देर रात तक चला सदन, बिना चर्चा के पास हुए पांच विधेयक, आज सत्र का चौथा दिन। रुद्रपुर नगर निगम की ओर से काशीपुर बाईपास सहित अन्य जगहों पर अतिक्रमण को लेकर दिए नोटिस से व्यापारियों में खलबली मची हुई है। छह व्यापारियों ने दस्तावेज सहित नोटिस के खिलाफ आपत्ति दी है।

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हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/शैल ग्लोबल टाइम्स/अवतार सिंह बिष्ट रूद्रपुर उत्तराखंड

इसके बाद अब छह सदस्यीय टीम आपत्तियों की सुनवाई कर निस्तारण करेगी। वहीं कुछ कारोबारियों ने खुद ही टिनशेड हटाने शुरू कर दिए हैं।

दरअसल हाईकोर्ट में दाखिल जनहित याचिका के बाद वर्ष 2018 में मुख्य बाजार में अतिक्रमण हटाया गया था। इसके बाद पिछले साल नेशनल हाइवे में अतिक्रमण के दायरे में आई 120 दुकानों को ध्वस्त किया गया था। हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता ने प्रार्थना पत्र देकर पूरा अतिक्रमण नहीं हटाने की बात कही थी। हाईकोर्ट के निर्देश के बाद एक पखवाड़े पहले नगर निगम ने काशीपुर बाईपास सहित विभिन्न जगहों पर 198 अतिक्रमण चिह्नित कर व्यापारियों को नोटिस थमा दिए थे। व्यापारियों को पक्ष रखने के लिए 15 दिन का समय दिया गया था। 15 दिनों में अतिक्रमण खुद हटाने की हिदायत दी गई थी। अतिक्रमण का नोटिस मिलने के बाद व्यापारियों में हड़कंप मच गया था। व्यापारियों ने विधायक शिव अरोरा से मिलकर अतिक्रमण की कार्यवाही से राहत दिलाने की गुहार लगाई थी। नगर आयुक्त नरेश दुर्गापाल ने बताया कि नोटिस देने के बाद छह व्यापारियों ने रजिस्ट्री सहित आपत्ति दाखिल की है। डीएम के निर्देश पर गठित छह सदस्यीय कमेटी आपत्तियों की सुनवाई कर निस्तारण करेगी।

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बिधानसभा में देर रात तक चली सदन की कार्यवाही के दौरान विपक्ष के विरोध और सत्तापक्ष के समर्थन के बीच राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पारित हो गया। चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष के विधायकों ने अभिभाषण को राज्य के लिए विकासपरक बताया।

विपक्ष ने इसका विरोध किया। सदन पर चर्चा के दौरान सत्ता और विपक्ष ने कुछ सुझाव भी रखे।

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बदरीनाथ विधायक राजेंद्र सिंह भंडारी ने कहा, सिलक्यारा से बड़ा हादसा जोशीमठ में हुआ। यहां 1200 परिवार डेंजर जोन में आ गए। आपदा सचिव ने बैठक कराते हुए शहर में ऐलान किया कि यह सभी परिवार हटेंगे। विधायक ने कहा, इन परिवारों के विस्थापन के बजाए जोशीमठ शहर का ट्रीटमेंट किया जाए। प्रभावितों को बिजली, पानी और कर से छूट मिले।

क्षेत्रीय विधायक ने कहा, क्षेत्र में आपदा से श्रमिकों के सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है। विधायक ने यह भी कहा कि, औली में करोड़ों की लागत से बर्फ बनाने की मशीन ली गई । जिससे एक दिन भी बर्फ नहीं बनी। विद्यालयों की स्थिति खराब है। विद्यालयों की छत टपक रही है। उडामांडा, चौंडी, जोशीमठ, ईराणाी, सोरणा, बछेत आदि विद्यालय भवन ठीक नहीं है। कम छात्र संख्या वाले विद्यालय तोड़ दिए गए हैं। उन्हें बंद कर दिया गया है। जिसे फिर से खोला जाए। उच्च शिक्षा में गोपेश्वर महाविद्यालय में श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय का कैंपस खोलने के बाद बंद कर दिया गया है। जिससे छात्र-छात्राओं को टिहरी जाना पड़ रहा है।

आपदा और सड़कों की समस्या उठाई
भाजपा विधायक प्रमोद नैनवाल ने कहा, पीएम ने घोषणा की है कि 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक होगा। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार ने यूसीसी को पास कराया। इसके अलावा नकल विरोधी कठोर कानून बनाया। विधायक बिशन सिंह चुफाल ने कहा, सशक्त प्रदेश बने इसके लिए पर्यटन की नीति बनाई है। पौराणिक मंदिरों को चिन्हित कर उन्हें मानस खंड के रूप में चयनित किया। वह हमारी पहचान और संस्कृति है। उन्होंने कुछ सुझाव भी रखे। विधायक ने कहा, पहाड़ में बंदरों और जंगली जानवर की वजह से खेत बंजर हो रहे हैं। बंदरों की समस्या से निपटने के लिए उनका बंध्याकरण किया जाए। उन्होंने आपदा और सड़कों की समस्या को भी उठाया।

विधायक ममता राकेश ने कहा, सरकार ने भगवानपुर क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज खोलने का आश्वासन दिया था, लेकिन इस दिशा में कुछ नहीं हुआ। यदि क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज खुलता तो उत्तराखंड के साथ ही यूपी के लोगों को भी इसका लाभ मिलता। विधायक सुमित हृदयेश ने कहा, क्षेत्र में वैश्विक सम्मेलन के लिए लोगों की दुकानें तोड़ी गई। जिन्हें कोई मुआवजा नहीं दिया गया। उप नेता सदन भुवन कापड़ी ने बताया क्षेत्र की कई कंपनियां वापस चली गई हैं।

सदन में देर रात बजट पर चर्चा हुई शुरू

देहरादून। विधानसभा में देर रात तक चली कार्रवाई के दौरान राज्य सरकार के वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट पर चर्चा शुरू हो गई। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने बजट को दिशाहीन बताया। उन्होंने कहा, बजट समावेशी नहीं है, निराशावादी है। इसमें शब्दों की बाजीगरी की गई है। रोडमैप नहीं है, जो यथार्थ से परे है। नेता प्रतिपक्ष ने इसे लक्ष्यविहीन बजट बताते हुए कहा कि इसमें संभावनाओं की अनदेखी की गई है। उन्होंने इसे किसान विरोधी बताया।

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सदन में बिना चर्चा के पांच विधेयक हुए पास

देहरादून। विधानसभा में मंगलवार को पेश हुए पांच विधेयकों में से चार विधेयकों को बुधवार देर रात तक चली कार्यवाही के दौरान बिना किसी चर्चा के पारित कर दिया गया। जिन विधेयकों को सदन ने पारित किया, उनमें उत्तराखंड निजी विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, उत्तराखंड बाढ़ मैदान परिक्षेत्रण (संशोधन) विधेयक, उत्तराखंड लोक सेवा (कुशल खिलाड़ियों के लिए क्षैतिज आरक्षण) विधेयक, उत्तराखंड पंचायतीराज (संशोधन) विधेयक शामिल हैं।


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