उत्तराखंड में धामी मंत्रिमंडल का अब कभी भी विस्तार हो सकता है। इस समय धामी मंत्रिमंडल में 5 सीटें रिक्त हैं। ऐसे में 5 विधायकों की लॉटरी लग सकती है।

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माना जा रहा है कि इस बार सीएम धामी पूरी टीम-11 के साथ उतर सकते हैं। उत्तराखंड में सीएम समेत 12 लोग मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं।

धामी सरकार के दूसरे कार्यकाल में सीएम धामी समेत 9 मंत्री बनाए गए। शुरूआत से ही तीन सीटें खाली हैं। इसके बाद चंदन राम दास के निधन से मंत्रियों की कुर्सी खाली होने की संख्या 4 हो गई। अब प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद 5 सीटें खाली हो गई हैं।

जिलों के प्रतिनिधित्व की बात करें तो सीएम धामी चंपावत से आते हैं। देहरादून से गणेश जोशी, पौड़ी से सतपाल महाराज, धन सिंह रावत, टिहरी से सुबोध उनियाल, अल्मोड़ा से रेखा आर्य, उधम सिंह नगर से सौरभ बहुगुणा मंत्री हैं। स्पीकर ऋतु खंडूरी भी पौड़ी जिले और प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट चमोली जिले से आते हैं। जिन जिलों से अभी प्रतिनिधित्व नहीं है, उनमें उत्तरकाशी, रूद्रप्रयाग, हरिद्वार, पिथौरागढ़, बागेश्वर, नैनीताल शामिल हैं। वर्तमान में पौड़ी जिले से सबसे ज्यादा प्रतिनिधित्व है।

धामी मंत्रिमंडल में किसको जगह मिल सकती है। इसको लेकर कयासबाजी शुरू हो गई है। जातीय, क्षेत्रीय, मंडल और जिले सभी समीकरणों को साधने की चुनौती है। सबसे ज्यादा जिन नामों की चर्चा है, उनमें देहरादून से खजानदास, विनोद चमोली, उमेश शर्मा काउ और सहदेव पुंडीर के नाम लिए जा रहे हैं। खजानदास को प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी के लिए भी सबसे फिट बताया जा रहा है।

इसके बाद हरिद्वार जिले को इस बार मंत्रिमंडल में जगह मिलनी तय मानी जा रही है। हरिद्वार से मदन कौशिक, आदेश चौहान और प्रदीप बत्रा का नाम लिया जा रहा है। इसके अलावा पिथौरागढ़ से विशन चुफाल फिर चर्चा में आए गए हैं। उधमसिंह नगर से अरविंद पांडे और शिव अरोडा का नाम लिया जा रहा है।

इसके अलावा पौड़ी से ऋतु खंडूरी भूषण को मंत्री बनाए जाने और पौड़ी से किसी बड़े चेहरे को स्पीकर बनाने की चर्चा है। धामी मंत्रिमंडल से दो और चेहरों की भी छुट्टी होने की चर्चा है। जिसमें एक गढ़वाल और एक कुंमाउ से हो सकते हैं। ऐसे में धामी मंत्रिमंडल में इस बार नए और युवा चेहरों को मौका मिल सकता है।


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