बद्रीनाथ धाम (Badrinath Dham) के पुजारियों ने पास के जरिए वीआईपी दर्शन शुरू करने और मंदिर के दूसरी तरफ से मंदिर के द्वार बंद करने के बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के फैसले का विरोध किया है।

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पुजारियों का कहना है कि मंदिर समिति के फैसले से उन्हें भक्तों के लिए पूजा करना मुश्किल हो गया। बता दें बीकेटीसी ने वीआईपी दर्शन की शुरुआत की है। इसके लिए वह बद्रीनाथ में हर व्यक्ति से 300 रुपये शुल्क ले रहा है।

हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/ प्रिंट मीडिया शैल ग्लोबल टाइम्स/ अवतार सिंह बिष्ट, रूद्रपुर उत्तराखंड

बद्रीनाथ मंदिर समिति के सदस्यों ने उक्त फैसले के खिलाफ साकेत चौक और बदरीनाथ धाम में सोमवार को सुबह 8 बजे से दोपहर 3 बजे तक धरना प्रदर्शन किया। पुजारी समूह ने मांग की कि मंदिर के पुजारी समुदाय के बामनी गांव का रास्ता खोला जाना चाहिए। वीआईपी दर्शन की प्रथा को बंद किया जाना चाहिए क्योंकि जिन द्वारों से वीआईपी तीर्थयात्रियों को अनुमति दी जा रही थी, उन्हें मंदिर के पुजारियों के लिए बंद कर दिया गया है।

इससे उनको मंदिर में प्रवेश करने में कठिनाई हो रही है। एसडीएम बद्रीनाथ सीएस वशिष्ठ ने धरना स्थल पर पहुंचकर पुजारी समुदाय के सदस्यों को समझाने की कोशिश की। पुजारी समुदाय ने कहा कि जब तक मंदिर तक जाने वाले मार्ग से बैरिकेडिंग हटाने, वीआईपी दर्शन प्रथा को बंद करने, हेली सेवा संचालकों को पैकेज के रूप में दिए जाने वाले वीआईपी दर्शन को बंद करने की मांग पूरी नहीं की जाती वे अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे।

पुजारी समूह ने कहा कि तीर्थयात्रियों को टोकन प्रणाली में आवंटित समय स्लॉट के अनुसार दर्शन की अनुमति दी जानी चाहिए। बद्रीनाथ तीर्थ पुरोहित समाज बद्रीनाथ के कार्यकारी सदस्य विजय ध्यानी ने कहा कि प्रशासन और बीकेटीसी की ओर से वीआईपी दर्शन की व्यवस्था लागू किए जाने के बाद से प्रशासन ने पुजारियों के लिए द्वार बंद कर दिए हैं। इसकी वजह से मंदिर के पुजारी हिंदू परंपराओं के अनुसार पूजा पाठ करने के लिए मंदिर में प्रवेश करने में असमर्थ हैं।

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