
सावन का महीना अपने साथ सिर्फ हरियाली नहीं, बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा और भक्तिभाव की गूंज लेकर आता है। भगवान शंकर की आराधना का यह विशेष काल उत्तराखंड में एक महापर्व की तरह मनाया जाता है। आज सावन का पहला सोमवार है, और पूरे उत्तराखंड के मंदिरों में शिवभक्तों की अपार भीड़ उमड़ी हुई है। पर्वतीय राज्य का हर कोना — चाहे वह कुमाऊं हो या गढ़वाल — हर कहीं भोलेनाथ की भक्ति का रंग चढ़ा है।
रुद्रपुर के अटरिया मंदिर, शिव शक्ति मंदिर में शिवभक्तों का महासागर
सावन के पहले सोमवार पर अटरिया मंदिर में उत्तराखंडी आस्था का अनुपम दृश्य
रुद्रपुर स्थित प्राचीन और ऐतिहासिक अटरिया मंदिर में आज सावन के पहले सोमवार के अवसर पर आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा। विशेष रूप से पार्वतीय अंचलों से आई महिलाएं अपने पारंपरिक उत्तराखंडी परिधान – घाघरा, कुर्ती, पिछौड़ा व मांग में सिन्दूर लगाए – पूरे श्रद्धाभाव से भोलेनाथ का जलाभिषेक करती नजर आईं। ढोल-नगाड़ों की गूंज और “हर हर महादेव” के जयकारों से मंदिर परिसर भक्तिमय हो गया।
महिलाओं और युवतियों ने समूह में कतारबद्ध होकर बाबा भोलेनाथ के शिवलिंग पर गंगाजल, बेलपत्र, भांग-धतूरा अर्पित किया और मनोकामना पूर्ति का आशीर्वाद मांगा। पारंपरिक भजन और लोक गीतों की ध्वनि ने वातावरण को और भी पावन बना दिया।
हमने भी अपने पूरे परिवार संग मां अटरिया देवी और भगवान शिव के दर्शन कर जलाभिषेक किया। मंदिर की शांति, भक्तों की आस्था और प्रकृति की गोद में स्थित यह पवित्र स्थल सच में आत्मिक संतोष प्रदान करता है। अटरिया मंदिर में सावन का यह पहला सोमवार यादगार और पुण्यकारी बन गया।
रुद्रपुर स्थित प्राचीन शिव शक्ति मंदिर में आज सुबह से ही श्रद्धालुओं की लंबी कतारें देखने को मिलीं। भक्तों ने ॐ नमः शिवाय और हर-हर महादेव के उद्घोष के साथ जलाभिषेक कर अपने भाव समर्पित किए। मंदिर प्रबंधन द्वारा विशेष भोग और दुग्धाभिषेक की भी व्यवस्था की गई। भक्तों की सेवा के लिए स्थानीय स्वयंसेवकों और समाजसेवियों व्यवस्थाओं में लगे थे ।
यहां की भक्ति सिर्फ रीति-रिवाज नहीं बल्कि जीवंत आस्था की मिसाल है। रुद्रपुर, जो कि औद्योगिक पहचान के साथ-साथ धार्मिक चेतना से भी ओत-प्रोत है, सावन सोमवार को एक भक्तिमय नगरी में परिवर्तित हो गया।
कुमाऊं के प्रमुख शिवधामों में विशेष आयोजन
कुमाऊं अंचल के जागेश्वर धाम,झूलाघाट का प्राचीन शिव मंदिर, बागेश्वर का बागनाथ मंदिर, अल्मोड़ा का जागेश्वर धाम, नैनीताल का हनुमानगढ़ी शिव मंदिर और चंपावत का मनोकामना पूर्ण शिवालय आज विशेष पूजन और रुद्राभिषेक के केंद्र रहे। श्रद्धालु तड़के ब्रह्ममुहूर्त में ही मंदिरों की ओर कूच कर चुके थे।
बागनाथ मंदिर में विशेष जलाभिषेक और भजन-संध्या का आयोजन किया गया। जागेश्वर धाम, जिसे द्वादश ज्योतिर्लिंगों में स्थान दिलाने की मांग उठ चुकी है, वहाँ देशभर से कांवड़िए पहुंचे।


गढ़वाल में शिव आराधना की अनूठी छटा
गढ़वाल क्षेत्र भी पीछे नहीं रहा। उत्तरकाशी का केदारनाथ के बाद सबसे पवित्र माने जाने वाला विश्वनाथ मंदिर, टिहरी का चंद्रबदनी मंदिर परिसर, रुद्रप्रयाग का रुद्रेश्वर महादेव मंदिर, गोपेश्वर का गोपीनाथ मंदिर, पौड़ी का कंडोलिया महादेव मंदिर, और हरिद्वार का दक्षेश्वर महादेव मंदिर आज आस्था की साक्षात जीवंतता के प्रतीक बन गए।
