मेट्रोपोलिस में छाया गणेश महोत्सव का उल्लास, पंडालों में गूंजे ‘गणपति बप्पा मोरया’ के जयकारे, जिला बाल महिला विकास अधिकारी मेट्रोपोलिस गणेश महोत्सव में सपरिवार पहुंचकर आशीर्वाद प्राप्त किया। अपने संबोधन मैं सभी गणेश भक्तों को शुभकामनाएं दी, मरवा के द्वारा किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा करते हुए उन्होंने गणेश महोत्सव की भव्यता को देखकर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा। गणेश महोत्सव में अपने नन्हे मुन्ने बच्चों को जो मंच प्रदान किया है। वह अति सराहनी है। बच्चों को अपनी प्रतिभा का हुनर दिखाने का मौका इस गणेश उत्सव में मिल रहा है। बच्चों के बौद्धिक सर्वांगीण विकास के लिए मंच एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। एम आर डब्ल्यू ए की पूरी टीम ने मुख्य रूप से अध्यक्ष देवेंद्र साहब उपाध्यक्ष विक्रांत फुटेला कोषाध्यक्ष डॉक्टर वीरपाल सिंह सचिव सुनील शुक्ला संचालक बी एल चोमवल आदि लोग की गौरवमई उपस्थित मै कार्यक्रम संचालित हो रहे हैं । भगवान गणेश भगवान की यह कथा हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम के सौजन्य से आपके अंदर गणेश भक्ति का संचार करेंगी भक्ति भाव से श्रवण करें

Spread the love

मेट्रोपोलिस में छाया गणेश महोत्सव का उल्लास, पंडालों में गूंजे ‘गणपति बप्पा मोरया’ के जयकारे

गणेशोत्सव की शुरुआत महाराष्ट्र की राजधानी पुणे से हुई थी. गणेश चतुर्थी का इतिहास मराठा साम्राज्य के सम्राट छत्रपति शिवाजी महाराज से जुड़ा है. मान्यता है कि भारत में मुगल शासन के दौरान अपनी सनातन संस्कृति को बचाने हेतु छत्रपति शिवाजी ने अपनी माता जीजाबाई के साथ मिलकर गणेश चतुर्थी यानी गणेश महोत्सव की शुरुआत की थी.

छत्रपति शिवाजी द्वारा इस महोत्सव की शुरुआत करने के बाद मराठा साम्राज्य के बाकी पेशवा भी गणेश महोत्सव मनाने लगे. गणेश चतुर्थी के दौरान मराठा पेशवा ब्राह्मणों को भोजन कराते थे और साथ ही दान पुण्य भी करते थे. पेशवाओं के बाद ब्रिटिश हुकूमत ने भारत में हिंदुओं के सभी पर्वों पर रोक लगा दी लेकिन फिर भी बाल गंगाधर तिलक ने गणेश चतुर्थी के महोत्सव को दोबारा मनाने की शुरूआत की. इसके बाद 1892 में भाऊ साहब जावले द्वारा पहली गणेश मूर्ति की स्थापना की गई थी.


Spread the love