बाबागनाथ की नगरी में उत्तराखंड के कुमाऊं का सुप्रसिद्ध उत्तरायणी मेला सांस्कृतिक जुलूस के साथ शुरू हो गया है। शुभारंभ के अवसर पर शहर में भव्य शोभायात्रा निकाली गई। जुलूस में कुमाऊं, गढ़वाल की लोक संस्कृति के विविध रंग देखने को मिले।

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वहीं राजस्थानी, पंजाबी, शौका, जौनसारी समेत विभिन्न संस्कृति की छटा भी दिखाई दी। तहसील परिसर में सोमवार को मंडलायुक्त दीपक रावत, डीएम आशीष भटगांई ने शोभायात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इसमें शामिल लोग तहसील रोड, गोमती पुल, स्टेशन रोड, माल रोड, सरयू पुल, जिला अस्पताल रोड, दुग बाजार होकर मुख्य मेला स्थल नुमाइशखेत पहुंचे। जुलूस में सबसे आगे देवी ध्वज व उसके बाद कुमाऊं रेजीमेंट का बैंडवादक दल चल रहा था। सांस्कृतिक जुलूस में शामिल झांकियां आकर्षण का केंद्र रही। झांकी देखने के लिए घरों की छतों, दुकानों के आगे लोगों की भीड़ जमा हो गई है। कई लोगों ने घरों की खिड़कियों से भी झांकियों का दीदार किया। जुलूस में कुमाऊंक ढोल, दमाऊ, नगाड़, बीनबाज, तुतुरी, रमसिंगा चार चांद लगाई। कुमाऊं रेजीमेंटक बैंड की मधुर धुन सुन बेर भल लागो। छोलिया नर्तकों ने भी शानदार प्रस्तुति से लोगों का मन मोहा। धारचूला से आए नगाड़े की धुन भी सुनाई दी।

प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)


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