भारत की ओर से इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और चीन की ओर से विदेश मंत्री वांग यी शामिल हुए। दोनों नेताओं ने चीन-भारत सीमा मुद्दे पर सकारात्मक और रचनात्मक तरीके से ठोस चर्चा की और छह आम सहमति पर पहुंच गए हैं। आइए जानते हैं इन बिंदुओं के बारे में विस्तार से।
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प्रिंट मीडिया,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर
1. बैठक में दोनों पक्षों ने सीमा मुद्दों पर दोनों देशों के बीच हुए समाधान का मूल्यांकन किया और इस बात को दोहराया कि इस क्षेत्र में कार्य जारी रहना चाहिए। दोनों देशों ने माना कि सीमा के विषय को द्विपक्षीय संबंधों की स्थिति से ठीक से संभाला जाना चाहिए ताकि इससे विकास पर प्रभाव न पड़े। दोनों देश इस बात पर सहमत हुए हैं कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखा जाए और द्विपक्षीय संबंधों के स्वस्थ और स्थिर विकास को बढ़ावा देने के लिए उपाय करना जारी रखा जाए।
2. भारत और चीन दोनों ही पक्षों ने साल 2005 में सीमा मुद्दे को हल करने पर दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधियों द्वारा सहमत राजनीतिक दिशानिर्देशों के अनुसार सीमा मुद्दे के लिए एक निष्पक्ष, उचित और पारस्परिक रूप से स्वीकार्य पैकेज समाधान की तलाश जारी रखने के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई है। दोनों देश इस प्रक्रिया को बढ़ावा देने के लिए सकारात्मक उपाय करेंगे।
3. भारत और चीन दोनों ही पक्षों ने सीमा की स्थिति का आकलन किया और सीमा क्षेत्र में मैनेजमेंट और नियंत्रण नियमों को और बेहतर करने के लिए, इसके लिए भरोसा बनाने के उपायों को मजबूत करने और सीमा पर स्थायी शांति प्राप्त करने पर सहमति व्यक्त की है।
4. भारत और चीन ने इस बात पर सहमति जताई है कि दोनों पक्ष सीमा पार आदान-प्रदान और सहयोग को मजबूत करना जारी रखेंगे। इसके साथ ही दोनों देश तिब्बत, चीन में भारतीय तीर्थयात्रियों की तीर्थयात्रा, सीमा पार नदी सहयोग और नाथुला सीमा व्यापार को फिर से शुरू करने को बढ़ावा देने पर सहमत हुए।
5. भारत और चीन विशेष प्रतिनिधियों की बैठक तंत्र का निर्माण करने और इसे मजबूत करने पर सहमत हुए हैं। इसके साथ ही राजनयिक और सैन्य वार्ता में समन्वय और सहयोग बढ़ाने और सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए चीन-भारत कार्य तंत्र (WMCC) को लागू करने की आवश्यकता पर सहमत हुए हैं।
6. भारत और चीन अगले साल भारत में विशेष प्रतिनिधियों की बैठक का एक नया दौर आयोजित करने पर भी सहमत हुए हैं। इसका समय राजनयिक चैनलों के माध्यम से तय किया जाएगा। इसके अलावा दोनों पक्षों ने बैठक में आम चिंता, द्विपक्षीय, अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर विचारों आदान-प्रदान भी किया है। इस बैठक में दोनों पक्षों ने अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय शांति के लिए स्थिर और बेहतर चीन-भारत संबंधों के महत्व पर जोर दिया है।
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