
28 मार्च 2024 को डेरे में घुसकर बाइक सवार शार्प शूटरों सर्बजीत सिंह और अमरजीत सिंह ने बाबा तरसेम सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी थी। दोनों बदमाशों के सीसीटीवी फुटेज मिलने के बाद भी पुलिस करीब 12 दिनों तक एक भी शार्प शूटर का सुराग नहीं लगा सकी।


हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /प्रिंट मीडिया शैल ग्लोबल टाइम्स/ अवतार सिंह बिष्ट,रूद्रपुर उत्तराखंड
शार्प शूटरों ने सोशल मीडिया के माध्यम से पुलिस टीमों को गुमराह भी किया। कभी बदमाशों ने सोशल मीडिया एकाउंट के माध्यम से अपनी लोकेशन बांग्लादेश की राजधानी ढाका दिखाई तो कभी नेपाल और कनाडा भागने की भी चर्चाएं होती रहीं।
दोनों बदमाशों के पीलीभीत के रास्ते नेपाल भागने की भी चर्चा होती रही, लेकिन शाहजहांपुर के बाद उनका पता नहीं चल सका। बदमाशों की तलाश में पुलिस ने पंजाब, हरियाणा, यूपी समेत पांच राज्यों में भी दबिश दी। इस मामले में पुलिस नेटवर्क और खुफिया तंत्र नाकाम साबित हुआ। बदमाशों की धरपकड़ के लिए शासन स्तर पर गठित एसआईटी में 87 सदस्यों को शामिल करने का कोई भी फायदा नहीं मिला। इसके अलावा एसटीएफ, एसओजी समेत करीब 11 टीमें खुलासे के लिए जुटी रहीं।
नानकमत्ता में डेरा कारसेवा प्रमुख तरसेम सिंह की हत्या करने वाले शूटर को उत्तराखंड पुलिस ने हरिद्वार में 15 साल बाद एनकाउंटर में ढेर कर दिया है। जिससे बदमाशों में एक बार फिर से उत्तराखंड पुलिस का उत्तर प्रदेश पुलिस की तरह खौफ पैदा होगा।
कई बड़े बदमाशों का एनकाउंटर किया
उत्तराखंड बने हुए 24 साल हो गए हैं। शुरुवाती दौर में उत्तराखंड पुलिस ने कई बड़े बदमाशों का एनकाउंटर किया। वर्ष, 2008 में हल्द्वानी पुलिस ने रुद्रपुर के ट्रांजिट कैंप के खेड़ा क्षेत्र में पहुंचकर डकैतों की घेराबंदी की थी। जिस पर बदमाशों ने पुलिस पर फायर झोंक दिया था। जवाबी फायरिंग में डकैत ढेर हो गए थे।
इसके बाद वर्ष, 2009 में देहरादून में फर्जी रणवीर एनकाउंटर हुआ था। एनकाउंटर के बाद पुलिस कर्मियों को मिली सजा के बाद पुलिस बदमाशों का एनकाउंटर करने से पीछे हटने लगी थी। जिससे उत्तराखंड के ऊधम सिंह नगर, नैनीताल, हरिद्वार और देहरादून में अपराधियों के हौसले बुलंद हो गए थे।
हालत यह हो गई थी कि पुलिस पर भी कई बार फायरिंग के साथ ही गदरपुर में एक कांस्टेबल और नानकमत्ता में एक होमगार्ड की भी हत्या कर दी गई। यही नहीं कई बार बदमाशों को पकड़ने गई उत्तराखंड पुलिस की पिटाई भी की गई। लेकिन 15 साल बाद जब बदमाशों ने 28 मार्च को जब नानकमत्ता में डेरा कारसेवा प्रमुख तरसेम सिंह की हत्या की तो उसके एक हत्यारोपित अमरजीत सिंह को पुलिस ने हरिद्वार में एनकाउंटर में ढेर कर दिया। घटना से बेखौफ हो बदमाशों में अब उत्तर प्रदेश पुलिस की तरह ही उत्तराखंड पुलिस का खौफ पैदा होगा।
अब तक हुए बदमाशों से पुलिस के मुठभेड़
केस-1
