
आज केदारपुत्रों और नंदा समान देवभूमि की नारीयाँ ने पहाड़ी स्वाभिमान के लिए उत्तराखंड की असली राजधानी गैरसैंण में हुंकार भरी। 🔥


ये पहाड़ियों की तपस्या है और ढोल दमाऊ की थाप सुनाई दे रही है? वो गर्जन है जिस पर पहाड़ की संतानें गरजते हुए हुक्मरानों को संकेत दे रहे हैं कि अब विदाई तय है। ये भगवान बद्री केदार के संतानों का अपने हकहकूक, मान सम्मान के लिए महासंघर्ष है।
गैरसैंण में आज जो जन सैलाब उमड़ा, जिस तरह पहाड़ियों ने हुंकार भरी, उसने न केवल देहरादून, बल्कि तक संदेश पहुंचा दिया है कि अब बस, हम और नहीं सह सकते!
जय बद्री-केदार 🙏
#Gairsain #गैरसैंण
उपरोक्त पूरी खबर सोशल मीडिया हैंडल से ली गई है लोगों की प्रतिक्रियाएं आ रही है और उत्तराखंड धीरे-धीरे प्रेमचंद अग्रवाल को लेकर अपना आक्रोश व्यक्त कर रहे हैं ।ऋषिकेश से शुरू हुआ या आंदोलन देहरादून हरिद्वार उधम सिंह नगर नैनीताल अल्मोड़ा पिथौरागढ़ बागेश्वर के बाद अब गैरसैंण में विरोध प्रदर्शन शुरू हो चुका है। पर्वतीय मूल्य के लोगों में प्रेमचंद अग्रवाल पर कार्रवाई नहीं होने पर भारतीय जनता पार्टी एवं विधानसभा में सत्र के दौरान बैठे हुए उत्तराखंड मूल के विधायक विधानसभा अध्यक्ष जिन्होंने प्रेमचंद अग्रवाल को आप शब्दों के प्रयोग के बाद अपना विरोध दर्ज नहीं कराया इसको लेकर भी पूरे उत्तराखंड में बवाल की स्थिति बनी हुई है।
