विद्युत वितरण व्यवस्था को निजी हाथों में सौंपकर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाये जाने के विरोध में कांग्रेसियों ने डीजीएम कार्यालय के समक्ष विरोध प्रदर्शन कर प्रदेश सरकार का पुतला फूंका और उत्तराऽण्ड पावर कारपोरेशन के एमडी को ज्ञापन भेजकर प्रीपेड मीटर लगाये जाने की प्रक्रिया बंद करने की मांग की।अगले कुछ सालो में सरकार द्वारा स्मार्ट मीटर लगाने की योजना है। इन्हें लगाने के लिए कुछ योजनाये चल रही है। इस पोस्ट में प्रीपेड स्मार्ट मीटर के बारे में जानेंगे

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Prepaid Smart Meter लगाने के लिए सरकार द्वारा कई योजनाये चलाई जा रही है जैसे की इसके नाम से ही स्पस्ट है है की प्रीपेड मतलब पहले पहले पैसे जमा करने होंगे। ये पैसे मोबाइल फोन की तरह रिचार्ज करके जमा करना पड़ेगा जैसे ही रिचार्ज ख़तम होगा सप्लाई बंद हो जाएगी फिर इसे पुनः रिचार्ज करके सप्लाई चालू की जा सकती हैं

–हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट, रुद्रपुर। उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी

उपभोक्ता जितना रिचार्ज कराएगा, पॉवर उपयोग कर पायेगा। बकाया राशी या गलत बिल से मुक्ति मिलेगी

प्रीपेड स्मार्ट मीटर के साथ उपभोक्ता कोई भी छेड़खानी नहीं कर सकेगा। ऐसा करने पर बिजली विभाग को अलर्ट मैसेज जायेगा जिससे विभाग द्वारा उपभोक्ता के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।

मीटर रीडर द्वारा मीटर रीडिंग नहीं ली जाएगी। बिजली आफिक से ही साफ्टवेयर के द्वारा प्रत्येक घर की बिजली की खपत की गणना हो जाएगी।

इस मीटर से बिजली की भी बचत होगी उपभोक्ता जितना रिचार्ज करेगा उतनी ही बिजली use कर पायेगा इसलिए अनावश्यक खर्चे नही करेंगे।

इस मीटर में एक अलार्म लगा होता जो अधिक LOAD और बिजली के अधिक खर्चे का सिग्नल देगा जिससे उपभोक्ता को पता लग जायेगा की बिजली ज्यादा खर्च हो रही है। बिजली चोरी पर पूर्ण रूप से लग जाएगा अंकुश।

स्मार्ट मीटर में उपभोक्ता पहले से ही रिचार्ज करेगा जिससे बिजली विभाग पर बकाया राशी नहीं रहेगी और वसूली नही करना पड़ेगा।मोबाइल नेटवर्क के द्वारा मीटर की सारी INFORMATION बिजली ऑफिस भेजेगी जिससे उपभोक्ता के बिजली उपयोग पर नजर रख सके

प्रीपेड स्मार्ट मीटर के नुकसान

जहा स्मार्ट प्रीपेड मीटर के बहुत से फायदे है तो कुछ नुकसान भी है यदि उपभोक्ता का रिचार्ज ख़तम हो जाये सप्लाई बंद हो जाएगी और हमारे देश में कई ऐसे भी गरीब लोग है जो रिचार्ज करने में सक्षम नहीं है तो उनको अँधेरे में रहना पड़ सकता है किन्तु सरकार गरीबो के लिए कुछ स्पेशल प्लान भी जारी कर रही है

प्रदेशभर में 16 लाख घरों पर प्रीपेड बिजली मीटर लगाने का काम जल्द ही शुरू होने जा रहा है। यूपीसीएल मुख्यालय में इसके कंट्रोल रूम स्थापित हो चुके हैं। ट्रांसफार्मरों पर स्मार्ट मीटर लगाने का काम अंतिम चरण में है। मीडिया रिपोर्टस के अनुसार उत्तराखंड में प्रीपेड मीटर लगाने के बाद बिजली के दाम तीन हिस्सों में बंट जाएंगे। दिन, शाम और रात की बिजली के दाम अलग- अलग वसूल किए जाएंगे। दिन में बिजली सस्ती तो रात को महंगी मिलेगी। उपभोक्ताओं के लिए राहत भरी खबर ये है कि उन्हें पूरे 24 घंटे का बिजली का दाम एक जैसा ही नहीं देना होगा। चूंकि दिन में यूपीसीएल सौर ऊर्जा खरीदता है जो कि दो से ढाई रुपये प्रति यूनिट मिलती है। लिहाजा दिन में उपभोक्ताओं को इसी हिसाब से सस्ती बिजली मिलेगी। रात को कोयले और गैस की बिजली से आपूर्ति होती है जो कि अपेक्षाकृत सात से आठ रुपये प्रति यूनिट मिलती है। लिहाजा, रात को बिजली के दाम महंगे होंगे। खास बात ये होगी कि आप किस घंटे में कितने बिजली इस्तेमाल कर रहे हो, उसके दाम अलग-अलग लगेंगे। कपड़े धोने से लेकर खेत में सिंचाई जैसे जो भी काम होंगे, वह उपभोक्ता दिन में सस्ती बिजली में कर सकेगा। यूपीसीएल एमडी अनिल कुमार ने बताया कि प्रीपेड मीटर लगाने का कोई शुल्क उपभोक्ता से नहीं वसूला जाएगा। बिल का झंझट खत्म होगा। बिजली की खपत की पूरी जानकारी मोबाइल पर एप के माध्यम से मिलेगी। रियल टाइम उपभोग देखकर बिजली बचा सकेंगे। हर माह मीटर रीडिंग की जरूरत न होगी। बिल पर लगने वाले ब्याज या विलंब शुल्क से छुटकारा मिलेगा। घर बैठे अपना बिजली रिचार्ज कर सकेंगे। प्रीपेड मीटर लगाने वालों को बिजली दर में चार प्रतिशत की छूट मिलेगी। रात में बैलेंस खत्म हुआ तो बिना रुकावट बिजली आपूर्ति जारी रहेगी।


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