
रुद्रपुर,हिमाद्री जन सेवा समिति रुद्रपुर कुंदन सिंह भंडारी महासचिव द्वारा पुतला फूंककर वक्ताओं ने कहा कि सदन की कार्यवाही के दौरान मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने गैर संसदीय भाषा का प्रयोग कर पर्वतीय समाज को अपमानित करने का प्रयास किया है। कार्यकर्ताओं ने विधानसभा स्पीकर पर गलत का साथ देने का आरोप लगाते हुए उनके नारेबाजी की।


प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)
(उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी परिषद उत्तराखंड) केंद्रीय अध्यक्ष, अवतार सिंह बिष्ट, उत्तराखंड राज्य पहाड़ की मूल अवधारणा को ध्यान में रखकर आंदोलन किया गया था ! 42 लोगों ने अपनी उत्तराखंड राज्य आंदोलन में शहादत दी। आज फिर से उत्तराखंड राज्य विरोधी मानसिकता के व्यक्ति का चरित्र उजागर हुआ है। संसदीय कार्य मंत्री के रूप में चार बार के विधायक द्वारा विधानसभा में पहाड़ियों के संदर्भ में अमर्यादित भाषा का प्रयोग कर अपनी मानसिकता का परिचय दिया है। सरकार को चाहिए कि ऐसी मानसिकता के व्यक्ति को तुरंत बर्खास्त किया जाए। अन्यथा की स्थिति में प्रदेशव्यापी आंदोलन किया जाएगा। 2027 में सरकार को इसका खामियांजा भुगतना पड़ेगा।
हिमाद्री जन सेवा समिति के पदाधिकारी प्रचार सचिव बीके नेगी ने कहा कि पहले पूरे देश में धर्म के नाम पर भाजपा लोगों को बांट रही थी, अब उत्तराखंड को पहाड़ और मैदानी के नाम पर बांटने की साजिश की जा रही है, जिसे पूरा नहीं होने देगी। कार्यकर्ताओं ने कहा कि अगर कैबिनेट मंत्री ने अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया और भाजपा ने उन्हें मंत्री पद से नहीं हटाया तो प्रदेश भर में उग्र आंदोलन करेगी।
,, हिमाद्री जन सेवा समिति सेवा समिति के लोगों का बयान कि मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने पूरे पर्वतीय समाज के लिए अपशब्द बोले हैँ। जबकि विधानसभा अध्यक्ष और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भी लोगों की भावनाएं आहत कर रहे हैं। इसे पर्वतीय समाज बर्दाश्त नहीं करेगा और इसका प्रतिकार किया जाएगा।
राष्ट्रीय मानबाधिकार के जिला अध्यक्ष उधम सिंह नगर सत्यपाल सिंह रावत। ने कहा कि जब राज्य को अलग बनाने के लिए आंदोलन चल रहा था, तब हम कॉलेज में पढ़ा करते थे. हम भी जुलूस और प्रदर्शन में शामिल होते थे लेकिन नेताओं के मुंह से ऐसे बयान सुनकर दुख हो रहा है. मेरा मानना है कि ऐसे नेताओं को सबक सिखाया जाना चाहिए. अरुण नेगी हिमाद्री जन सेवा समिति उप सचिव ने कहा कि विधानसभा सत्र के दौरान सदन के भीतर ऐसे बयान देना आपत्तिजनक श्रेणी में आता है. मुझे समझ नहीं आता है कि वहां बैठे अन्य पहाड़ी क्षेत्रों के विधायक कैसे चुप बैठे रहे. इस तरह के बयान कभी भी समाज में स्वीकार नहीं किए जाएंगे.
पार्वतीय समाज में भारी आक्रोश नरेश गोसाई, अनूप सिंह, चंदन सिंह, कमलेश ओझा, कैलाश सिंह ,विपिन पोखरियाल, विपिन खगरीयाल, संतोष डोबरियाल, जगदीश रावत, राहुल जोशी, नरेंद्र रावत, भारत सिंह नेगी, सुनील रावत, दिनेश राणा, दिनेश पटवाल, चंद्र मोहन लाखेड़ा, उमेद गोसाई, हरीश बिष्ट, दीपेंद्र भट्ट, विकास भंडारी, सत्येंद्र चौहान, कमल सिंह, यशवंत सिंह, नरेंद्र सिंह, बीके नेगी, कुंदन भंडारी, द्वारिका प्रसाद नौटियाल , सत्यपाल सिंह रावत उमेद सिंह ,सतीश कांति ,दीपेंद्र भट्ट धीरेंद्र सिंह, सभी ने एकजुट होकर कहा कि विधानसभा में पहाड़ियों को सरेआम गाली देकर जनभावनाओं को आहत किया है, जिसे पहाड़ की जनता कभी माफ नहीं करेगी।
