ईरान और इजरायल के बीच जारी तनाव और हमलों के बीच ईरान में भारतीय छात्रों की सुरक्षा के लिए भारत सरकार ने कुछ अहम कदम उठाए हैं। सरकार ने एक बयान में कहा कि ईरान में कुछ भारतीय छात्रों को देश के भीतर ‘सुरक्षित स्थानों’ पर स्थानांतरित किया जा रहा है, साथ ही इस बात पर भी जोर दिया कि ‘अन्य व्यवहार्य विकल्पों’ पर भी विचार किया जा रहा है।

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यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब इजरायल और ईरान मिसाइलों का आदान-प्रदान जारी रखे हुए हैं, और दोनों पक्षों में से कोई भी पीछे हटने का संकेत नहीं दे रहा है।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘तेहरान में भारतीय दूतावास लगातार सुरक्षा स्थिति की निगरानी कर रहा है और ईरान में भारतीय छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उनसे संपर्क कर रहा है। कुछ मामलों में, छात्रों को दूतावास की सुविधा के साथ ईरान के भीतर सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जा रहा है अन्य व्यवहार्य विकल्पों पर भी विचार किया जा रहा है।’

संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट
वहीं जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने रविवार को कहा कि वह ईरान में फंसे केंद्र शासित प्रदेश के छात्रों के संबंध में विदेश मंत्रालय के संपर्क में हैं।तेहरान में भारतीय दूतावास ने रविवार को ईरान में रह रहे भारतीय नागरिकों से सावधानी बरतने और इजराइल द्वारा हमले शुरू करने के बाद देश में मौजूदा स्थिति के मद्देनजर उसके साथ संपर्क बनाए रखने के लिए कहा है। दूतावास के परामर्श के बाद अब्दुल्ला का यह बयान आया है।
अब्दुल्ला ने ‘एक्स’ पर पोस्ट में कहा, ‘मैं ईरान में उभरती स्थिति, खासकर तेहरान, शिराज और अन्य शहरों में कश्मीरी छात्रों के संबंध में विदेश मंत्रालय के संपर्क में हूं। मंत्रालय ईरान में अधिकारियों के साथ निकट संपर्क में है।”मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्रों को निकालने का निर्णय जमीनी स्थिति और उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया जाएगा।

‘ईरान में 1,500 से अधिक भारतीय छात्र अनिश्चितता की स्थिति में ‘

वहीं कांग्रेस कांग्रेस ने रविवार को दावा किया कि ईरान में 1,500 से अधिक भारतीय छात्र अनिश्चितता की स्थिति में हैं और विदेश मंत्रालय से कहा कि उसे महज परामर्श जारी करने से आगे बढ़कर इन विद्यार्थियों की निकासी सुनिश्चित करने पर तत्काल काम करना चाहिए।कांग्रेस का यह बयान ऐसे समय आया है, जब ईरान में भारतीयों से रविवार को कहा गया कि वे घबराएं नहीं, सावधानी बरतें और इजराइल द्वारा हमले के बाद देश में मौजूदा स्थिति के मद्देनजर तेहरान में भारतीय दूतावास के साथ उसके सोशल मीडिया अकाउंट के माध्यम से संपर्क बनाए रखें।

‘ईरान में भारतीय छात्र मदद की गुहार लगा रहे हैं’

कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने आरोप लगाया कि ईरान में भारतीय छात्र मदद की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है, जबकि आसमान से मिसाइलें गिर रही हैं।खेड़ा ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘उड़ानें निलंबित हैं, तेहरान के ऊपर हवाई क्षेत्र बंद है और इंटरनेट पहुंच बाधित हैं, 1500 से अधिक भारतीय छात्र अनिश्चितता की स्थिति में हैं – निकासी या सुरक्षित क्षेत्रों के बारे में कोई जानकारी नहीं है।’

‘सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करने’ का आग्रह’

उन्होंने कहा कि भारतीय दूतावास ने एक सामान्य परामर्श जारी किया है, जिसमें छात्रों से ‘सतर्क रहने, सभी अनावश्यक गतिविधियों से बचने, दूतावास के सोशल मीडिया अकाउंट को फॉलो करने तथा स्थानीय अधिकारियों की सलाह के अनुसार सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करने’ का आग्रह किया गया है। खेड़ा ने कहा, ‘ईरान में छात्र संकट में फंसे हुए हैं क्योंकि भारतीय दूतावास की ओर से कोई संतोषजनक प्रतिक्रिया नहीं दी जा रही है।’ खेड़ा के मुताबिक, छात्रों का कहना है, ”कल रात के हमले के बाद हम सदमे में हैं। भारतीय दूतावास की ओर से कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं मिली है। हमारे परिवार घबराए हुए हैं।’


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