भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए चुनाव प्रक्रिया चल रही है। माना जा रहा है कि इस महीने के आखिर या अगले महीने की शुरुआत में पार्टी को नया और युवा नेतृत्व मिल सकता है।

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जेपी नड्डा का कार्यकाल पहले ही पूरा हो चुका है,इस वजह से वह नरेंद्र मोदी सरकार में स्वास्थ्य मंत्री का जिम्मा भी संभाल चुके हैं। क्योंकि, बीजेपी में एक व्यक्ति के दो पदों पर रहने का विधान नहीं है।

प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)

केंद्र में बीजेपी की तीसरी बार सरकार बनी है। प्रमुख विपक्षी दलों के मुकाबले पार्टी में ज्यादा युवा नेतृत्व को आगे बढ़ाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है। ऐसे में पार्टी के नीति निर्धारकों पर भविष्य के लिए नेतृत्व की नई श्रृंखला खड़ी करने की जिम्मेदारी है।

BJP New President: जनवरी के अंत या फरवरी की शुरुआत में नड्डा की जगह ले लेगा बीजेपी का नया अध्यक्ष

पार्टी में अभी विभिन्न राज्यों में जहां भी सदस्यता अभियान पूरा हो चुका है, वहां नए जिलाध्यक्षों की नियुक्तियों का काम हो रहा है। 29 राज्यों में नए प्रदेश अध्यक्षों के चुनाव के लिए रिटर्निंग ऑफिसरों की तैनाती हो चुकी है। जैसे ही प्रदेश अध्यक्ष को चुनने की प्रक्रिया पूरी होगी, राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव का भी कार्य संपन्न किया जाना है। अंग्रेजी अखबार ईटी ने पार्टी सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट दी है कि पूरी प्रक्रिया जनवरी के आखिर तक पूरी कर ली जाएगी और इस महीने के अंत में या फरवरी की शुरुआत में भाजपा को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल जाएगा।

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BJP New President: भाजपा संगठन में युवा चेहरों को तरजीह मिलने की संभावना

बीजेपी इस बार पूरे संगठन के कायाकल्प की तैयारी में दिख रही है। जैसे ही नए अध्यक्षकार्यभार संभालेंगे, पूरी टीम में बदलाव नजर आने की संभावना है। पार्टी पदाधिकारियों के तौर पर नए और युवा-ऊर्जावान चेहरों की संख्या में बढ़ोतरी दिख सकती है। पिछले कुछ वर्षों बाद इसमें बहुत बड़े बदलाव की संभावना नजर आ रही है। भाजपा नेताओं को लगता है कि केंद्र में पार्टी तीन कार्यकालों से सरकार में है, ऐसे में संगठन को नई ऊर्जा से भरने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में नेतृत्व के लिए नेताओं की एक पूरी श्रृंखला खड़ी की जा सके।

BJP New President: भाजपा में भविष्य की लीडरशिप तैयार करने की प्रक्रिया पहले से भी चल रही है

भाजपा खुद को संगठन की पार्टी मानती है। यहां एक सामान्य कार्यकर्ता शीर्ष नेतृत्व तक पहुंच सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बेहतर इसका कोई उदाहरण नहीं दिया जा सकता। वह खुद भी इस बात को गर्व के साथ स्वीकार करते हैं। वह भाजपा के पहले ऐसे नेता हैं, जिन्हें मुख्यमंत्री रहते पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) में जगह दी गई थी। बाद में मौजूदा केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी यह मौका मिल चुका है और अभी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी इसके सदस्य हैं।

वैसे बीजेपी में भविष्य की लीडरशिप तैयार करने की प्रक्रिया पहले से भी चल रही है और पिछले कुछ वर्षों में यह दिखा भी है कि युवा नेताओं को उभरने और खिलने का भरपूर अवसर मिला है। उदाहरण के तौर पर उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का नाम लिया जा सकता है। ये सारे दो या उससे अधिक बार के मुख्यमंत्री हैं।

