
केदारनाथ-बदरीनाथ समेत चारों धामों के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया 15 से 20 मार्च के बीच शुरू कर दी जाएगी। पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे ने कहा कि रजिस्ट्रेशन के लिए आधार नंबर को जरूर अनिवार्य कर दिया गया है।


प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)
रजिस्ट्रेशन को आधार से लिंक किया जाएगा। इससे यात्री की पहचान और संख्या की सही सही गणना करना आसान हो जाएगा। मालूम हो कि पिछले कुछ समय से चारधाम यात्रा के रजिस्ट्रेशन को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई थी।
माना जा रहा था कि रजिस्ट्रेशन तभी होगा जब यात्री की चारधाम मार्ग पर रहने की पुख्ता व्यवस्था हो। यात्रियों के लिए होटल की बुकिंग का ब्योरा भी रजिस्ट्रेशन में दर्ज करने की बात सामने आ रही थी।
पर्यटन सचिव नेकहा कि रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में इस प्रकार की कोई बाध्यता नहीं रखी गई है। रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूर्व की तरह ही रहेगी। रजिस्ट्रेशन के लिए पोर्टल को जल्द शुरू कर दिया जाएगा। फिलहाल इसके लिए 15 मार्च की तारीख तय की गई है।
देहरादून से मसूरी का सफर 2026 से रोपवे से करिए
उत्तराखंड में चार प्रमुख मंदिर और पर्यटन स्थलों में नए रोपवे के निर्माण का रास्ता साफ हो गया। उत्तरकाशी में रैथल बारसू,, वरुणावत पर्वत, रुद्रप्रयाग में कार्तिकेय स्वामी मंदिर और टिहरी में कुंजापुरी मंदिर रोपवे प्रोजेक्ट की उपयुक्तता जांच में विशेषज्ञों ने हरी झंडी दे दी है।
पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे ने हिन्दुस्तान से बातचीत में इसकी पुष्टि की। इन चारों प्रोजेक्ट पर पिछले काफी समय से काम किया जा रहा था। फिजीबिलिटी रिपोर्ट के सकारात्मक आने से इन प्रोजेक्ट पर आगे की कार्यवाही का रास्ता खुल गया है। इसके साथ ही केदारनाथ और हेमकुंड साहिब रोपवे प्रोजेक्ट के निर्माण एजेंसी के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
जल्द ही उन्हें फाइनल कर दिया जाएगा। दून से मसूरी तक रोपवे प्रोजेक्ट सितंबर 2026 से पर्यटकों के लिए शुरू हो जाएगा। पर्यटन सचिव ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के तहत 26 टॉवर बनाए जाने हैं। यमुनोत्री रोपवे प्रोजेक्ट में बनने वाले नौ टॉवर में पांच टॉवर को दिसंबर अंत तक तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। पूर्णगिरी मंदिर के रोपपे की जांच भी जारी है। नैनीताल रोपवे प्रोजेक्ट के लिए लैंड ट्रांसफर की एनओसी मिल गई है।