वर्ष 2014 में पंजाब के इनामी बदमाशों की रुद्रपुर में शरण लेने की सूचना पर पंजाब पुलिस पहुंची। जब पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दी तो उन्होंने पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी थी। बदमाशों के हौसले इतने बुलंद थे कि दिनदहाड़े वह काशीपुर बाइपास रोड होते हुए गदरपुर की ओर फायरिंग करते हुए फरार हो गए।
केस-2
वर्ष 2016 में रुद्रपुर पुलिस ने काशीपुर रोड पर तेल मिल के पास उत्तर प्रदेश क्षेत्र में दबिश दी थी। इस दौरान लोगों ने पुलिस का विरोध करते हुए टीम पर हमला कर दिया था। हमले के बाद पुलिस की ओर से फायरिंग हुई थी। जिससे एक युवती गोली लगने से घायल हो गई थी।
केस-3
वर्ष 2017 में कांग्रेसी नेता किरन सरदार की हत्या करने के लिए बिहार और छत्तीसगढ़ से भाड़े के शूटर आए थे। इस दौरान वह कई दिनों तक ट्रांजिट कैंप में किराए में रहकर रेकी करते रहे। मौका मिलते ही उन्होंने किरन सरदार के कार्यालय में स्टेनगन से ताबड़तोड़ कई राउंड फायर कर दिया। हालांकि बाद में मौके पर पहुंची पुलिस ने मुठभेड़ के बाद लोगों की मदद से उन्हें दबोच लिया था।
केस-4
17 नवंबर 2020 को सितारगंज में पुलिस पर चेकिंग के दौरान हरियाणा के तीन इनामी बदमाशों से मुठभेड़ हो गई थी। इस पर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। जब जांच की गई तो पता चला वह लंबे समय से सितारगंज में किराए पर रह रहे थे। गिरफ्तार बदमाश पवन पर एक लाख रुपये, मोनू पर 50 और आशीष पर 25 हजार का इनाम घोषित था।
केस-5
19 जुलाई 2021 को स्पेशल टास्क फोर्स को पंजाब के क्राइम कंट्रोल यूनिट से सूचना मिली कि पंजाब के खूंखार गैंगस्टर काशीपुर में शरण लिए हुए हैं। जिसके बाद एसटीएफ कुमाऊं मंडल और पंजाब की क्राइम कंट्रोल यूनिट के खूंखार गैंगस्टरों से काशीपुर के गुलजारपुर गांव में मुठभेड़ हो गई। जिसमें तीन गैंगस्टर समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया।
केस-6
सात अक्टूबर 2022 को वांछित बदमाश की धड़पकड़ को बिजनौर पुलिस ने गदरपुर पुलिस के साथ दबिश दी थी। इस दौरान लोगों ने पुलिस का विरोध शुरू करते हुए हाथापाई शुरू कर दी थी। साथ ही पुलिस कर्मियों से बंदूक छीनने का भी प्रयास किया था।
पुलिस ने हत्याकांड में कुल 11 आरोपित चिन्हित किए हैं। इस मामले में अब तक सात आरोपित गिरफ्तार हो चुके हैं। मुख्य आरोपितों में से आज एक पुलिस मुठभेड़ में ढेर हो चुका है। जबकि तीन आरोपित फरार चल रहे हैं। हालांकि अभी बाबा तरसेम सिंह की हत्या का कारण भी स्पष्ट नहीं हो सका है।
उधमसिंह नगर जनपद के नानकमत्ता गुरुद्वारा साहिब के डेरा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह हत्याकांड के मुख्य आरोपित बदमाश अमरजीत उर्फ बिट्टू के साथ हरिद्वार में पुलिस की हुई मुठभेड़ के संबंध में कोर्ट रोड स्थित सरदार पटेल भवन में प्रेसवार्ता के दौरान पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड अभिनव कुमार, पुलिस महानिरीक्षक पी/एम नीलेश आनन्द भरणे, पुलिस महानिरीक्षक गढ़वाल परिक्षेत्र करण सिंह नगन्याल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि सोमवार की देर शाम एसटीएफ एसएसपी हरिद्वार को बाबा तरसेम सिंह की हत्या में वांछित इनामी बदमाशों के सहारनपुर से हरिद्वार भगवानपुर कलियर होकर मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश जाने की गुप्त सूचना मिली।