विशेषकर हरिद्वार में गंगा घाटों पर आज कांवड़ियों की धूम रही। उत्तर भारत से आए लाखों शिवभक्त हरिद्वार से गंगाजल लेकर कांवड़ यात्रा पर रवाना हुए।
सुरक्षा और श्रद्धा की समरसता
राज्यभर में पुलिस और प्रशासनिक तंत्र मुस्तैद रहा। रुद्रपुर, हरिद्वार, बागेश्वर, और उत्तरकाशी में महिला-पुरुष पुलिसकर्मी तैनात किए गए। उत्तराखंड पुलिस की 112 टीम भी मंदिरों के आसपास तैनात रही। जगह-जगह मेडिकल कैंप, पेयजल स्टॉल और प्राथमिक उपचार केंद्र श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु लगाए गए।
महादेव की महिमा और उत्तराखंड की समृद्धि की कामना
शिव सिर्फ एक देवता नहीं, बल्कि सनातन संस्कृति के उस तत्त्व का नाम है जो संहार और सृजन दोनों का पर्याय हैं। उत्तराखंड — जिसे देवभूमि कहा जाता है — आज पूरे दिन शिव के नाम में लीन रहा। यह आस्था की शक्ति है जो पर्वतों से उतरकर मैदानों तक बहती है।
आज जब हर नगर, हर ग्राम, हर मंदिर में शिव की आरती हो रही है, तब एक स्वर में यह प्रार्थना गूंज रही है —
“ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥”
उत्तराखंड की समृद्धि, युवाओं की ऊर्जा, समाज की सद्भावना और पर्यावरण की पवित्रता के लिए हम महादेव से प्रार्थना करते हैं। सावन का यह पहला सोमवार समूचे प्रदेश को आशीर्वादमय बनाए — यही शिवभक्तों की कामना है।
रुद्रपुर (उधम सिंह नगर) सावन के पहले सोमवार पर प्रमुख शिवालयों में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब
सावन के पहले सोमवार के पावन अवसर पर रुद्रपुर सहित उधम सिंह नगर जिले के प्रमुख शिवालयों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। प्रातःकाल से ही श्रद्धालु “हर हर महादेव” और “ॐ नमः शिवाय” के जयकारों के साथ मंदिरों में जलाभिषेक हेतु पहुंचे।
जिले के प्रमुख शिव मंदिरों में रुद्रपुर का शिव शक्ति मंदिर, ग्राम ट्रांजिट कैंप का प्राचीन शिव मंदिर, गाँधी कॉलोनी का श्री त्रिपुरेश्वर महादेव मंदिर, काशीपुर रोड का बंजारावाला शिव मंदिर, बगवाड़ा स्थित भोलेनाथ मंदिर, सितारगंज का कालिका मंदिर परिसर में शिवालय, खटीमा का रामनगर शिव मंदिर, दिनेशपुर का प्राचीन शिव मंदिर, गदरपुर का शिवधाम, नानकमत्ता साहिब के पास स्थित शिव मंदिर, और जसपुर का तपकेश्वर महादेव मंदिर विशेष रूप से श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बने रहे।
सावन के पहले सोमवार पर रुद्रपुर क्षेत्र के Metropolis Omex, मॉडर्न कॉलोनी, जगतपुरा, मुख्य बाजार, पांच मंदिर, शिवनगर, रमपुरा, पत्थरचट्टा, पंतनगर, शांतिपुरी, जवाहर नगर, नगला, किच्छा, लालपुर, और दिनेशपुर समेत सभी स्थानों के श्रद्धालुओं ने पूरे परिवार सहित शिवालयों में जाकर श्रद्धा भाव से जलाभिषेक किया। शिव भक्तों ने ॐ नमः शिवाय के मंत्रों के साथ बेलपत्र, दूध और जल से भोलेनाथ का अभिषेक कर परिवार की सुख-शांति और उत्तराखंड की समृद्धि की कामना की। हर दिशा में शिवभक्ति की गूंज सुनाई दी।
भक्तों ने व्रत-उपवास रखकर जल, दूध, बेलपत्र, भांग और धतूरे से शिवलिंग का अभिषेक किया। कांवड़ लेकर पहुंचे शिवभक्तों ने वातावरण को भक्तिरस से भर दिया। प्रशासन ने सुरक्षा और व्यवस्था के लिए चाक-चौबंद इंतजाम किए। इस पावन दिन पर समस्त जिले में शिवमय वातावरण व्याप्त रहा।
✧ ॐ नमः शिवाय ✧(लेखक: अवतार सिंह बिष्ट, संपादक — शैल ग्लोबल टाइम्स | हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स)