इसी तरह से मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव, राजस्थान के सीएम भजन लाल शर्मा, छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णु देव साई, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी पहली बार के मुख्यमंत्री हैं और भविष्य के नेतृत्व के तौर पर अगली पीढ़ी के लिए तैयार हो रहे हैं।

BJP New President: राजनीति से बाहर के टैलेंट का भी बीजेपी में सफल प्रयोग

बीजेपी ने हाल के वर्षों में टैलेंट आधारित नेतृत्व तैयार करने की भी प्रक्रिया अपनाई है और उसे इसमें सफलता भी मिली है। जैसे केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और विदेश मंत्री एस जयशंकर का नाम लिया जा सकता है। वैष्णव तो राजनीति में इतने पारंगत हो गए हैं कि मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में पार्टी की जीत की गोटी सेट करने में इनका भी नाम लिया जाता है। खालिस राजनयिक होने के बावजूद जयशंकर भी समय-समय पर राजनीतिक मामलों में पार्टी के काम आ रहे हैं।

BJP New President: पार्टी संगठन में कुछ नया प्रयोग भी कर सकती है भाजपा

एक तरह मोदी सरकार देश को विकसित भारत के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ाने में जुटी हुई है तो दूसरी तरफ से दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा करने वाली भाजपा भी 15 साल की सत्ता के बाद भी देश की राजनीति में प्रासंगिक बने रहने की कोशिशों में जुटी हुई है। अब जिस तरह से पार्टी को हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में अप्रत्याशित सफलता हाथ लगी है, पार्टी कुछ नया प्रयोग करने के लिए भी तैयार होती दिख रही है और इस सिलसिले में बहुत ही जल्द धरातल पर बदलाव भी देखने को मिल सकता है।

BJP New President: देश की राजनीति में युवा टैलेंट को लाने के मिशन में जुटे हैं पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी आम सभाओं में एक बात अक्सर कहते रहे हैं कि वह एक लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाना चाहते हैं, जो राजनीतिक परिवारों से ताल्लुक नहीं रखते हों। अलबत्ता, वह मात्र बीजेपी की बात नहीं करते,वह देश के लिए इसकी जरूरत का जिक्र करते हैं।

हर साल 12 जनवरी को देश स्वामी विवेकानंद की जयंती को ‘राष्ट्रीय युवा दिवस’ के रूप में मनाता है। इसी मौके पर सरकार दिल्ली में इस बार विकसित भारत यंग लीडर्स डायलॉग आयोजित करने वाली, जिसमें पीएम मोदी भी शामिल होने वाले हैं।

इस मौके पर देश भर के युवा राष्ट्र निर्माण के बारे में अपनी आइडिया को लेकर प्रधानमंत्री के सामने अपनी प्रेजेंटेशन देंगे। इस आयोजन का प्रारंभिक लक्ष्य यही है कि ऐसा कौन युवा टैलेंट है, जो आगे चलकर देश की राजनीति में हिस्सा ले सकता है।

BJP New President: विकसित भारत के मिशन के साथ भाजपा करना चाहती है कदमताल

हालांकि, यह सरकारी कार्यक्रम है, लेकिन स्वाभाविक रूप से भाजपा को इस कार्यक्रम से पार्टी के लिए भी भविष्य के युवा नेतृत्व को तलाशने में मदद मिलेगी। क्योंकि, वह देश की सबसे बड़ी पार्टी भी है और उसका संगठनात्मक ढांचा भी दूसरों से काफी मजबूत है। भाजपा को यकीन है कि उसके संगठन की संरचना ऐसी है, जिसमें टैलेंट को चमकने का अवसर मिलता है, लेकिन बिना संघर्ष और मेहनत के किसी के आगे बढ़ना मुश्किल है।

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इस तरह से पार्टी 2047 तक देश को विकसित भारत बनाने के प्रधानमंत्री मोदी के अभियान को बहुत ही सूझबूझ के साथ पार्टी में भी ‘युवा कमलों’ की फौज खड़ी करने के मिशन में जुटती दिख रही है।


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