
रूद्रपुर 28 मार्च 2025 जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण की 20वीं बोर्ड की बैठक एपीजे अब्दुल कलाम सभागार में मण्डलायुक्त/अध्यक्ष जिला विकास प्राधिकरण दीपक रावत की अध्यक्षता में आयोजित हुई। बैठक में 24 प्रस्ताव को स्वीकृति देते हुए प्राधिकरण के वर्ष 2025-26 हेतु प्रस्तावित राजस्व आय 34.98 करोड़ व पूंजीगत आय 55 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की गई। शेष 25 प्रस्तावों को शासन के मार्गदर्शन, नियोजन विभाग की रिपोर्ट व संयुक्त सर्वे कराने के उपरांत अगली बोर्ड बैठक में रखने के निर्देश दिये गये।
बैठक में प्राधिकरण क्षेत्र में पूर्व में 50 वर्ग मीटर से कम में व्यवसायिक दुकाने आवंटित की गई थी जिनके नक्शे प्राधिकरण से पास नही हो पा रहे थे, आज बोर्ड की बैठक में मानक में शिथलीकरण करते हुए


प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)
व्यवसायिक दुकानों के नक्शे 40 वर्ग मीटर में प्राधिकरण में नक्शे पास करने हेतु स्वीकृति प्रदान की गई। काशीपुर में बहुमंजिला कार पार्किंग के चतुर्थ तल में व सितारगंज में पार्क एवं पार्किंग के व्यवसायिक भवन के छत पर डिजिटल पुस्तकालय निर्माण की स्वकृति दी गई। बोर्ड बैठक में 24 प्रस्ताव को स्वीकृति देते हुए 25 प्रस्तावों को संयुक्त निरीक्षण, शासन के मार्ग दर्शन व नियोजन विभाग की रिपोर्ट के उपरांत अगली बोर्ड बैठक में रखने के निर्देश दिये गये।
मण्डलायुक्त/अध्यक्ष जिला विकास प्राधिकरण श्री रावत ने कहा कि जनपद में बिना लेआउट नक्शा पास के अवैध कालोनियां काटी जा रही है जिनमे ड्रेनेज, पार्क, चौड़ी सड़के, एसटीपी जैसी जन सुविधाएं नही दी जा रही है जिससे खरीददार अपने को ठगा हुआ महसूस करता है। जिला प्रशासन व जिला विकास प्राधिकरण ने अवैध कालोनियांे पर प्रर्वतन की कार्यवाही की है जो सराहनीय है। उन्होने कहा कि अवैध कालोनियों पर प्रर्वतन की कार्यवाही आगे भी जारी रहेगी। उन्होने कहा कि बैठक में जिन प्रस्तावों में सभी मानक पूर्ण किये गये थे उन्हे स्वीकृति प्रदान की गयी व शेष प्रस्तावों को मानक पूर्ण कराने के निर्देश दिये गये है।
उपाध्यक्ष जिला विकास प्राधिकरण जय किशन ने बोर्ड बैठक में रूद्रपुर महायोजना रिंग रोड की वास्तविक स्थिति देखते हुए जोनिंग कराने का अनुरोध किया जिस पर मण्डलायुक्त/अध्यक्ष ने सर्वे कराकर प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। उपाध्यक्ष ने कहा कि मास्टर प्लॉन के बाहर खाली भूमि पर अनियोजित विकास हो रहा है जिसको रोकने का सुझाव रखा। जिस पर अध्यक्ष/मण्डलायुक्त ने शासन को पत्र प्रेषित करने के निर्देश दिये।
बैठक में जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया, सचिव जिला विकास प्रधिकरण पंकज उपाध्याय, मुख्य कोषाधिकारी डॉ0 पंकज कुमार शुक्ल, नगर आयुक्त नरेश चन्द्र दुर्गापाल, अधीक्षाण अभियंता जल निगम वीके जोशी, सहायक नगर आयुक्त काशीपुर कमल सिंह मेहता, पार्षद नगर निगम काशीपुर बीना नेगी, विजय कुमार, अवर अभियंता नियोजन आरएल भारती आदि मौजूद थे।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में 1064 हेल्पdलाइन की बैठक के दौरान निर्देश दिये कि भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखण्ड के लिए सभी विभागों द्वारा अपने स्तर से प्रयास किये जाएं। विभागों में जिन मामलों में अधिक शिकायतें प्राप्त हो रही हैं, विभागों द्वारा इसके समाधान के लिए उचित कार्यवाही की जाए। एक ही स्थान पर लंबे समय से तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों का समय-समय पर ट्रांसफर किया जाए। 1064 हेल्पलाइन की प्रभावशीलता को नियमित बनाये रखने के लिए सभी विभाग विजिलेंस को सहयोग करें। सीएम हेल्पलाइन 1905 के साथ 1064 हेल्पलाइन की भी समीक्षा की जायेगी।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि भ्रष्टाचार की शिकायत पर सघन जांच के साथ कठोर कार्यवाही भी की जाए। यह सुनिश्चित किया जाए की शिकायतकर्ता की गोपनीयता बनी रहे और भ्रष्टाचार की शिकायत होने पर यदि वह सही पाई जाती है, तो शिकायतकर्ताओं को प्रोत्साहित भी किया जाए। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार को रोकने के लिए विभाग स्तर पर नोडल अधिकारी बनाये जाएं और उनको प्रशिक्षण भी दिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार निवारण में सभी विभाग विजिलेंस को सहयोग करें।
बैठक में जानकारी दी गई कि पिछले तीन सालों में कुल 66 लोगों को ट्रैप किया जा चुका है। 72 भ्रष्टाचारियों को हिरासत में भी लिया गया है। राजस्व विभाग, पुलिस और विद्युत विभाग में सबसे अधिक कार्मिक ट्रैप किए गए है। 2025 में टोलफ्री नंबर 1064 एवं वेबसाइट से अब तक 343 शिकायतें प्राप्त हुई है, जिन पर कार्यवाही गतिमान है। रिवॉल्विंग फंड के तहत ट्रैप की कार्यवाही में शिकायतकर्ताओं को ट्रैप की धनराशि वापस की जाने की प्रकिया शुरू की गई है। जिसमें वर्तमान में 33 लोगों को ट्रैप की धनराशि वापसी की प्रक्रिया गतिमान है।
बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव न्याय श्री प्रदीप पंत, प्रमुख सचिव श्री आर.के सुधांशु, श्री एल. फैनई, श्री आर.मीनाक्षी सुदंरम, निदेशक सतर्कता श्री वी. मुरूगेशन, सचिवगण, विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष और वर्चुअल माध्यम से जिलाधिकारी उपस्थित थे।
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