इस पर पूरे हरिद्वार जनपद में जगह-जगह एसटीएफ टीम के साथ संयुक्त रूप से सघन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा था। इसी दौरान थाना भगवानपुर क्षेत्रांतर्गत गागलहेड़ी तिराहे पर चेकिंग प्वाइंट पर मोटरसाइकिल से आ रहे दो संदिग्ध बदमाशों को पुलिस ने रोकने का प्रयास किया तो दोनों बदमाश तेजी से भगवानपुर से इमलीखेड़ा-कलियर की तरफ भागने लगे। पुलिस टीम ने पीछा कर उन बदमाशों को घेर लिया तो उन्होंने पुलिस टीम पर फायर किया। इस पर पुलिस की जवाबी कार्रवाई में एक बदमाश अमरजीत को गोली लगी। जबकि दूसरा बदमाश अंधेरे का फायदा उठाकर मौके से भाग गया। घायल बदमाश को तत्काल सिविल अस्पताल रुड़की भेजवाया गया, जहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया। मौके से एक पिस्टल, छह कारतूस, घटना में प्रयुक्त मोटरसाइकिल भी बरामद हुई है।
बदमाश पर एक लाख रुपये था इनाम-
मृतक बदमाश अमरजीत सिंह उर्फ बिट्टू (48) पुत्र सुरेंद्र सिंह, फतेहगढ़ चूड़ियां रोड नगलीभट्टा, अमृतसर- पंजाब और सिहौरा थाना बिलासपुर जिला रामपुर उत्तर प्रदेश का रहने वाला है, जो एक लाख रुपये का इनामी था और उधमसिंह नगर के नानकमत्ता गुरुद्वारा साहिब के डेरा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह की हत्या में वांछित था।
यह था मामला-
दरअसल, गत 28 मार्च को थाना नानकमत्ता क्षेत्र में डेरा कारसेवा नानकमत्ता के प्रधान बाबा तरसेम सिंह की रायफल से गोली मारकर हत्या कर दी गई थी और बाबा के सेवादार पर भी जान से मारने की नियत से फायर किया गया था। इस संबंध में नानकमत्ता थाना में मुकदमा पंजीकृत किया गया। हत्याकांड में एक लाख के इनामी अभियुक्त सरबजीत सिंह, वांछित सुल्तान सिंह व सतनाम सिंह की गिरफ्तारी के लिए गठित टीम पंजाब, उत्तर प्रदेश, दिल्ली के विभिन्न स्थानों पर दबिश दे रही है।
शूटर अमरजीत का आपराधिक इतिहास-
शूटर अमरजीत सिंह उर्फ बिट्टू उर्फ गंडा पुत्र सुरेंद्र सिंह निवासी सिहौरा थाना बिलासपुर जिला रामपुर उत्तर प्रदेश का आपराधिक इतिहास है। 13 नवंबर 1991 को शूटर अमरजीत ने अपने साथियों के साथ आतंकवादियों को पनाह देने और आतंकवादियों के साथ मिलकर खालिस्तान के समर्थन में नारे लगाने के संबंध में रामपुर के कोतवाली बिसालपुर में मुकदमा पंजीकृत है।
गत18 मई 2007 को पंजाब नेशनल बैंक शाखा गदरपुर में छह लाख 22 हजार 618 रुपये व मोबाइल फोन की डकैती डालने, शाहजहांपुर में 18 मई 2011 को भारतीय स्टेट बैंक कृषि विकास शाखा कस्बा पुवाया में बैंक कर्मियों व ग्राहकों को बंधक बनाकर 27.53 लाख की डकैती, रुद्रपुर थाना में 16 सितंबर 2014 को पंजाब एण्ड सिंध बैंक में घुसकर गैस कटर से बैंक एटीएम को काटकर चोरी का प्रयास करना एवं पुलिस के मौके पर पहुंचने पर जान से मारने की नियत से पुलिस पर फायर करना, मौके पर मय असलाह गिरफ्तार के संबंध में मुकदमा दर्ज है।


