भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में योगी आदित्यनाथ के नाम को आगे बढ़ाया जा रहा है। इस प्रक्रिया में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की भूमिका महत्वपूर्ण है।

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सूत्रों के मुताबिक, 2017 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने के लिए योगी की पसंदगी पर संघ ने ‘वीटो’ का इस्तेमाल किया था, और अब भी वे इसी तरह राष्ट्रीय स्तर पर फैसला लेने में अहम भूमिका निभाएंगे।

प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ के बीच दिल्ली में लगभग एक घंटे की बैठक हुई, जिससे योगी को भाजपा का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने के संकेत मजबूत हुए हैं। संघ की प्रतिनिधि सभा 21 तारीख को बेंगलुरु में शुरू होगी, जहां अंतिम फैसला लिया जाएगा। 2017 में भी जब उत्तर प्रदेश में भाजपा की भव्य जीत हुई थी, तब योगी को गोरखपुर से सांसद के रूप में खास विमान में दिल्ली बुलाकर मुख्यमंत्री बनाया गया था। योगी को संघ की विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए सबसे उपयुक्त नाम माना जा रहा है।

संघ का उद्देश्य भाजपा की राजनीतिक सफलता को निर्णायक तौर पर अपने हाथ में लेना है, और इस संदर्भ में योगी आदित्यनाथ को सबसे बेहतरीन विकल्प माना जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि योगी का नेतृत्व भाजपा को आगामी चुनावों में मजबूती प्रदान कर सकता है।

2017 में जब योगी को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया था, तब भी संघ की सहमति निर्णायक रही थी। अब, भाजपा के शीर्ष नेतृत्व में बदलाव की चर्चा के बीच संघ की राय बेहद महत्वपूर्ण हो गई है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ की दिल्ली में लगभग एक घंटे तक बैठक हुई, जिससे इन अटकलों को और बल मिला है।

संघ की प्रतिनिधि सभा 21 तारीख को बेंगलुरु में होने जा रही है, जहां इस पर अंतिम निर्णय लिया जा सकता है। भाजपा के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, संघ योगी को पार्टी की विचारधारा को मजबूत करने के लिए सबसे उपयुक्त चेहरा मानता है, और उनके नेतृत्व में भाजपा को आगामी चुनावों में लाभ मिल सकता है।


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