उत्तराखंड में सरकार द्वारा मदरसों के संचालन में सख्ती पर पंजीकरण को लेकर संचालकों ने दिलचस्पी दिखाई है। गैर पंजीकृत मदरसों की जांच के बाद अब मदरसा बोर्ड में मान्यता के लिए आवेदन करने लगे हैं।

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प्रदेश में अस्सी मदरसों को मान्यता दी जाएगी। इनमें करीब 60 पुराने और 20 नए आवेदन हैं।

प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संवाददाता दिनेश बम रुद्रपुर, (उत्तराखंड)

मदरसा बोर्ड की ओर से करीब पांच साल बाद मान्यता के लिए मान्यता समिति की बैठक 27 को आयोजित की जा रही है। इस बैठक में करीब 40 मदरसों की मान्यता का नवीनीकरण भी होगा, इन मदरसों की मान्यता सालों पहले खत्म हो गई थी।

मदरसों की मान्यता के लिए सोसायटी पंजीकरण, मदरसे के नाम जमीन, बच्चों के अनुसार शिक्षक, किताबें, लाइब्रेरी, फर्नीचर, पानी, शौचालय आदि की व्यवस्था के 17 बिंदु पूरे करने होते हैं। अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी की रिपोर्ट पर मदरसा बोर्ड मान्यता देता है। प्रदेश में अभी 415 मदरसे पंजीकृत हैं। इनमें 46 हजार छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं।

उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने बताया कि सीएम पुष्कर सिंह धामी मदरसा छात्रों की शिक्षा को लेकर संवेदनशील हैं। एक हाथ में कुरान, एक में कंप्यूटर के सिद्धांत पर सरकार कार्य कर रही है। जल्द समकक्षता का मसला हल हो जाएगा। बोर्ड द्वारा तहतानिया, फोखानिया, आलिया स्तर की मान्यता के लिए 27 फरवरी को बैठक बुलाई गई है। सभी नए एवं पुराने आवेदनों पर स्थलीय जांच कराई गई है। नियमों एवं पारदर्शिता के तहत मान्यता दी जाएगी।


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