमान हैं, और उनके आशीर्वाद से मलखान सिंह का नाम चंबल के कुख्यात डाकुओं में सबसे प्रमुख बन गया था।
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सरेंडर और समाज सुधारक के रूप में नया अध्याय
मलखान सिंह ने 15 जून 1982 को मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। यह कदम चंबल के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ था, क्योंकि मलखान सिंह जैसे कुख्यात डाकू का आत्मसमर्पण क्षेत्र में बदलाव का संकेत था।
समाज सुधारक के रूप में उनका जीवन काफी प्रेरणादायक रहा। जेल से निकलने के बाद मलखान सिंह ने समाज में कई सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए काम किया। उन्होंने सार्वजनिक जीवन में सक्रिय होकर समाज के विभिन्न मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया और उनके प्रयासों से समाज में सुधार की दिशा में काम हुआ।
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मलखान सिंह का व्यक्तित्व और आदतें
मलखान सिंह के बारे में कहा जाता था कि वह सुबह उठकर देवी रणकौशला की पूजा करते थे और दिन भर कम बोलते थे। उनकी साधना और शांतिपूर्ण स्वभाव ने उन्हें अपने गैंग और समाज में एक अलग पहचान दिलाई थी। उनका जीवन एक जटिल मिश्रण था, जिसमें क्रूरता और आध्यात्मिकता का अद्भुत संतुलन था।
मलखान सिंह का जीवन एक कुख्यात डाकू से समाज सुधारक बनने की अद्भुत यात्रा है। वह न केवल एक शक्तिशाली डाकू थे, बल्कि उन्होंने समाज में बदलाव लाने के लिए अपने जीवन का उपयोग किया। उनके द्वारा किए गए प्रयासों और उनके व्यक्तित्व के विभिन्न पहलुओं ने उन्हें चंबल के इतिहास में एक अमिट स्थान दिलाया। उनकी कहानी न केवल एक संघर्ष की कहानी है, बल्कि यह हमें यह भी सिखाती है कि व्यक्ति के जीवन में परिवर्तन संभव है, चाहे वह किसी भी परिस्थिति में क्यों न हो।
